Bollywood: हिंदी सिनेमा में कोई भी फिल्म बनती है तो सबसे पहले उस फिल्म के हीरो-हीरोइन सिलेक्ट होते हैं। जब स्टारकास्ट का सलेक्शन हो जाता है तब ही फिल्म की कहानी को किरदारों के माध्यम से फिल्माया जाता है। बिना हीरो-हीरोइन के फिल्म अधूरी सी लगती है।
लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जो बिना हीरोइन के बनी हैं। आपको बता दें कि फैंस ने उन्हें पसंद भी किया है और इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई भी की है। चलिए बिना देर किये जानते हैं उन फिल्मों के बारे में जिन्होंने बिना हीरोइन के भी फैंस को थिएटर तक खींचा।
‘ए वेडनेसडे’
आपने अनुपम खेर और नसीरुद्दीन शाह की ‘ए वेडनेसडे’ तो देखी ही होगी। साल 2008 में रिलीज हुई ये फिल्म 2006 में हुए मुंबई ट्रेन बम ब्लास्ट पर आधारित थी जो सस्पेंस थ्रिलर के भरपूर है।
फिल्म में कोई एक्ट्रेस न होने के बावजूद अनुपम और नसीरुद्दीन की अदाकारी ने फैंस को कहानी से जोड़े रखा। ये फिल्म एक सफल फिल्म साबित हुई।
धमाल
बिना हीरोइन के बनी फिल्म की लिस्ट में धमाल भी आती है जिसने आते ही बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था।
इस फिल्म मेन भूमिका में पांच हीरो थे लेकिन बात हीरोइन की करें तो वो थी ही नहीं।
फिल्म में इतनी मस्ती और मजाक भरा हुआ था कि लोग हंसते-हंसते लोटपोट हो गए और हीरोइन की कमी महसूस ही नहीं हुई। आपको बता दें कि साल 2007 में आई फिल्म ‘धमाल’ 10 करोड़ के बजट में बनी थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर 50 करोड़ से ज्यादा की कमाई की और एक हिट फिल्म साबित हुई।
ओएमजी
अक्षय कुमार और परेश रावल की बहुचर्चित फिल्म ओएमजी में भी कोई हीरोइन नहीं थी लेकिन फिर भी ये एक ब्लॉकबस्टर साबित हुई। पूरी फिल्म की कहानी परेश रावल और अक्षय कुमार के इर्द-गिर्द घूमती है।
दोनों की जुगलबंदी ने फिल्म की कहानी में मानों जान फूंक दी हो। जहां एक तरफ परेश रावल एक नास्तिक के रूप में नजर आए जो भगवानों की मूर्ति बेचते हैं। वहीं दूसरी तरफ अक्षय कुमार भगवान कृष्ण की भूमिका में नजर आए।
फरारी की सवारी
शर्मन जोशी, बोमन ईरानी और ऋत्विक साहोरे के इर्द-गिर्द घूमती फिल्म फरारी की सवारी में भी कोई हीरोइन नहीं थी। लेकिन फिर भी फिल्म ने फैंस को कहानी से बांधे रखा और सुपर हिट फिल्म साबित हुई।
आपको बता दें कि ये फिल्म 10 करोड़ के बजट में बनी थी और 44 करोड़ की कमाई कर हिट फिल्मों की लिस्ट में शामिल हो गई।