Down Syndrome Cause: जब घर में एक नन्हे मेहमान का आगमन होता है तो सभी ओर खुशी का माहौल होता है। लेकिन सोचिये जब उस नवजात बच्चे की हेल्थ ठीक न हो तो वही खुशी परेशानी में बदल जाती है। हलांकि शिशु में जन्म के साथं कई साड़ी समस्याएं होती हैं लेकिन वक्त के साथ वो ठीक हो जाती हैं। लेकिन कुछ बच्चों में एक समस्या ऐसी होती है जो जन्म भर के लिए साथ में रह जाती है। इस समस्या का नाम है ‘डाउन सिंड्रोम’।
डाउन सिंड्रोम एक एक अनुवांशिक विकार होता है जिसका कोई इलाज नहीं है। इस सिंड्रोम से पीड़ित बच्चे अन्य बच्चों से काफी अलग होते हैं। हालांकि कई बार ये बच्चे भी अन्य बच्चों के जैसे ही दिखते हैं, लेकिन उसके अंदर की क्षमता उनके मुकाबले अलग होती है।
ऐसे बच्चों का आईक्यू लेवल भी बहुत कम यानी न के बराबर होता है। आज का ये आर्टिकल उन्ही बच्चो के बारे में है, जो डाउन सिंड्रोम से पीड़ित हैं। हम बताएंगे कि, क्या होता है डाउन सिंड्रोम। इसके क्या लक्षण हैं और ऐसे बच्चों की कैसे देखभाल करें। आइए जानते हैं विस्तार से।
क्या होता है डाउन सिंड्रोम?
सेंट्रल डिजीज कंट्रोल के अनुसार, जब बच्चा पैदा होता है तो उसके शरीर में 46 क्रोमोसोम होते हैं जिन्हें वह अपने माता-पिता से प्राप्त करता है। बच्चे को आधे क्रोमोसोम मां और आधे पिता से मिलते हैं। लेकिन डाउन सिंड्रोम जैसी जन्मजात स्थिति में पैदा हुए बच्चे में क्रोमोसोम 21 अतिरिक्त होता है। जो बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास में विलंब का कारण बनता है।
एक्सपर्ट के अनुसार, आमतौर पर 35 साल और उससे अधिक उम्र की गर्भवती महिलाओं में ये स्थिति होने की आशंका ज्यादा होती है। ऐसे में उन्हें स्क्रीनिंग टेस्ट कराने की सलाह देते हैं, इससे पता चल जाता है कि बच्चा डाउन सिंड्रोम से पीड़ित है या नहीं? डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चे अन्य बच्चों की तुलना में अलग होते हैं।
डाउन सिंड्रोम के लक्षण
आंखों का ऊपर उठा हुआ होना
आंख से तिरछा दिखाई देना
जीभ का ज्यादा उधार होना चेहरे का चपटा होना
कान मूंह या सिर का छोटा होना या बड़ा होना
छोटी गर्दन
छोटी उंगलियां
छोटे हाथ पैर
बच्चे की लंबाई न बढ़ना
नाक या मूंह का दबा हुआ होना
कान गोल होना
चलने में दिक्कत होना
कोई चीज पकड़ने में दिक्कत होना
इसके अलावा भी इन बच्चों में कुछ और दिक्कतें होती हैं जैसे –
बहरापन
कमजोर आंखें
मोतियाबिंद
नींद के दौरान सांस लेने में दिक्कत
मोटापा
थायराइड
अल्जाइमर
दिल से संबंधित परेशानियां
अचानक से रोते-रोते नीला पड़ जाना
दांतों का सही से न निकलना
बार-बार बीमार पड़ना
कैसे रखें डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों का ख्याल
बता दें कि, डाउन सिंड्रोम वाले बच्चों को एक्स्ट्रा केयर की जरूरत पड़ती है। इसलिए उनके पालन -पोषण के लिए कुछ विशेष बातों का ख्याल
रखना बहुत जरूरी है। ऐसे बच्चों के खानपान का बहुत ख्याल रखें।
उनपर हमेशा नजर रखें, क्योंकि ये बच्चे ठीक से अपना बैलेंस नहीं बना पाते, और गिर जाते हैं। जिससे उन्हें चोट लग जाती है।
समय पर टीकाकरण करवाएं, और सभी जरूरी मेडिकल चेकअप करवाएं।
पौष्टिक आहार दें, ताकि इम्युनिटी स्ट्रांग रहेम क्योंकि या बच्चे बहुत जल्दी बीमार पड़ जाते हैं।
साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि उन्हें इतनी समझ नहीं होती और कुछ भी उठाकर खा लेते हैं।
नियमित रूप से जरूरी एक्सरसाइज करवाएं, ताकि हाथ पैर ठीक से कान आकर सकें।
उन्हें अच्छी आदतें सिखाएं,और अगर वो बार-बार कुछ गलती करते हैं तो टोकें। ताकि उन्हें पता चले की ये गलत है।
डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चे को स्पीच थेरेपी दिलवाएं।
ताकि उनके बोलने में सुधार करवाएं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। कोई उपाय या नुस्खे को अपनाने से पहले चिकित्सीय परामर्श जरूर लें। e24Bollywood वेबसाइट किसी भी तरह की चिकित्सीय सलाह की पुष्टि नहीं करता है।