एक्ट्रेस कल्कि केकलां ने एक इंटरव्यू में वॉटर बर्थ यानी पानी में डिलीवरी को लेकर अपने एक्सपीरियंस और समाज की सोच पर खुलकर बात की। साल 2020 में उन्होंने अपनी बेटी सप्पो को वॉटर बर्थ के जरिए जन्म दिया था। लेकिन इस प्रक्रिया को लेकर समाज में जो भ्रांतियां हैं, उन पर कल्कि ने चुप्पी तोड़ी है कल्कि का कहना है कि लोग पानी में बच्चे को जन्म देने को लेकर अजीब-अजीब बातें करते हैं। कुछ तो इसे ‘चुड़ैल प्रथा’ या ‘जादू-टोना’ तक मान लेते हैं। जबकि वॉटर बर्थ पूरी तरह से वैज्ञानिक और रिसर्च पर आधारित तकनीक है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद मानी जाती है। उन्होंने बताया कि यह प्रोसेस डिलीवरी को आसान बनाती है, दर्द को कम करती है और मां की रिकवरी भी तेजी से होती है।
कल्कि ने लोगों की इस सोच पर हैरानी जताते हुए कहा कि लोगों को जानकारी की कमी की वजह से यह तकनीक अजीब लगती है, जबकि विदेशों में यह काफी आम है। भारत में भी कुछ अस्पतालों में वॉटर बर्थ की सुविधा है लेकिन इसकी जानकारी और लागत के कारण लोग इससे दूर रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह कोई एक्सक्लूसिव या डरावना प्रोसेस नहीं है। बच्चा जब मां के पेट में होता है तो वह भी तरल में ही रहता है इसलिए यह तरीका उसके लिए भी सहज होता है। कल्कि ने साफ कहा कि यह समय है जब हमें अपने सोचने का तरीका बदलना चाहिए और आधुनिक चिकित्सा के विकल्पों को खुले मन से अपनाना चाहिए।
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