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‘हम सिर्फ दारू पीना सिखाते हैं…’ Vidya Balan ने क्यों फिल्मों के असर पर कही ये बात

Vidya Balan: विद्या बालन ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में समाज और फिल्मों के एक-दूसरे पर पड़ने वाले प्रभाव पर खुलकर बात की।

Vidya Balan
image credit: instagram

Vidya Balan: हिंदी सिनेमा में एक से बढ़कर एक दमदार एक्ट्रेस मौजूद है,जो फिल्मों में अपनी एक्टिंग से लोगों को इंप्रेस करना जानती हैं। विद्या बालन (Vidya Balan) का नाम भी उन अभिनेत्रियों की लिस्ट में शुमार है, जो बड़े पर्दे पर अपनी एक्टिंग से लोगों को अपनी तरफ खींचना जानती हैं। एक्ट्रेस ने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया है और खासतौर पर वो फीमेल सेंट्रिक फिल्में करने के लिए जानी जाती हैं।

फीमेल सेंट्रिक फिल्मों से मिली खास पहचान (Vidya Balan Female Centric Films)

विद्या बालन को मिलन लुथरिया के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘द डर्टी पिक्चर’ से इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई थी। वैसे तो इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, इमरान हाशमी और तुषार कपूर भी अहम रोल में नजर आए थे। मगर विद्या ने अपनी बोल्ड एक्टिंग से सारी वाहवाही लूट ली थी। इसके अलावा भी विद्या ने ‘कहानी’, ‘तुम्हारी सुलु’, ‘शकुंतला देवी’, जैसी फीमेल सेंट्रिक फिल्मों में अपनी अभिनय का जलवा दिखाया है।

सोसाइटी पर पड़ता है फिल्म का असर? (Vidya Balan)

हाल ही में एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में विद्या बालन (Vidya Balan) से जब सोशल मैसेज देने वाली फिल्मों में काम करने को लेकर सवाल पूछा गया तो इस पर एक्ट्रेस ने दो टूक जवाब देते हुए कहा, ‘संदेश देना पॉलिटिशियन का काम है हम यहां केवल मनोरंजन करने बैठे हैं। हालांकि इसके साथ ही अगर हम आपको किसी खास मुद्दे पर सोचने पर मजबूर कर पाते हैं, तो यह हमारे के लिए एक जीत है।’

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फिल्मों पर समाज का असर (Vidya Balan)

विद्या बालन (Vidya Balan) ने आगे कहा कि ‘एक ऑडियंस की तरह हम भी सोसाइटी का हिस्सा हैं। ऐसा कहा जाता है कि लोग स्मोकिंग, ड्रिंकिंग और वल्गेरिटी (vulgarity) फिल्में देखकर सीखते हैं, लेकिन फिर जब फिल्में अच्छी चीजें सिखाती है, तो लोग उसे क्यों नहीं सीखते हैं। मुझे नहीं लगता है कि फिल्मों में इतनी ताकत है कि वो समाज को कुछ सीखा सके। जबकि समाज से फिल्में सीखती हैं।’ विद्या अपनी बातों के जरिए ऐसा कहना चाहती हैं कि फिल्मों में दिखाई जाने वाली कहानी और चीजें हमारे समाज से ही सीखकर दिखाई जाती है, जो फिल्मों में दिखाया जाता है। वो कही ना कही हमारी सोसाइटी का हिस्सा होता है।

First published on: Dec 04, 2023 01:48 PM

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