Dipika Chikhlia In Mithila: रामानंद सागर की रामायण में मां सीता के किरदार से फेमस हुई दीपिका चिखलिया को लोग आज भी सीता की तरह ही पूजते हैं। वे जहां भी जाती हैं आज भी उन्हें उतना ही सम्मान मिलता है। कुछ ऐसा ही नजारा मिथिला में देखने को मिला जहां उनका बहुत सम्मान हुआ जिसे देख वे भावुक हो गईं।
मिथिला में हुआ दीपिका का स्वागत (Dipika Chikhlia In Mithila)
सीता के किरदार से विश्व भर में फेम पाने वालीं दीपिका चिखलिया का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जबदस्त तरीके से वायरल हो रहा है। दरअसल हाल ही में एक्ट्रेस मिथिला पहुंची। यहां एक्ट्रेस का बड़े ही धूमधाम तरीके से स्वागत हुआ। इस दौरान मिथिला के लोगों ने दीपिका का बहुत ख्याल रखा और उन्हें बेटी की तरह ट्रीट किया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहा है। इस दौरान एक्ट्रेस भावुक भी हो गईं। खुद दीपिका ने अपने सोशल मीडिया पर इसका वीडियो पोस्ट किया है जिस पर भर-भर के कमेंट्स और लाइक्स आ रहे हैं।
बेहद सम्मान के साथ हुई विदाई
सोशल मीडिया पर दीपिका के दो वीडियो सामने आए हैं जिसमें वे मिथिला वासियों के बारे में बता रही हैं कि उन्हें मिथला में कितना प्यार और सम्मान मिला। पहले वीडियो में दीपिका गाड़ी में बैठी दिखाई देती हैं, जहां एक महिला उन्हें सम्मान के तौर पर तगड़ी बांधती दिखती है। इसके बाद महिला की आंखें नम हो जाती हैं, ये देख कर दीपिका उन्हें अपने गले लगा लेती हैं। इस दौरान दीपिका को पानी भी पिलाया जाता है और फिर उनकी रीति-रिवाज से विदाई की जाती है।
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खुद एक्ट्रेस ने शेयर किया वीडियो
दीपिका ने इस वीडियो को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किया है। इसके साथ ही उन्होंने लंबा चौड़ा कैप्शन भी लिखा है। उन्होंने लिखा- ‘मिथिला में सीताजी की विदाई, उन्होंने वो सब किया जो उस वक्त मेरे लिए किया जा सकता था। उन्होंने मुझे फील करवाया कि मैं उनकी बेटी हूं। मैं रामायण के उस युग में खो गई हूं।’
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रोक नहीं पाईं अपने आंसू
इसके अलावा एक्ट्रेस ने एक और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। इस वीडियो में काफी ज्यादा भावुक नजर आ रही हैं। इस दौरान वो काफी इमोशनल दिखीं और अपने आंसू नहीं रोक पाईं। उन्होंने कहा- ‘क्या बोलूं, इतना प्यार दिया इन्होंने कि मेरी आंख भर आई है, मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं क्या कहूं। उन्होंने मुझे पानी पिला कर भेजा, क्योंकि कहते हैं कि घर से बेटी सूखा गला करके नहीं जाती और खाली गोद नहीं जाती। इन लोगों को लगता है कि मैं सीता जी हूं।’