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Rocky Aur Rani Kii Prem Kahani Review: करण जौहर का नहीं दिखा ‘करिश्मा’! आलिया-रणवीर की एक्टिंग की तारीफ

Rocky Aur Rani Ki Prem Kahani Review (Pranjal Gupta): करण जौहर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ आज यानी 28 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई। फिल्म की कहानी ओल्ड स्कूल-लव ड्रामा और ज्वाइंट फैमिली से जुड़ी है। इस फिल्म में फैमिली को काफी ज्यादा महत्व दिया गया है। […]

Rocky Aur Rani Ki Prem Kahani Review

Rocky Aur Rani Ki Prem Kahani Review (Pranjal Gupta): करण जौहर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ आज यानी 28 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई। फिल्म की कहानी ओल्ड स्कूल-लव ड्रामा और ज्वाइंट फैमिली से जुड़ी है। इस फिल्म में फैमिली को काफी ज्यादा महत्व दिया गया है। आइये फिल्म के बारे में विस्तार से जानते हैं…

मुख्य भूमिकाओं में आलिया भट्ट और रणवीर सिंह के साथ, फिल्म की शुरुआत रंधावा हवेली के एक वाइड शॉट से होती है, जिसका एकमात्र उत्तराधिकारी रणवीर सिंह उर्फ रॉकी है।

रॉकी जो डांस का शौकीन है, वह अपने कंट्रोल करने वाले पिता और दादी यानी जया बच्चन के सामने अपनी बात रखने से डरता है। इस बीच, रानी के रूप में आलिया एक निडर पत्रकार हैं और वह बलात्कार को उचित ठहराने वाले और महिलाओं को ‘मिठाई का डब्बा’ बताने वाले राजनेताओं को मुंहतोड़ जवाब देती है।

आलिया और रणवीर की प्रेम कहानी तब शुरू होती है जब धर्मेंद्र, जिसकी शॉर्ट-टर्म मेमोरी लॉस से पीड़ित हैं, अपनी खोई हुई प्रेमिका जामिनी के लिए तरसते हैं; ये किरदार जो शबाना आजमी ने निभाया है।

स्टीरियोटाइप से ग्रसित

करण जौहर के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने काफी स्टीरियोटीपिकल यानी रूढ़िवादी धारणाओं से लड़ने की कोशिश की है लेकिन, कई जगहों पर मात खा गई। जैसे फिल्म के एक सीन में ‘ब्रा’ से जुड़ी शर्म और झूठी अभद्रता को मिटाने की प्रयास की गई है।

‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ में महिलाओं की आवाज को दबाने की कहानी को दिखाया गया है। कोशिश की गई है। फैट शेमिंग, महिलाओं पर न बोलने का कलंक और अपने सपनों को  का गला घोटने को कालीन के नीचे छुपाने की उनकी अटूट इच्छा शामिल है, जब तक कि कोई उन्हें स्वतंत्रता की अवधारणा से परिचित नहीं कराता।

एक तरफ आलिया के परिवार को उच्च शिक्षित के रूप में दर्शाया गया है; बिलकुल वैसे ही जैसे एक बंगाली परिवार को होना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ, रणवीर का परिवार एक पंजाबी अमीर घराना है जहां घर के मुखिया के अलावा औरतों और बच्चों को अपनी राय रखने का हक नहीं है।

फिल्म के मजेदार हिस्से

फिल्म के बारे में मजेदार बात यह है कि इसमें नई आवाजों के साथ पुराने क्लासिक गाने भरे हुए हैं। नए स्पर्श के साथ ये पुराने गीत मधुर हैं।

फिल्म में गाने की बात करें तो ‘तुम क्या मिले’ के साथ-साथ अरिजीत सिंह, श्रेया घोषाल, शादाब फरीदी, अल्तमश फरीदी की आवाज में ‘वे कमलिया’ भी है, जिसका संगीत प्रीतम ने दिया है और गीत अमिताभ भट्टाचार्य ने दिए हैं।

‘क्या झुमका?’ और ‘ढिंढोरा बाजे रे’ उनके सिग्नेचर स्टेप्स के लिए अच्छे हैं।

क्यों देखें?

