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जाइए Mission Raniganj देखिए, क्योंकि तभी तो पता चलेगा कि भारत में हीरोज की कमी नहीं

Mission Raniganj Movie Review / Ashwani Kumar : अक्षय कुमार की फिल्में आप क्यों देखते हैं, क्योंकि उसमें कॉमेडी जबरदस्त होती है, एक्शन कमाल होता है और इमोशन तो होता ही है। मगर पिछले कुछ साल में एयर-लिफ्ट से लेकर, रुस्तम, पैडमन, केसरी जैसी फिल्मों के साथ अक्षय ने देश के अनसंग हीरोज की कहानी […]

Mission Raniganj Movie Review
Image Credit : Google

Mission Raniganj Movie Review / Ashwani Kumar : अक्षय कुमार की फिल्में आप क्यों देखते हैं, क्योंकि उसमें कॉमेडी जबरदस्त होती है, एक्शन कमाल होता है और इमोशन तो होता ही है। मगर पिछले कुछ साल में एयर-लिफ्ट से लेकर, रुस्तम, पैडमन, केसरी जैसी फिल्मों के साथ अक्षय ने देश के अनसंग हीरोज की कहानी कहनी शुरु की है, जो ओह माय गॉड 1 और टू के साथ, अब ‘मिशन रानीगंज’ तक आ पहुंचा है। अक्षय, भारत कुमार वाले टाइटल की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

राष्ट्रपति से मिला वीरता सम्मान (Mission Raniganj Movie Review)

मिशन रानीगंज 1989 में हुए रानीगंज कोलफिल्ड में हुए हादसे की कहानी है, जिसमें खदान के अंदर आधी रात को हुए ब्लास्ट के बाद पानी फूट जाता है, और तकरीबन 65 माइनर्स फंस जाते हैं। उन्हें बचाने के लिए इंजीनियर जसवंत गिल ऐसा प्लान बनाते हैं, जो दुनिया का सबसे बड़ा और सक्सेसफुल माइनर रेस्क्यू मिशन के नाम पर दर्ज हो गया। इसके लिए जसवंत गिल को राष्ट्रपति से वीरता सम्मान भी मिला। जसवंत गिल के शौर्य की ये कहानी अखबारों के जरिए सुर्खियों में तो आई, लेकिन जैसे दुनिया सब कुछ भूल जाती है, वैसे इस कहानी को भी भूलती गई।

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क्लाइमेक्स है बेहद शानदार

2 घंटे 14 मिनट की ये फिल्म रफ्तार पकड़ने में जरा सा भी वक्त नहीं चुकती। सिर्फ एक इंट्रोडक्टरी सीन, जिसमें जसवंत गिल की हिम्मत और उनकी पत्नी निर्दोष के साथ उनका कनेक्शन दिखाया जाता है, और साथ ही एक गाना – जलसा, जो फिल्म का मूड सेट करता है, उसके बाद कहानी जो 5वें गेयर में जाती है, तो क्लाइमेक्स तक आप अपनी सीट से बंधे होते हैं।

ना कॉमेडी है, ना कोई एक्शन

मिशन रानीगंज की कहानी में सबसे दिलचस्प जानते हैं क्या है, वो ये कि ना तो फिल्म में कॉमेडी है, ना कोई एक्शन ? ये फिल्म एक प्लान पर चलती है, कि तकरीबन जमीन से 140 फीट नीचे 65 माइनर्स की जान दांव पर है, उन्हे बाहर सही-सलामत निकालने के लिए जसवंत गिल एक ऐसी टेक्नॉलॉजी इस्तेमाल कर रहा है, जिसे इससे पहले दुनिया में कहीं इस्तेमाल नहीं किया गया। दूसरी ओर कोल इंडिया के जनरल मैनेजर की नाकामी साबित करने के लिए, एक टीम इस काम को रोकने में जुटी है। तीसरी ओर, हज़ारों की भीड़ गुस्से और मायूसी के साथ इस रेस्क्यू ऑपरेशन की ओर आंखें टिकाए खड़ी है।

मिशन रानीगंज की सबसे बड़ी जीत है ये

वैसे दो एंगल इस कहानी के और है, एक तो जसवंत गिल की पत्नी निर्दोष कौर, जो प्रेग्नेंट है और उसके बाद भी इस खतरनाक मिशन में अपने पति का सबसे बड़ा हौसला बनती है। दूसरे आप, जो थियेटर में इस फिल्म का क्लाइमेक्स पहले से जानते हुए भी, सांसे रोककर इसे देखते हैं। यही मिशन रानीगंज की सबसे बड़ी जीत है। हां, फिल्म में कमी भी है, जैसे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु होने के पहले से लेकर, कोल माइन में हादसे को दिखाने तक – VFX बहुत हल्का है और ये इस फिल्म की अकेली खामी है। मगर, कहानी इतनी दिलचस्प है कि आप हल्के विज़ुअल ग्राफिक्स को भी इग्नोर करते हैं।

स्टार्स ने दी दमदार परफॉरमेंस

परफॉरमेंस के तौर पर अक्षय कुमार ने फिर से साबित कर दिया है, कि ये रेस्क्यू ऑपरेशन वाला पैटर्न उनका सबसे फेवरिट डोमेन है। बेबी, हॉलीडे, एयर-लिफ्ट में आपने इसकी झलकी देखी है, इन सबसे आगे बढ़कर मिशन रानीगंज में उनका काम है। परिणीति चोपड़ा स्क्रीन पर मुश्किल से 1 मिनट के लिए हैं, लेकिन जब भी वो निर्दोष बनकर स्क्रीन पर आती है, माहौल बदल जाता है। दिबेन्दु भट्टाचार्या से आप फिल्म में बेइंतहा नफरत करते हैं, और यही उनके किरदार और अदाकारी की जीत है। कुमुद मिश्रा, वरुण बडोला, रवि किशन, जमील खान, सुधीर पांडे और ओमकार दास मनिकपुरी का काम शानदार और जानदार है।

मिशन रानीगंज को 3.5 स्टार।

First published on: Oct 06, 2023 02:21 PM

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