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Raid 2 Movie Review: अजय देवगन की सेकेंड ‘रेड’ की खामियां-खूबियां क्या? पढ़ें रिव्यू

अजय देवगन, वाणी कपूर और रितेश देशमुख की फिल्म रेड 2 रिलीज हो गई है और अगर आप भी इस मूवी को देखने का प्लान कर रहे हैं। तो आप उससे पहले E24 बॉलीवुड का ये मूवी रिव्यू जरूर पढ़ लें।

Raid 2
Raid 2
Movie name:Raid 2
Director:Raj Kumar Gupta
Movie Casts:Ajay Devgn Riteish Deshmukh Vani kapoor

Raid2 Review/Ashwani Kumar: अजय देवगन की सबसे यादगार और कामयाब फिल्मों में से एक ‘रेड’ है और कामयाब फिल्म, अच्छी कहानी, और एक बेहतरीन किरदार की लेगेसी को पार करना, आग के दरिया की तरह होता है।आई.आर.एस ऑफिसर अमय पटनायक के साथ भी यही हुआ है, साल 2018 में आई रेड से अमय पटनायक को 2025 में आई रेड 2 तक लाने में टाइम लाइन, कैरेक्टर्स, रेपुटेशन को लेकर एहतियात पूरी बरती गई है, मगर ये एहतियात… ये एक्ट्रा केयर वाले एडिशनल एफर्ट  ही रेड 2 के जान का जंजाल बन गए हैं।

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रेड 2 की क्या है कहानी 

पहले फ्रेम से ही अमय पटनायक को यहां एक राजा या यूं कहें कि कुंवर कुलदीप के महल में रेड डालनी है। रेड के पहले पार्ट के 7 साल के बाद 1989 में अय्याशियों में डूबा राजा, अपने सेनापति को आदेश देता है कि इन सरकारी लोगों को गोलियों से रोके और खुद वो हाथ में शराब लिए तमाशा देखे। मगर आपको भी पता है कि अमय पटनायक को पता है कि काला धन कैसे पकड़ना है। लेकिन यहां एक ट्विस्ट आता है, इतने साल से ईमानदारी से काम करने वाले आयकर आयुक्त उर्फ पटनायक साहब, इस बार 2 करोड़ की घूस मांगते हैं और उनका ट्रांसफर हो जाता है। राजस्थान में डेजर्ट सफारी का मजा लेने के बाद बीवी-बच्ची को लेकर अमय पटनायक भुज पहुंचते हैं, जहां दादा भाई यानि कैबिनेट मिनिस्टर दादा मनोहर भाई की ईमानदारी और जनता के लिए कुछ भर कर जाने की कहानियां हैं। यहां तक तो सब ठीक चल रहा है, कहानी आगे से दूसरे ट्रैक पर जाती है।

पुरानी कहानी नया विलेन

दादा भाई, अपनी मां के पैर धुल कर, मां की पूजा करके कर्तव्य परायणता और ईमानदार नेता की ऐसी छवि के साथ है, जिनके चरित्र पर एक भी दाग़ नहीं है। मगर पटनायक को 75वीं यानि प्लैटिनम रेड डालनी है। दादा भाई के तिलिस्म को तोड़ना है। चूहे-बिल्ली का खेल शुरु होता है, कभी पटनायक आगे तो कभी दादा भाई। बीच-बीच में 7 साल पुरानी रेड में अमय पटनायक का शिकार बने ताऊ जी, मजे लेने आते रहते हैं। पूरी दुनिया को पता है कि अमय पटनाय दादा भाई के काले धन को पकड़कर, उन्हे जेल में डालेंगे। मगर कैसे? यही रेड2 का सेलिंग प्वाइंट है। इस बीच में एक बेईमान वकील देविंदर गहौलत, एक करप्ट इनकम टैक्स कमिश्नर लल्लन सुधीर और एक पुराना दोस्त अमय पटनायक और दादा भाई के खेल में मोहरे बनते हैं।

