Dada Saheb Phalke Award: वेटरन एक्ट्रेस आशा पारेख (Asha Parekh) को इस साल दादा साहब फाल्के अवॉर्ड (Dada Saheb Phalke Award) से सम्मानित किया जाना है। इस बात की घोषणा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने की है।
79 साल की हैं आशा पारेख
हिंदी सिनेमा की वेटरन एक्ट्रेस आशा पारेख भले ही बड़े पर्दे से दूर हैं, लेकिन उनकी गिनती बीते जमाने की शानदार एक्ट्रेसेस में की जाती है। आशा पारेश ने बॉलीवुड इंडस्ट्री को तमाम हिट फिल्में दी हैं। साथ ही वो अपनी पर्सनल जिंदगी को लेकर भी खूब सुर्खियों में रहीं। एक्ट्रेस आज 79 साल की है, वहीं उनकी किसी शो में बतौर गेस्ट एंट्री को लेकर भी फैंस काफी एक्साइटेड देखे जाते हैं।
60 और 70 के दशक में मचाया धमाल
बताते चलें कि आशा पारेख 60 और 70 के दशक की सुपरहिट एक्ट्रेस रही हैं। बीते दिनों वो अपनी दो पुरानी दोस्तों वहीदा रहमान और हेलेन के साथ छुट्टियां एन्जॉय करने को लेकर जबरदस्त सुर्खियों में रही थीं। आज के समय में भी ये तीनों काफी अच्छा बॉन्ड शेयर करती हैं।
Dada Saheb Phalke Award to be conferred to actor Asha Parekh this year: Union Minister Anurag Thakur pic.twitter.com/gP488Ol4zH
— ANI (@ANI) September 27, 2022
इन फिल्मों से जीते दिल
जानकारी के लिए ये भी बता दें कि आशा पारेख ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत साल 1952 में बाल कलाकार के तौर पर की थी। इसके बाद उन्होंने घराना, जिद्दी, उपकार, आया सावन झूमके, कटी पतंग, मेरा गांव मेरा देश, कालिया और घर की इज्जत सही कई फिल्मों में काम किया है। एक्ट्रेस आज के समय में भी अपनी खूबसूरती से फैंस के दिलों पर राज करती हैं।
आज भी हैं सिंगल
पर्सनल लाइफ की बात करें तो, आशा पारेख 79 साल की उम्र में भी सिंगल हैं। वहीं उन्होंने अपने शादी और बच्चे ना करने के फैसले पर एक हालिया इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें आज तक इस बात का कोई अफसोस नहीं है कि उन्होंने शादी नहीं की और उनके बच्चे नहीं है। आशा पारेख ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मेरी शादी होना तय नहीं था। ईमानदारी से कहूं तो मुझे शादी करना और मां बनना अच्छा लगता, लेकिन ऐसा होना नहीं था। हालांकि, मुझे बिल्कुल इसका बिल्कुल भी अफसोस नहीं है।’
दादा साहब फाल्के पुरस्कार की शुरुआत
‘दादा साहब फाल्के पुरस्कार’ सिनेमा के क्षेत्र में भारत का सर्वोच्च पुरस्कार है। 2019 में, यह रजनीकांत को सम्मानित किया गया था। यह दादासाहेब फाल्के की याद में दिया गया है, जिन्हें ‘भारतीय सिनेमा का जनक’ माना जाता है, जिन्होंने पहली हिंदी फिल्म राजा हरिश्चंद्र बनाई थी।