Amrita Pritam: मशहूर कवयित्री, उपन्यासकार और निबंधकार अमृता प्रीतम(Amrita Pritam)किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। अमृता पंजाबी भाषा की जानी-मानी कवयित्री थी। उन्होंने बचपन से ही पंजाबी में कविता, कहानी और निबंध लिखना शुरू कर दिया था। उनका नाम उन साहित्यकारों में शामिल है, जिनका संकलन महज 16 साल की उम्र में प्रकाशित हुआ है। दिल्ली में आने के बाद अमृता ने हिंदी में लिखना शुरू किया।
अमृता ने लिखी सौ किताबें (Amrita Pritam)
अपने जीवन काल में अमृता ने लगभग सौ किताबें लिखीं। इनमें से कई किताब ऐसे हैं, जिनका हिंदी में अनुवाद किया गया है। साहित्य में योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है। इतना ही नहीं कई देशों ने भी उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा। 15 साल पहले 31 अक्टूबर, 2005 में लंबी बीमारी के चलते उनका निधन हो गया।
बचपन में ही तय हो गई थी शादी
अमृता अपनी निजी जिंदगी को लेकर काफी चर्चा में रहीं। दिल्ली की रहने वाली अमृता प्रीतम लाहौर के साहिर लुधियानवी पर दिल हार बैठीं। दोनों की मुलाकात दिल्ली के एक कार्यक्रम में हुई। अमृता अपनी कविताओं की तरह ही सुंदर और खूबसूरत थीं। हालांकि, अमृता प्रीतम पहले से शादीशुदा थीं। बचपन में ही उनकी शादी प्रीतम सिंह से तय हो गई थीं।
अधजली सिगरेट पीती थीं अमृता
मगर अमृता अपनी शादीशुदा जिंदगी में खुश नहीं थीं और साहिर लुधियानवी के आने के बाद उनके जीवन में बहार आ गई, लेकिन दोनों कभी एक-दूसरे के नहीं हो पाए। दोनों की प्रेम कहानी काफी दिलचस्प थी। अमृता और साहिर जब भी एक-दूसरे से मिलते तो बिना कुछ कहे आंखों ही आंखों में अपने दिल की बात कह देते थे। साहिर लगातार सिगरेट पीते और उनकी अधजली सिगरेट को वापस जलाकर पीती थीं।
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