वुमेन कार्ड पड़ा उल्टा

ये गेम अच्छा चल रह था, कमाल की तेजी थी। मजा भी आ रहा था, मगर डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता, राइटर रितेश शाह को साथ मिलाकर पूरे 5 राइटर्स की टीम को लगा कि रेड में वुमेन पावर को लाना ही होगा। इसलिए अमय पटनायक की बीवी और दादा भाई की मां वाला इमोशनल तड़का लगा दिया। यहीं कहानी फिसल गई, क्लाइमेक्स इंटेस से ड्रामैटिक हो गया। वकील देविंदर गहलौत और लल्लन सुधीर ने रेड को जितना मज़दार बनाया, जबरदस्ती ठूसे गए वुमेन एंगल ने उसका मजा किरकिरा कर दिया।

कैसा है फिल्म का क्लाइमेक्स 

रेड 2 क्लाइमेक्स के 10 मिनट तो चिढ़ होने लगती है कि इनता पॉवरफुल विलेन, ये क्या कर रहा है। गानों के मामले में रेड2 ने पूरी तरह से निराश किया है, पहले पार्ट के मुकाबले 10 फीसदी भी इस फिल्म के गाने असरदार नहीं है। तमन्ना भाटिया का आईटम नंबर जबरदस्ती फिल्म में ठूसा गया है, जैसे स्त्री के बाद उन्हे क्राउड पुलर मान लिया गया हो। हालांकि सिनेमैटोग्राफी और एडिटिंग के मामले में रेड 2 का लुक, फील और स्पीड कमाल की है।

स्टारकास्ट की परफॉरमेंस 

परफॉरमेंस के मामले में इस बार रेड में अजय देवगन ने पूरे के पूरे 100 नंबर वाला काम किया है। अमय पटनायक के किरदार में वो कमाल लगे हैं, उनकी इंटेसिटी और आंखें ही 80 परसेंट काम कर देती है और बाकी काम उन्हें सधे हुए डायलॉग्स दिलवाकर डायरेक्टर ने कर दिया है। अजय देवगन ने इस फिल्म में एक और बहुत बड़ा काम किया है और वो है अमित सियाल को चमकने देना। इनकम टैक्स कमिश्नर ललल्न सुधीर बने अमित सियाल के कैरेक्टर और परफॉरमेंस में वो मजा आता है कि इस बार आपको वो अजय देवगन पर भारी लगेगा। लेकिन इसके बावजूद अजय ने अमित सियाल के कैरक्टर को उभरने दिया, बहुत कम स्टार्स में ये बात होती है। रितेश देशमुख, दादा भाई बनकर स्क्रीन पर इंप्रेसिव विलेन तो लगते हैं, लेकिन क्लाइमेक्स के ड्रामे ने उनका असर बहुत कम कर दिया।

रेड के आगे ज्यादा फिल्मी है रेड 2

वाणी त्रिपाठी के लिए राइटर्स और डायरेक्टर्स ने कोशिश बहुत की, ताकि वो इलियाना डिक्रूज के आगे निकलकर रेड की रेस में कुछ कर पाएं, लेकिन बात बनी नहीं। शायद ये पहली बार है कि सुप्रिया पाठक का कैरेक्टर किसी फिल्म में पसंद नहीं आया है। यशपाल शर्मा और बिजेन्द्र काला ने कमाल का काम किया है। रेड 2 में सारे मसाले हैं, एक सक्सेसफुल फिल्म की फ्रैचाइज है, जिसके चलते इस फिल्म को देखा जा सकता है। लेकिन पहली रेड के मुकाबले रेड 2 बहुत ज्यादा फिल्मी है, इसलिए उम्मीदें कम रखिएगा।

रेड 2 को 2.5 स्टार।

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First published on: May 01, 2025 02:03 PM

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