Jaane Jaan Review (अश्विन कुमार): फेमस डायरेक्टर और एक्टर सुजॉय घोष ने विद्या बालन स्टारर ‘कहानी’ को जिस तरह से पेश किया उसके बाद उनके लिए मूवी लवर और फिल्म क्रिटिक्स के दिल में इज्जत और बढ़ गई। ऐसे में उन्होंने एक अलग ही लेवल का बेंचमार्क सेट कर दिया है जिसे हर बार पार कर पाना शायद उनके लिए भी मुश्किल है। तभी तो उनकी लेटेस्ट रिलीज ‘जाने जां’ (Jaane Jaan) पर सबकी निगाहें टिकी हुई थीं। फैंस से लेकर इंडस्ट्री तक, इस फिल्म को लेकर खूब हल्ला मचा हुआ था उसकी तीन वजहें थीं। पहली- खुद सुजॉय घोष, दूसरी-करीना कपूर का ओटीटी डेब्यू और तीसरी- जयदीप अहलावत और विजय वर्मा जैसे एक्टर्स जो अपने कैरेक्टर्स को घोल कर पीने की कला रखते हैं। चलिए ये तो हो गईं ऊपर-ऊपर की बातें। अब जिस चीज का फैंस इतंजार कर रहे हैं वो है इसका रिव्यू जिससे उन्हें ये समझ आ जाए कि उन्हें इस फिल्म में समय बर्बाद करना है या फिर यूटलाइज तो आइए डालते हैं फिल्म रिव्यू पर एक नजर।
बेबो के बर्थडे पर हुई रिलीज (Jaane Jaan Review)
आज बॉलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर ने अपने बर्थडे पर फैंस को रिटर्न गिफ्ट के तौर पर ‘जाने जां’ (Jaane Jaan) दी।फिल्म के बारे में बात करने से पहले बता दें कि ये फिल्म कीगो हिगाशिनो की नॉवेल ‘द डिवोशन ऑफ सस्पेक्ट X’ पर बनी है जिसमें एक पुलिस ऑफिसर मिसिंग, ऑफिसर की तलाश में वहां पहुंच जाता है जहां उस ऑफिसर की बीवी और बच्ची रह रही होती है और यहीं रह रहा होता है एक मैथ्स टीचर जो उस परिवार का पड़ोसी है। हालांकि ये मैथ्स टीचर और भी बहुत कुछ है जो बाद में पता चलता है।
मर्डर मिस्ट्री को सुलझाएगा ऑफिसर
बता दें कि पुलिस ऑफिसर का मर्डर हो चुका है और ये इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर वही पता लगाने के लिए गया है और आपको भी यही जानने में दिलचस्पी होगी कि कत्ल किसने किया है ? हालांकि धीरे-धीरे कहानी ‘हू डन इट?’ के चौराहे से निकलकर ‘हाउ डन इट?’ के मोड़ तक जाती है। इस बीच आपको कई बार ऐसा लगेगा कि कहानी थोड़ी सी फिसल रही है जैसे कि इंवेस्टिगेंटिग ऑफिसर के हाथ में जल्दी-जल्दी सबूत लगना और उसका मृत ऑफिसर की पत्नी पर इतना गहरा शक करना हालांकि धीरे-धीरे उसकी वजह भी समझ आने लगती है।
सिनेमैटोग्राफ़ी ने फूंकी जान
पूरी फिल्म में जिस चीज की सबसे ज्यादा तारीफ करनी होगी वो है फिल्म की सिनेमैटोग्राफ़ी जो इसकी जान है। डॉर्क लाइट्स और लकड़ी के बने घर, इसे अथेंटिक बनाते हैं। फिल्म में लता मंगेश्कर का ऑइकॉनिग सॉन्ग ‘जानें जां’ इसमें थोड़ी जान डालने की कोशिश करता है लेकिन पुराने वाले को टक्कर देने में नाकामयाब साबित होगा।
जयदीप ने लूटी लाइमलाइट
वहीं एक्टर्स की एक्टिंग की बात की जाए तो फिल्म का सेंटर ऑफ अट्रैक्शन करीना कपूर थीं लेकिन लाइमलाइट जयदीप अहलावत लूट ले गए। जयदीप के एक्सप्रेशन्स, उनकी बॉडी लैग्वेंज, मैंथ्स के लिए उनकी आंख़ों में दिखने वाली दीवानगी और माया के सामने घिग्गी का बंध जाना, फिर जूडो की क्लास में उनकी बॉडी मूवमेंट… सब कुछ परफेक्ट। हालांकि करीना ने भी अच्छा काम किया है और इसमें कोई शक नहीं। करण के कैरेक्टर में विजय वर्म का भी अच्छा ही है। अजीत म्हात्रे बने सौरभ सचदेवा, जो चार सीन्स में ही मर जाते हैं और फिर पूरी कहानी उन्ही के लिए गढ़ी जाती है।
कुल मिलाकर जाने जां, धीरे-धीरे पकने वाली सस्पेंस थ्रिलर हैं, जो ‘हाउ डन इट ?’ के फॉर्मुले पर चलती है। ओटीटी पर इसे एक बार बिंज-वॉच करने में कोई ख़ास दिक्कत नहीं होने वाली।