Prithviraj Kapoor Birth Anniversary: हिंदी फिल्म जगत का ऐसा नाम जिन्हें ‘ग्रैंड फादर ऑफ बॉलीवुड’ की उपाधि दी गई वो है पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor)। इस महान एक्टर ने फिल्मी दुनिया को एक ऐसे मुकाम तक पहुंचाया जो हमेशा के लिए यादगार बन गया। पृथ्वीराज कपूर ने मूक फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत की और रंगीन फिल्मों तक का सफर तय किया। ऐसे में सिनेमा के स्तंभ को दुनिया पृथ्वीराज कपूर के नाम से जानती है।आज एक्टर का जन्मदिन है तो इस खास मौके पर उन्हें याद करते हुए हम उनके बारे में ऐसे दिलचस्प किस्से सुनाने जा रहे हैं जो कम ही लोग जानते होंगे।
यह भी पढ़ें: समर्थ जुरेल की इस हरकत से ईशा मालवीय गुस्से से हुईं लाल, ब्रेकअप तक पहुंच गई बात
पाकिस्तान में जन्मे मुंबई आकर की एक्टिंग (Prithviraj Kapoor Birth Anniversary)
महान अभिनेता पृथ्वीराज कपूर का जन्म 3 नवंबर 1906 को लालपुर में हुआ था। पता हो कि, अब यह शहर पाकिस्तान में है और इसे फैसलाबाद के नाम से जाना जाता है। आज पृथ्वी की 117वीं बर्थ एनिवर्सरी है। एक्टर ने अपनी पढ़ाई पेशावर में की, लेकिन उन्हें एहसास हुआ कि उनके अंदर एक कलाकार छिपा हुआ है।
ऐसे में पृथ्वीराज ने मुंबई जाने का फैसला किया और साल 1928 में वहां शिफ्ट हो गए। माया नगरी मुंबई आने के बाद उन्होंने अपना लक आजमाया और एक्टिंग के क्षेत्र में कदम रख दिया।
थिएटर से किया करियर शुरु (Prithviraj Kapoor Birth Anniversary)
साल 1928 में मुंबई में शिफ्ट होने के बाद उन्होंने इम्पीरियल थिएटर ज्वाइन किया, और वहां पर बिना वेतन के अतिरिक्त कलाकार बन काम किया। इसके बाद एक्टिंग की बारीकी से सीख लेने के बाद उन्होंने साल 1931 में आई फिल्म ‘आलमआरा’ से डेब्यू किया।
ये फिल्म मूक फिल्म थी, जिसमें उन्होंने 24 साल की उम्र में ही जवानी से लेकर बुढ़ापे तक के रोल निभाए। इस रोल के बाद उन्हें ‘भीष्म पितामह’ की उपाधि भी मिल गई। पहली मूक फिल्म के बाद एक्टर ने लगातार 9 मूक फिल्मों में काम किया। इसके बाद एक्टर ने पहली बोलती फिल्म ‘आलम आरा’ में सपोर्टिंग एक्टर विद्यापति के तौर पर काम किया।
क्यों कहा जाता था ‘झोला वाला फकीर’
बहुमुखी प्रतिभा के धनी पृथ्वी राज कपूर ने हिंदी सिनेमा का स्तंभ कहा जाता है। कम हो लोगों को पता होगा कि अपनी फिल्म खत्म होने के बाद पृथ्वी झोला फैलाकर भीख मांगते थे। जी हां आपने सही पढ़ा, लेकिन वो भीख अपने लिए नहीं बल्कि वर्कर फंड के लिए मांगते थे।
कहा जाता है कि,थिएटर के तीन घंटे के शो के खत्म होने के बाद वो गेट पर एक झोला लेकर खड़े हो जाते थे। ऐसे में शो देखकर बाहर निकलने वाले लोग झोली में कुछ पैसे डाल देते थे, इन पैसों से ही पृथ्वीराज ने एक वर्कर फंड बनाया था।
पद्म भूषण से किया गया सम्मानित (Prithviraj Kapoor Birth Anniversary)
पृथ्वीराज कपूर ने अपने फिल्मी करियर में कई यादगार रोल किए, उन्हीं में से एक फिल्म थी ‘मुगल-ए-आजम’। इस फिल्म में एक्टर ने अकबर का रोल निभाया था, जो आज भी यादगार है। फिल्मों में बेहतरीन अदाकारी के लिए पृथ्वी को साल 1969 में उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था।