Sun Poisoning: गर्मियों शुरू हो चुकी हैं इसके साथ ही तेज धूप के कारण सनबर्न और टैनिंग की परेशानी भी आम हो जाती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपको सूरज की रोशनी से “सन पॉइजनिंग” भी हो सकती है। कुछ लोगों को सन बर्न और सन प्वाइजनिंग के अंतर के बारे में नहीं पता, उन्हें लगता है दोनों एक हैं लेकिन आपको बता दें कि सनबर्न की तुलना में सन प्वाइजनिंग काफी खतरनाक होता है।
सन प्वाइजनिंग ही सन बर्न का घातक रूप होता है। आपको ये बात मालूम होगी की जब आप लंबे वक्त तक सूरज की किरणों के संपर्क में रहते हैं तो इससे सन बर्न हो जाता है। इसे ठीक करने के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट लेना पड़ता है। जब सन बर्न होता है तो उसमे आपकी त्वचा पर जलन होने लगती है और पपड़ी बनने लगती है। आज हम आपको इसके लक्षण और इससे बचने के कुछ उपाय बता रहे हैं।
सन प्वाइजनिंग के लक्षण
स्किन लाल होना
स्किन पर पपड़ी पड़ना
सिर दर्द होना
चक्कर आना
डिहाइड्रेशन होना
मतली या उल्टी
बेहोशी होना
वहीं जब सन प्वाइजनिंग ज्यादा बढ़ जाती है तो इसमें से मवाद या पानी निकलने लगता है। कुछ दिनों में इस में दर्द शुरू हो जाता है। सन पॉइजनिंग जब शरीर से इलेक्ट्रोलाइट्स को निकाल देता है तो आपको मतली महसूस होगा, उलझन बढ़ेगी तेज ठंड लगेगी।
सन प्वाइजनिंग के बचाव
सनस्क्रीन का प्रयोग करें।
एसपीएफ 30 से ऊपर वाले सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल करें।
स्किन को पूरी तरह से कवर करके ही घर से बाहर निकले।
डार्क रंग के कपड़े पहनने से बचें, साथ ही सिर को टोपी या कपड़े से कवर करें।
सुबह से लेकर शाम के बीच घर से बाहर निकलने से परहेज करें।
ज्यादा से ज्यादा खुद को हाइड्रेट रखें।
अगर आपको बहुत ज्यादा पसीना आता है तो हर 2 घंटे पर सनस्क्रीन जरूर लगाएं।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव को करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।