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घिसे पिटे डायलॉग, कहानी में नहीं दिखा दम, फ्लॉप हुई अक्षय-टाइगर की जोड़ी, पैसे बर्बाद करने से पहले पढ़ लें रिव्यू

Bade Miyan Chote Miyan Review: अगर आप 'बड़े मियां छोटे मियां' देखने का प्लान बना रहे हैं तो एक बार E24 के रिव्यू को पढ़ लें, फिर मत कहना कि बताया नहीं।

Bade Miyan Chote Miyan Review
इमेज क्रेडिट: E 24 बॉलीवुड

Bade Miyan Chote Miyan Review: (Navin Singh Bhardwaj) साल था 1998 जब प्रोड्यूसर वासु भगनानी अपने प्रोडक्शन हाउस पूजा एंटरटेनमेंट के जरिये अमिताभ बच्चन और गोविंदा स्टारर फिल्म बड़े ‘मियां छोटे मियां’ (Bade Miyan Chote Miyan) ले कर आये थे। फिल्म में दोनों सितारों का डबल रोल था और उनके साथ दिखाई दी रवीना टंडन और रम्या कृष्णन। मूवी में माधुरी दीक्षित ने स्पेशल अपीयरेंस दिया था। कुल 12 करोड़ की लागत में बनी इस मूवी ने बॉक्स ऑफिस पर 35.21 करोड़ का कलेक्शन किया था।

आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर हम इतनी इनफार्मेशन क्यों दे रहे हैं। वो इसलिए क्योंकी आज पूरे 26 साल बाद एक बार फिर पूजा एंटरटेनमेंट उसी टाइटल ‘बड़े मियां छोटे मियां’ के साथ बिल्कुल नए अंदाज में फिल्म लेकर आ रहे हैं। दोनों स्टार्स ने फिल्म के प्रमोशन में कोई कमी नहीं छोड़ी, क्या उनकी मेहनत बड़े पर्दे पर गदर मचा पाई ये जानने के लिए पढ़िए E24 का रिव्यू।

कैसी है फिल्म की कहानी?

बात फिल्म की कहानी की करें तो इसकी शुरुआत मिलिट्री बेस से होती है। जहां कर्नल आदिल शेखर आजाद (रोनित रॉय) को पता चलता है कि उनके पुराने साथी और साइंटिस्ट डॉक्टर कबीर (पृथ्वीराज सुकुमारन) ने उनके सबसे बड़े वेपन को हाईजैक कर अपने पास रखा है। इसके इस्तेमाल से वो भारत की तरफ से बाकी देशों पर हमला कर युद्ध छेड़ने वाला है। ऐसे में कर्नल ने अपने दो बेहतरीन और जबाज सैनिकों कैप्टन फिरोज उर्फ फ्रेडी (अक्षय कुमार) (Akshay Kumar) और कैप्टन राकेश उर्फ रॉकी (टाइगर श्रॉफ) (Tiger Shroff) को इस मिशन के लिए नियुक्त करता है। दोनों उस वेपन को वापस लाने और युद्ध को रोकने की कोशिश करते हैं।

मूवी में वेपन कोई और नहीं बल्कि साइंटिस्ट डॉक्टर प्रिया दीक्षित (सोनाक्षी सिन्हा) है,जिसके दिमाग में एक चिप है। इसके अलावा और भी कई सारे ऐसे सरप्राइज हैं जिन्हें देख दर्शक हैरान हो सकते हैं। ये जानने के लिए कि दोनों जाबाज प्रिया को बचा पाते हैं या नहीं थिएटर रूख करना होगा।

डायरेक्शन & राइटिंग

‘गुंडे’, ‘सुल्तान’, ‘टाइगर जिंदा है’ जैसी फिल्म का लेखन और डायरेक्शन करने के बाद फिल्म डायरेक्टर अली अब्बास जफर ने ‘बड़े मियां और छोटे मियां’ के डायरेक्शन और लेखन की कमान संभाली है। सहायक के रूप में सूरज गियानी ने उनकी मदद की है। अब ये कहना लाजमी होगा कि शानदार फिल्में बनाने वाले अली के स्क्रिप्ट राइटिंग और डायरेक्शन में खूब इन्वॉल्वमेंट हुआ है। यही वजह है कि मूवी की कहानी कहीं न कहीं कमजोर दिखाई दी। फिल्म में कई जगह बेवजह एक्शन सींस डाले गए हैं जो बोर कर रहे हैं।

किसकी एक्टिंग में दिखा दम

फिल्म में 5 मुख्य कलाकार और 1 स्पेशल अपीयरेंस है। रॉकी के किरदार में टाइगर की एक्टिंग में कोई नया बदलाव देखने को नहीं मिला वही फ्रेडी के किरदार में अक्षय कुमार ने ठीक ठाक काम किया है। मानुषी छिल्लर ने कैप्टन मिसा के रोल में सही काम किया है। आई॰टी स्पेशलिस्ट पैम aka अलाया एफ ने अपनी एक्टिंग से सबको ओवर-शैडो कर दिया है। वहीं स्पेशल अपीयरेंस के नाम पर सोनाक्षी के सीन अलाया से ज्यादा देखने को मिले। ‘दहाड़’ की बाद एक बार फिर सोनाक्षी को सीरियस किरदार में देख कर अच्छा लगा। पृथ्वीराज सुकुमारन ने साइंटिस्ट के का रोल अदा किया जिसमें विलेन बन वो लोगों को कुछ खास पसंद नहीं आए।

क्यों देखें

अगर आप मासी फिल्म के फैन हैं तो अपने लॉजिकल दिमाग को घर छोड़ कर जाए, तभी मूवी का लुफ्त उठा सकते हैं। पूरे 2 घंटे 44 मिनट की इस कहानी को आप बड़े पर्दे पर इंजॉय कर सकते हैं।

क्यों ना देखे

एक बार फिर वासु भगनानी और जैकी भगनानी का प्रोडक्शन हाउस पूजा एंटरटेनमेंट अच्छी फिल्म बनाने में नाकाम साबित हुआ है। कई फ्लॉप फिल्मों के बाद भी मासी फिल्म बना कर वो ऑडियंस का दिल जीतना चाहते हैं पर शायद हताश हो सकते हैं। अगर आप हमारी राय जानना चाहते हैं तो थोड़ा रुक कर ओटीटी पर ही देख लें।

फिल्म को मिलते हैं 1 स्टार

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First published on: Apr 11, 2024 02:23 PM

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