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Nadaaniyan Review: जानें कैसी है इब्राहिम-खुशी की नादानियां? Netflix पर देखने से पहले पढ़ें रिव्यू

Nadaaniyan Review: इब्राहिम अली खान और खुशी कपूर की लेटेस्ट मूवी नादानियां नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है। देखने से पहले मूवी का रिव्यू पढ़ लें।

Movie name:नादानियां
Director:शौना गौतम
Movie Casts:इब्राहिम अली खान, खुशी कपूर

Nadaaniyan Review: बॉलीवुड में स्टार किड्स के लॉन्च का सिलसिला अभी भी जारी है। वहीं करण जौहर का धर्मा प्रोडक्शन इस काम में सबसे आगे रहता है। इस बार नादानियां के जरिए सैफ अली खान और अमृता सिंह के बेटे इब्राहिम अली खान को लॉन्च किया गया है। मूवी में इब्राहिम की जोड़ी खुशी कपूर के साथ नजर आई। मूवी को सिनेमाघरों में नहीं बल्कि नेटफ्लिक्स पर रिलीज किया गया है। वहीं मूवी का पहला रिव्यू भी सामने आ गया है, आइए आपको भी बताते हैं मूवी की कहानी कैसी है?

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मूवी की कहानी

फिल्म की शुरुआत फ्लैशबैक से शुरू होती है, जहां पिया जयसिंह (खुशी कपूर) नाम की एक अमीर लड़की, जिसे कॉलेज रोमांस और दोस्तों के बीच उलझनों का सामना करना पड़ता है, अपनी प्रेम कहानी बयां कर रही है। पिया को बचपन से ही अपनी बेस्टफ्रेंड के प्रेमी से दूरी बनाए रखनी पड़ती है, क्योंकि वो लड़का किसी और को नहीं बल्कि पिया को चाहता है। इसी बीच पिया अपनी बेस्टफ्रेंड के साथ दोस्ती बनाए रखने के लिए अर्जुन मेहता (इब्राहिम अली खान) को 25 हजार रुपये प्रति हफ्ते के हिसाब से बॉयफ्रेंड बनाने की डील करती है।

अर्जुन एक चार्मिंग लेकिन गरीब लड़का है, जो नोएडा से आता है और इंटरनेशनल डिबेट चैंपियनशिप जीतने की तैयारी कर रहा है। पिया की जिंदगी में भले ही पैसा, महंगे कपड़े और लग्जरी कारें हों, लेकिन उसके माता-पिता के बीच दूरियां हैं क्योंकि वे एक बेटे के माता-पिता नहीं बन पाए। ये वजह किसी को भी असहज कर सकती है। आगे चलकर, पिया और अर्जुन की नकली लव स्टोरी असली प्यार में बदल जाती है। लेकिन दोनों के बीच केमिस्ट्री देखने को नहीं मिली। पूरी कहानी इतनी प्रेडिक्टेबल और उबाऊ है कि इसे देखने के लिए पेशेंस की जरूरत पड़ेगी।

स्टार्स की एक्टिंग

इब्राहिम अली खान का डेब्यू इस फिल्म के काफी महत्वपूर्ण था , लेकिन उनकी परफॉर्मेंस कमजोर और अधूरी लगती है। उन्हें स्टाइलिश दिखाने के लिए कैमरा एंगल और बैकग्राउंड ब्लर तक कर दिया गया है, लेकिन एक्टिंग स्किल्स की कमी को ये सब नहीं छुपा पाते। खुशी कपूर ने थोड़ी मेहनत जरूर की है, लेकिन कमजोर स्क्रिप्ट ने उनकी एक्टिंग को निखरने नहीं दिया। वहीं दिया मिर्जा और सुनील शेट्टी जैसे अनुभवी कलाकारों ने ठीक-ठाक काम किया है। वहीं महिमा चौधरी और जुगल हंसराज पूरी तरह से बेअसर रहे। सबसे ज्यादा निराश अर्चना पूरन सिंह के किरदार ने किया, जिन्होंने कुछ-कुछ होता है की मिसेज ब्रिगेंजा को फिर से पर्दे पर लाकर, उस किरदार की पुरानी यादों को धुंधला कर दिया।

म्यूजिक और डायरेक्शन

फिल्म का संगीत भी याद रखने के लिए नहीं है। एक भी गाना ऐसा नहीं जो दर्शकों को अपनी ओर खींचे। शौना गौतम ने इस फिल्म से अपना डायरेक्टोरियल डेब्यू किया है, लेकिन उन्होंने सिर्फ एक्टर्स को खूबसूरत दिखाने और स्टाइलिश लोकेशंस पर ध्यान दिया है। कहानी, भावनाएं और वास्तविकता उनके डायरेक्शन में कहीं खो गई हैं।

फाइनल वर्डिक्ट

नादानियां को देखने का एकमात्र कारण ये हो सकता है कि आप जानना चाहते हैं कि बिना तैयारी के स्टार किड्स को लॉन्च करने के लिए फिल्म इंडस्ट्री कैसे प्रोजेक्ट बनाती है। अगर आप बॉलीवुड की पुरानी स्टूडेंट ऑफ द ईयर जैसी दिखावटी फिल्मों को पसंद करते हैं तो ये फिल्म आप देख सकते हैं। मूवी को 5 में से 1.5 स्टार मिलता है।

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First published on: Mar 07, 2025 01:32 PM

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