AP Dhillon-First of a Kind Review: पंजाबी म्यूज़िक का दुनिया में सबसे चमकता हुआ नाम, जिसने पिछले तीन साल के अंदर पूरी दुनिया के साउथ इंडियन कम्यूनिटी को जोड़ दिया है, जिसके देसी बोल, और वेस्टर्न बीट के कॉम्बीनेशन पर नई जेनरेशन फिदा है, वो नाम है – अमृतपाल ढिल्लन का, नहीं पहचाना – ए.पी.ढिल्लन, अब तो कोई शक़ नहीं है ना !
ब्राउन मुंडे की स्टोरी (AP Dhillon-First of a Kind Review)
2020 में अपने यू-ट्यूब चैनल को बनाकर, पहले गाने फेक से लेकर, इस ब्राउन मुंडे की इनसेन कामयाबी ने, पूरी दुनिया को चौंका दिया है। बिना किसी बड़े म्यूज़िक लेबल का सहारा लिए, ए.पी. और उसके दोस्तों ने इंडिया से लेकर AP Dhillon – First of a Kind Review: इंडिया का पहला इंटरनेशनल रॉकस्टार, ‘Brown Munde’ की ‘Insane’ स्टोरी
रिवोल्यूशन है सीरीज
प्राइम वीडियो की डॉक्यू-सीरीज़ AP Dhillon: First of a kind, जैसे इंडियन ओटीटी स्पेस में एक रिवोल्यूशन की तरह है। ऐसा नहीं है कि इससे पहले कोई डॉक्यूमेंट्री नहीं बनी, 2004 में नसरीन मुन्नी कबीर ने शाहरुख़ ख़ान की ज़िंदगी को ऐसे ही कैमरे में कैद किया था, टाइटल था – इनर एंड आउटर वर्ल्ड ऑफ़ शाहरुख़ ख़ान। उसके बाद कई-कई अलग फॉर्मेंट में स्टार्स, उनकी ज़िंदगी, स्टार वाइफ़्स की ज़िंदगियों को पेश करने की नाकाम सी कोशिशें हुईं क्योंकि मुश्किल ये होती है, कि सेलिब्रिटी ओहदा हासिल होने के बाद, आप अपने बारे में सिर्फ़ अच्छी चीज़े देखने और सुनने के आदी हो जाते हैं, ऐसे में इस फॉर्मेट को अपनाना भी एक चुनौती है।
जानिए अमृतपाल की कहानी
जे अहमद की इस डाक्यू-सीरीज़ मे शुरुआत भले ही ए.पी ढिल्लन के सुपरहिट ट्रैक्स, इंटरनेशनल एरेना में उनके कॉन्सर्ट और बड़े-बड़े रिकॉर्ड्स के मोंटाज के साथो होती है…. मगर फिर ये कहानी उस अमृत की हो जाती है, जो 2015 में पंजाब के गुरदासपुर को छोड़ना नहीं चाहता था, जो अब भी पापा की आंख़ों की आंसू देखकर रो देता है, मां के साथ ना होने का दर्द उसकी आवाज़ में हमेशा छलकता है, दादी को देखते ही ए.पी.ढिल्लन, अमृतपाल बन जाता है। हालांकि अमृतपाल के यूट्यूब पर पहले गाने से लेकर सुपरस्टार बनने की अब तक जर्नी सिर्फ़ तीन साल की है, लेकिन प्राइम वीडियो के 4 एपिसोड की इस डॉक्यू-सीरीज़ में, 5 साल कनाडा के संघऱ्ष की कहानी बी है, जिसमें ए.पी बनने के पहले अमृत सड़कों पर सोया, स्टोर में नौकरी की, अपने 5 बाई 7 के कमरे में, खुद की नौकरी से जोड़े हुए पैसे से रिकॉर्डिंग करने के जुनून को कायम रखा।
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सिंगिंग सेंसेशन के क्रेज को दिखाया
ये मिनी डॉक्यू-सीरीज़ एक खिड़की की तरह, जिसमें ए.पी. के पर्सनल वीडियो भी हैं, जहां गुरदासपुर से छोड़ते वक्त, ए.पी. घर की सीढ़ियों पर बैठे गाना गा रहा है, इसमें ए.पी.ढिल्लन ही नहीं, गुनिंदर और शिंदा की कहानी भी है, कि उनके साथ ने ए.पी. के सपनों को आकार कैसे दिया। इस डाक्यू सीरीज़ में इस बात का भी जिक्र है कि कैसे उन्होने एक साल तक यू-ट्यूब को पहले समझा… और दो साल लगे, उन्हें अपना गाना इस प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने में। ए.पी और उनके साथियों की कहानियों के साथ इंडियन-इंटरनेशनल म्यूज़िक प्लेटफॉर्म के दिग्गज़ों के इंटरव्यूज़ को भी इसमें जोड़ा गया है, जो ए.पी की डायवर्सिटी और साउथ एशियन कम्यूनिटी में इस 30 साल के सिंगिंग सेसेशन के क्रेज़ को दिखाती है।
गानों को बताया था रद्दी
दिलचस्प ये भी है, कि ए.पी.ढिल्लन, वो पहले इंडियन-इंटरनेशनल सिंगर हैं, जिन्हे इस मुकाम तक पहुंचाने का क्रेडिट किसी बड़े म्यूज़िक लेबल के पास नहीं है। क्योंकि म्यूज़िक कंपनियों ने ए.पी. के गानों को रद्दी कहकर हटा दिया था, और जब इस ब्राउन मुंडे के गाने 100, 200 से लेकर 500 मिलियन तक पहुंचे… तब तक इन कंपनियों के लिए बहुत देर हो चुकी थी। पंजाब के गांव से इंटरनेशनल एरेना तक परफॉर्म करने वाले, 3 साल में 6 इंटरनेशनल नंबर-1 हिट्स देने वाले अमृतपाल उर्फ़ ए.पी.ढिल्लन की इस स्टोरी को देखकर, आपको वाकई लगने वाला है कि – कुछ भी हो सकता है।