Anurag Kashyap Birthday: फेमस फिल्म निर्माता और निर्देशक अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) का आज जन्मदिन है। उन्हें लीग से हटकर फिल्म बनाने के लिए जाना जाता है। उनकी फिल्मों में समाज की वास्तविकता की झलक देखने को मिलती है। आज अनुराग इतने बड़े डायरेक्टर बन चुके अनुराग कभी भी इस चकाचौंध भरी दुनिया में नहीं आना चाहते थे, बल्कि साइंटिस्ट बनना चाहते थे। लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था। यही नहीं डायरेक्टर ने अपने करियर की शुरुआत में भी बहुत स्ट्रगल किया और तो और पैसे की तंगी की वजह से सड़क पर रात बिताई। आइए जानते आज उनके बर्थडे के मौके पर कुछ खास बातें जो आप नहीं जानते होंगे।
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बचपन से साइंटिस्ट बनना चाहते थे अनुराग
बहुत कम लोग जानते होंगे की अनुराग कश्यप डायरेक्टर नहीं बल्कि साइंटिस्ट बनना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने दिल्ली के हंसराज कॉलेज में एडमिशन ले लिया, और अपनी आंखों में दुनिया और ब्रह्मांड में छिपे रहस्यों को खोजने के सपने सजाने लगे। पढ़ाई के दौरान अनुराग का रुझान थिएटर की ओर बढ़ने लगा और उन्होंने फिल्म जगत में कदम रख लिया। फिल्मी करियर में वो कई बार अपनी फिल्मों और पर्सनल लाइफ की वजह से विवादों में भी आए।
मुंबई की सड़कों पर बीती रातें
अनुराग कश्यप पिता बिजली विभाग में इंजीनियर थे इसलिए उनका बचपन कई शहरों में बीता। अनुराग की शुरुआती पढ़ाई देहरादून में हुई और आगे की पढ़ाई ग्वालियर के सिंधिया में की। ग्रेजुएशन करने के लिए दिल्ली के हंसराज कॉलेज में एडमिशन लिया। वहीं से थियेटर का शौक हुआ और साल 1993 में मुंबई का रुख कर लिया। जब वो माया नगरी मुंबई गए को उनकी जेब में सिर्फ 5 हजार रुपए थे। स्ट्रगल के दौरान जब पैसे खत्म हो गए तो उन्हें अपनी कुछ रातें मुंबई की सड़कों पर भी बितानी पड़ी।
इन फिल्मों से किया मुकाम हासिल
हालांकि अनुराग को सफलता हासिल करने के लिए बेहद स्ट्रगल करना पड़ा लेकिन बावजूद इसके उन्होंने कई हिट फिल्में दी। साल 1998 में अनुराग कश्यप को राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘सत्या’ में के लिए कहानी लिखने का मौका मिला ये फिल्म हिट रही। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’. ‘ब्लैक फ्राइडे’, ‘देव डी’. ‘बॉम्बे टॉकीज’, ‘अगली’, ‘रमन राघव 2.0’ और ‘मनमर्जिया’ जैसी फिल्में बना डालीं।