प्रभाकर मिश्रा: ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा फैसला लिया है। एडल्ट कॉन्टेंट को रोकने और उसके लिए पॉलिसी बनाने की मांग वाली याचिका पर कोर्ट ने आज सुनवाई की। साथ ही कोर्ट ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और केंद्र सरकार को इस मामले पर नोटिस जारी कर दिया है। जस्टिस गवई ने सुनवाई करते हुए इसे बच्चों के लिए चिंताजनक बताया है। आइए आपको भी बताते हैं सुनवाई में क्या कुछ हुआ?
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सुनवाई में क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीर बताया। केंद्र सरकार की तरफ से पेश हो रहे सॉलिसिटर जनरल से कोर्ट ने कहा कि सरकार को इसको लेकर कुछ करना चाहिए। ये वाकई चिंताजनक है कि लोग अपने बच्चों के हाथ में मोबाइल फोन दे देते हैं। जस्टिस गवई ने आगे कहा कि ऐसे तो हम पर आरोप लग रहा है कि हम कार्यपालिका और विधायिका में दखल दे रहे हैं। लेकिन हम इस मामले में नोटिस जारी कर रहे हैं।
याचिका में क्या-क्या?
ओटीटी पर अडल्ट कंटेंट को लेकर कई लोगों ने सख्त कानून लाने की बात कही थी। वहीं अब इस मामले में दर्ज याचिका पर आज यानी 28 अप्रैल को सुनवाई हुई। याचिका में दावा किया गया था कि ओटीटी के साथ-साथ सोशल मीडिया पर ऐसे पेज हैं जो बिना किसी फिल्टर के अश्लील कॉन्टेंट दिखा रहे हैं। इन पर कोर्ट को कड़ी सख्ती करते हुए रोक लगानी चाहिए।
समिति गठित करने की मांग
वहीं इसके साथ ही याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले पर कंट्रोल करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनानी चाहिए। जो इन मुद्दों पर संज्ञान ले, जिससे ओटीटी पर ऐसे अश्लील कंटेंट बनाने पर बैन लग सके।
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