फिल्म में खामियां हैं लेकिन यह अभी भी टिपिकल बॉलीवुड फिल्मों की तरह मनोरंजक है जो हाल के सिनेमा में खो गई थी। दोनों की प्रेम कहानी बहुत प्यारी है और बड़े पर्दे पर उनकी केमिस्ट्री ने फिल्म की सारी कमियों को नजरअंदाज कर दिया।

कलर और सिनेमेटोग्राफी

फिल्म में आलिया हल्के रंग के कपड़ों में नजर आ रही हैं, ज्यादातर पिंक, डीप बैक ब्लाउज और इसे ‘बंगाली’ लुक बनाए रखने के लिए वे सारे आउफिट्स के साथ बिंदी में दिखीं। वहीं, रणवीर सिंह ने रानी के परिवार को स्वीकार करने से पहले तक वाइब्रेंट लो नेक शर्ट पहने हुए हैं। जिसके बाद उनके लुक में बदलाव देखने को मिलता है और वह भी सॉफ्ट कलर्स में नजर आते हैं।

फिल्म का एस्थेटिक सॉलिड है और आंखों को सुकून देता है। जैसे ‘ढिंढोरा बाजे रे’ (Dhindhora Baje Re) में, रेड थीम का मतलब खतरा नहीं बल्कि प्रेम का प्रतीक है।

करण जौहर की फिल्मों का मल्टीवर्स

फिल्म आपको यह भूलने नहीं देती कि आप करण जौहर की दुनिया में हैं। इसमें DDLJ, देवदास, मोहब्बतें और K3G के बहुत सारे संदर्भ हैं। उनमें से कुछ इंटरनेट पर मीम कलचर से भी प्रेरित है।

फोकस

हीरो-हीरोइन की प्रेम कहानी को फैमिली अप्रूवल मिलने के अलावा, फिल्म में एक पिता और बेटे के प्रेम पर भी फोकस किया गया है। इस फिल्म के द्वारा ये पता चलता है कि करण जौहर महिला सशक्तिकरण बढ़ावा देना चाहते हैं।

डिलीवर करने में विफल

हर चीज और हर कोई अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता है लेकिन फिल्म में अभी भी ‘करण जौहर-फैक्टर’ की कमी खलती है। जो लोग यह उम्मीद कर रहे हैं कि यह करण जौहर के कल्ट फिल्मों में से एक होगा, उन्हें निराशा होगी।

उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा

ये फिल्म बुनियादी हीरो-हीरोइन की प्रेम कहानी है, जिसे बड़े पर्दे पर बड़ी चमक-धमक के साथ दिखाया गया है। इसमें एक बड़ी चूक जो नजर आई वो थी बैकग्राउंड म्यूजिक जिसने फिल्म ने उन जगहों पर भी जोश बनाया जहां उसकी बिलकुल भी जरूरत नहीं थी। जिस कारण फिल्म से दर्शकों का कनेक्शन टूटता नजर आया।

करण जौहर अपनी रॉकी और रानी की प्रेम कहानी के साथ पर्दे पर उतने प्रभावित नहीं दिखे जितना उम्मीद की गई थीं। दरअसल, गाने के बोल तो अच्छे थे, लेकिन उनमें में भी धर्मा प्रोडक्शन का मसाला नहीं दिखा।

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फिल्म का केंद्र रहे धर्मेंद्र और शबाना (Spoiler Alert) 

फिल्म की प्लॉट ने धर्मेंद्र और शबाना आजमी की प्रेम कहानी को केंद्र में रखा और इसमें सबसे दिलचस्प ये देखना था कि आखिर दोनों की कहानी सफल होती है या नहीं।

ऐसा लगा जैसे करण जौहर ने यहां सुरक्षित खेलने की कोशिश की है ताकि उन्हें पारिवारिक मूल्यों को तोड़ना न पड़े जिन्हें वह फिल्म में प्रचारित करते रहे।

अगर धर्मेंद्र को आजमी का साथ मिल जाता, तो यह एक क्रांतिकारी कदम होता और साथ ही करण जौहर के लिए उनके बेहद प्रिय परिवार से अलगाव भी होता।

रेटिंग

कुल मिलाकर, फिल्म एक शॉट की हकदार है। लेकिन तमाम खामियों और तकनीकी बातों को देखते हुए फिल्म को हम 5 में से 3 रेटिंग दे रहे है। आनंद लें! यदि आप सिनेमाघरों में जाना चाहते हैं।

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First published on: Jul 28, 2023 09:33 AM

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