Kill Movie Review: (Ashwani Kumar) हिंदी फिल्मों में अब तक आपने जो खून-खराबा देखा, वो शायद सबसे ज्यादा संदीप रेड्डी वांगा की ही होंगी। उदाहरण के लिए ‘एनिमल’ (Animal) ही ले लो जिसमें हद से ज्यादा वायलेंस ने रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) और बॉबी देओल (Bobby Deol) की इमेज बदलकर रख दी। इससे पहले ‘अग्निपथ’, ‘बदलापुर’, ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर’, ‘सत्या’, ‘मातृभूमि’ और ‘विक्रम’ जैसी फिल्में शामिल हैं। लेकिन अब उन सबसे भी ज्यादा वायलेंस वाली फिल्म आ गई है किल।
दरअसल हमको वायलेंट एक्शन फिल्में देखनी होती है, तो हम इंटरनेशनल फिल्मों का रुख करते है। ‘किल बिल’, ‘जॉन विक’, ‘निन्जा असैसिन जैसी फिल्में देखकर हमें लगता है कि ऐसा एक्शन तो सिर्फ़ हॉलीवुड में हो सकता है। तो रुकिए, एक बिल्कुल देसी कहानी के साथ, बॉलीवुड के सबसे रोमांटिक फिल्में बनाने वाले प्रोडक्शन हाउस धर्मा प्रोडक्शन्स ने इंडिया की सबसे वॉयलेंट फिल्म बनाई है।
क्या है KILL की कहानी?
KILL, इस फिल्म का नाम जितना छोटा, कहानी भी उतनी ही छोटी है। दो एनएसजी कमांडो हैं, अमृत और विरेश। एक ऑपरेशन से लौटते ही, जब अमृत का फोन ऑन होता है, तो पता चलता कि उसकी गर्लफ्रेंड तुलिका की सगाई होने वाली है। अमृत पहुंचता तो है, लेकिन तब तुलिका की सगाई हो चुकी होती है। आप कहेंगे कि हम पूरी कहानी बता रहे हैं.. बिल्कुल नहीं। ये सब तो फिल्म की शुरुआत के पांच मिनट मे ही हो चुका है।
अब सगाई के बाद तुलिका और उसके परिवार को रांची से दिल्ली ट्रेन से आना है। इसी ट्रेन से अमृत और विरेश भी दिल्ली जाने वाले हैं… रात को ट्रेन स्टेशन से छूटती है.. और 40 लुटेरे, ट्रेन में पैसेंजर्स को लुटने के लिए चढ़ जाते हैं। फिल्म के दस मिनट पूरे हो चुके हैं…। 1 घंटे 55 मिनट की इस फिल्म… अगले 1 घंटे 45 मिनट तक बस है – KILL।
कुछ रियल सी है स्क्रिप्ट
किल की कहानी, डायरेक्टर निखिल नागेश भट्ट की आप बीती की कहानी है। हां ये भी सही है कि जब ये रियल लाइफ में हुआ तो इतना खून खराबा वहां नहीं हुआ था, लेकिन चलती ट्रेन में डकैती हुई थी। आमतौर पर ट्रेन में डकैतो के आने की कहानियां हम सबने सुन रखी हैं। लेकिन इस हादसे को निखिल नागेश भट्ट ने जैसे गढ़ा है, वो आपके पैरों से जमीन खिसका देगी।
इंडियन रेलवे के सेकेंड AC के कोच में, जहां सोने की बर्थ होती है और एक शख़्स को भी चलना होता है तो बचते-बचाते चलता है। वहां 2 घंटे की जर्नी में उतनी ही देर की… यानी रीयल टाइम कहानी की स्पीड से, इतने खतरनाक एक्शन सीक्वेंस प्लान करके एक्जिक्यूट करना तो दूर की बात है, सोचने के लिए भी अवार्ड दिया जाना चाहिए।
कमाल का है एक्शन
