बॉलीवुड के दिग्गज प्रोडक्शन डिजाइनर वासिक खान के निधन की खबर ने पूरी फिल्म इंडस्ट्री को गहरे शोक में डाल दिया है। इस दुखद खबर को फिल्म डायरेक्टर अश्विनी चौधरी ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए दी है। वासिक खान के निधन से न केवल उनके परिवार और करीबी दोस्त, बल्कि सिनेमा जगत के तमाम स्टार्स शोक में है।
दिल्ली से मुंबई तक का सफर
वासिक खान की बात करें तो वह दिल्ली में पले-बढ़े हैं। साल 1996 में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से फाइन आर्ट्स में ग्रेजुएश किया था। उनके पिता इंजीनियर थे, लेकिन वासिक ने कला और फिल्मों की दुनिया को अपना करियर बनाने का सोच लिया था। पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात फेमस आर्ट डायरेक्टर समीर चंदा से हुई, जिन्होंने वासिक की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें इस फील्ड में आगे बढ़ने के लिए कहा। मुंबई आने के बाद वासिक ने कमालिस्तान स्टूडियो में बतौर बैकड्रॉप पेंटर अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने समीर चंदा के साथ मणिरत्नम की तमिल फिल्म इरुवार और श्याम बेनेगल की हरी-भरी में काम किया। यही दो फिल्में उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुईं और उन्होंने इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनानी शुरू की।
अनुराग कश्यप के साथ बनाई खास पहचान
वासिक खान ने अनुराग कश्यप के साथ कई फेमस फिल्में की हैं। ब्लैक फ्राइडे (2004), नो स्मोकिंग (2007), गुलाल (2009), दैट गर्ल इन येलो बूट्स (2011) और गैंग्स ऑफ वासेपुर (2012) जैसी फिल्मों में उनके रियलिस्टिक और शानदार सेट्स ने दर्शकों और फैंस दोनों को खूब प्रभावित किया। उनकी डिजाइनिंग ने अनुराग कश्यप की सिनेमाई शैली को एक नया आयाम दिया।
कमर्शियल सिनेमा में भी बिखेरा जलवा
वासिक खान ने केवल आर्ट फिल्मों तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि मेनस्ट्रीम बॉलीवुड फिल्मों में भी अपनी क्रिएटिविटी का जलवा बिखेरा। सलमान खान की वॉन्टेड (2009) और दबंग (2010) में उनके द्वारा बनाए गए सेट्स की खूब तारीफ हुई। खास तौर पर दबंग के लिए उन्होंने 100 से ज्यादा स्केच तैयार किए थे। इसके अलावा गोलियों की रासलीला राम-लीला (2013), रांझणा (2013), टैक्सी नंबर 9211 (2006), तनु वेड्स मनु (2011), और तेरे बिन लादेन (2010) में भी उनके काम को खूब तारीफें मिलीं।
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