सुभाष के. झा
‘हीर रांझा’ फेम एक्ट्रेस प्रिय राजवंश के हत्यारे अभी तक बेखौफ घूम रहे हैं। एक्ट्रेस बॉलीवुड की एक रहस्यमयी शख्सियत थीं, जिन्होंने केवल डायरेक्टर चेतन आनंद की फिल्मों में काम किया। चेतन आनंद के साथ खास नाता था। लेकिन कहा जाता है कि उनके परिवार को यह रिश्ता पसंद नहीं था।
चेतन आनंद की इन फिल्मों में किया काम
प्रिय राजवंश ने अपने पूरे करियर में सिर्फ सात फिल्मों में काम किया है। ये फिल्में सिर्फ चेतन आनंद के डायरेक्शन में बनी। हकीकत (1964), हीर रांझा (1970), हंसते जख्म (1973) और हिंदुस्तान की कसम (1973) जैसी फिल्मों में उन्होंने दमदार भूमिकाएं निभाईं। उनकी करियर के सक्सेस में मदन मोहन के संगीत और लता मंगेशकर की आवाज का भी काफी बड़ा योगदान था।
कैसे हुई बॉलीवुड में एंट्री?
एक्ट्रेस प्रिय राजवंश का जन्म लंदन में हुआ था। इसके बाद जब वह बड़ी हुई तब चेतन आनंद ने उनकी तस्वीरें देखकर उन्हें मुंबई बुला लिया था। पहली नजर में ही उन्होंने तय कर लिया था कि प्रिय उनकी फिल्म हीर रांझा में हीर का किरदार निभाएंगी। इससे पहले उन्होंने हकीकत में प्रिय को कास्ट किया था जहां उनका गाना जरा सी आहट होती है तो दिल सोचता है काफी फेमस हुआ था।
प्रेम और वफादारी बनी मौत की वजह?
प्रिय राजवंश और चेतन आनंद का ये खास रिश्ता 38 साल तक चला था। चेतन आनंद के निधन के बाद उनकी संपत्ति को लेकर विवाद हुआ और यही प्रिय राजवंश की हत्या का कारण बना। उनकी हत्या 27 मार्च 2000 को कर दी गई।
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प्रिय राजवंश की हत्या पर क्या बोले इंडस्ट्री के लोग?
फिल्म निर्माता कल्पना लाजमी प्रिय राजवंश पर बायोपिक बनाने की योजना बना रही थीं। उनका कहना था कि वह खुद भी ऐसी स्थिति से गुजरी थीं, क्योंकि उन्होंने भी भूपेन हजारिका के साथ 40 साल तक एक रिश्ता साझा किया था। उन्होंने कहा था, “प्रिय की गलती क्या थी? यही कि वह चेतन आनंद से बेइंतहा प्यार करती थीं और उनकी मौत के बाद भी उसी समय उनके घर जाती थीं?”
बॉलीवुड की एक फेमस एक्ट्रेस ने ये भी कहा था, “सबको पता है कि प्रिय राजवंश को किसने मारा, लेकिन हत्यारे आज भी खुलेआम घूम रहे हैं।”
देव आनंद ने एक बार कहा था, “चेतन हम तीनों भाइयों में सबसे बेहतर डायरेक्टर थे। उनकी पहली फिल्म नीचा नगर ने अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई थी।” उन्होंने आगे बताया कि चेतन आनंद को गाइड डायरेक्ट करने का ऑफर दिया था, लेकिन जब चेतन ने इसमें प्रिय राजवंश को लीड एक्ट्रेस के तौर पर कास्ट करने की बात कही, तो देव आनंद ने मना कर दिया। इसके बाद चेतन आनंद ने फिल्म छोड़ दी। प्रिय राजवंश की हत्या बॉलीवुड की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री बनी हुई है। 25 साल बाद भी उनके हत्यारे खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें सजा नहीं मिली। क्या इस अनसुलझे मामले को कभी न्याय मिलेगा, या यह केस यूं ही धुंधला होता चला जाएगा?
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