कोरियन एक्शन डायरेक्ट ‘येऑन हो’, जिन्होने ‘वॉर’ और ‘टाइगर-3’ का एक्शन भी डिजाइन किया था। उन्होंने सिनेमैटोग्राफर – राफे महमूद के साथ ट्रेन के डिब्बे में ऐसा एक्शन शूट किया है, कि स्क्रीन की हर चोट पर आपको दर्द होता है। ये एक्शन इतना वायलेंट है, कि मजबूत से मजबूत कलेजे वाले शख्स को भी दहला दे। कमजोर दिल वाले और फैमिली ऑडियंस को तो किल देखने से पहले सौ बार सोच लेना चाहिए। किल का कमाल ऐसा है, कि इसकी रिलीज के पहले ही ‘जॉन विक’ फ्रेंचाइजी और ‘हाईलैंडर’ बनाने वाले इंटरनेशनल प्रोडक्शन हाउस – ‘लायन्स गेट’, ’87 इलेवन’ एंटरटेनमेंट के बैनर तले – किल का इंग्लिश रीमेक बनाएंगे।
तीन खूबियां जो फिल्म देखने के लिए करेंगी मजबूर
किल की तीन खूबियां है जो आपको फिल्म देखने के लिए मजबूर करेगी। पहली इसकी रफ्तार, और वो ऐसी है कि आपको सोचने तक का मौका नहीं देगी। दूसरी इसका एक्शन… वो ऐसा है कि थियेटर में आपकी सांस, गले में अटकी होगी, और बाहर निकलने पर भी आप इसके असर से कांपेंगे। तीसरी इसका प्रेजेंटेशन… सिनेमैटोग्राफी, आर्ट डायरेक्शन और बैकग्राउंड स्कोर के मामले में KILL एक बेजोड़ प्रेजेंटेशन वाली मूवी है।
लक्ष्य के एक्शन ने जीता दिल
हिंदुस्तान को उसका असल एक्शन स्टार मिल गया है। एनएसजी कमांडो – अमृत के किरदार में लक्ष्य लालवानी ने, जो अब तक स्मॉल स्क्रीन पर पहचान के लिए कोशिश करते रहे। फिर धर्मा के साथ तीन फिल्में साइन करके… दोस्ताना 2 और शशांक खेतान की फिल्म बंद होने के बाद, फाइनली किल में आकर अपनी पूरी ताकत लगा दी है। लक्ष्य के एक्शन देखकर आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे।
विलेन बन राघव जुयाल ने डराया
इस फिल्म के मेन विलेन के किरदार में – डांस इंडिया डांस से सनसनी बने – राघव जुयाल ने तहलका मचा दिया है। डांसिंग रियलिटी शो में कॉमिक होस्ट रह चुके और सलमान खान की बड़ी-बड़ी फिल्मों के छोटे-मोटे कॉमिक गेस्ट अपीयरेंस के सहारे चलते रहे राघव ने तो कमाल ही कर दिया है। उन्होने अपनी इमेज को तोड़ने और काबिलियत को दिखाने के लिए करिश्मा कर दिया है। लुटेरे गैंग के बॉस के बेहद बिगड़ैल और वायलेंट बेटे फानी बने, राघव जुयाल को देखकर आपको नफरत होने लगेगी।
अन्य किरदारों ने भी किया अच्छा काम
वहीं दूसरे एनएसजी कमांडो विरेश के किरदार में अभिषेक चौहान का काम भी काबिल-ए-तारीफ़ है। फिल्म की पूरी कहानी तुलिका के कैरेक्टर के इर्द-गिर्द भले ही घूमती है, लेकिन तान्या मनिकतला का स्पेस टाइम लिमिटेड है। लेकिन फिर भी उन्होंने लाइमलाइट अपने नाम कर ली है। हर्ष छाया और आशीष विद्यार्थी जैसे मंझे हुए कलाकारों ने फिल्म का ग्राफ बढ़ाया है, लेकिन लक्ष्य और राघव जुयाल के आगे सब फीके लगे हैं।
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KILL को मिले 4.5 स्टार।
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