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रेज्सो सेरेस कौन? जिनके लिखे गीत को बजाना बैन, सुनकर 100 से ज्यादा लोगों ने की थी आत्महत्या!

Worlds Most Suicidal Song Gloomy Sunday: क्या सचमुच ऐसा कोई गाना है जिसे सुनकर लोगों ने आत्महत्या की। जानें, क्या है इस गाने के पीछे का सच।

Worlds Most Suicidal Song Gloomy Sunday
Worlds Most Suicidal Song Gloomy Sunday

Worlds Most Suicidal Song Gloomy Sunday: आपने खुशी के, गम के, हर तरह के मूड के हिसाब से, बहुत से फिल्मी गाने और अलग-अलग भाषाओं के गाने सुने होंगे। लेकिन क्या आपने अभी तक किसी सुसाइडल सॉन्ग के बारे में सुना है? जी हां, आज हम आपको एक ऐसे गाने के बारे में बता रहे हैं जिसे सुनकर ना सिर्फ इस गाने को बनाने वाले ने बल्कि इस गाने को सुनने वाले बहुत से लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। यहां तक कि जिसके लिए यह गाना बनाया गया था उसने भी आत्महत्या कर ली थी। चलिए जानें, कौन सा है ये गाना और क्या है इस गाने के बनने की कहानी।

कौन सा है ये गाना

इस गाने का नाम है Gloomy Sunday। यह गाना 1933 में रेज्सो सेरेस और लास्जलो जावर द्वारा लिखा गया था। 1935 में ग्रामोफोन पर आने के बाद, ऐसा माना जाता है कि इस गाने को सुनकर 100 से अधिक लोगों ने सुसाइड कर लिया था। यह गाना बहुत ही सदमे से भरा हुआ है जिसकी वजह से लोगों को अपने अंदर की डार्कनेस दिखती है और वह खुद को खत्म कर लेते हैं।

कौन थे रेज्सो सेरेस

रेज्सो सेरेस एक हंगरी म्यूजिक कंपोजर थे, जो 1933 में पेरिस में रहकर एक सॉन्ग राइटर के तौर पर अपना करियर बनाने की कोशिश कर रहे थे। कुछ लोग कहते हैं कि सेरेस की मंगेतर ने उन्हें एक शानदार संगीतकार होने के कारण छोड़ दिया था। इस वजह से सेरेस ने यह गीत उनके लिए लिखा था। यह भी कहा जाता है कि गीतकार और कवि लास्जलो जावर का भी दिल टूटा था। उन्होंने सेरेस से अपनी एक्स वाइफ के बारे में लिखने को कहा था। तब जाकर दोनों ने मिलकर ग्लूमी संडे सॉन्ग बनाया।

बहुत मुश्किल से हुआ था रिकॉर्ड

हालांकि इस गाने को बेचना आसान नहीं था। रेज्सो सेरेस और लास्जलो जावर ने इसे बेचने की बहुत कोशिश की, लेकिन हर जगह इन्हें निराशा ही हाथ लगी। फिर इसके बाद हंगेरियन पॉप सिंगर पाल कल्मार ने इस गाने को रिकॉर्ड किया जिसे खूब सराहा गया। बेशक, यह गाना उदासीनता से भरा था लेकिन यह हिट हुआ।

Worlds Most Suicidal Song Gloomy Sunday

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आने लगी आत्महत्या की खबरें

1935 में बुडापेस्ट में एक मोची ने आत्महत्या कर ली और उसने अपने सुसाइड नोट में ग्लूमी संडे के बोल लिखे। यह भी दावा किया जाता है कि सेरेस की मंगेतर ने भी इस गाने को सुनकर जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी और अपने सुसाइड नोट में ग्लूमी संडे 2 शब्द लिखे थे। इतना ही नहीं, ग्लूमी संडे की धुन सुनने के बाद कथित तौर पर दो लोगों ने खुद को गोली मार ली थी। एक बैंड की धुन ग्लूमी संडे से प्रेरित थी।

हंगरी में गाने पर लगा बैन

हंगरी में इस गाने को बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। लेकिन आत्महत्या फिर भी नहीं रूकी। वियना में एक महिला ने इस गाने की शीट म्यूजिक को पकड़कर खुद को पानी में डुबो लिया था। वहीं लंदन में एक महिला ने बार-बार यह गाना सुनते हुए बार्बिट्यूरेट्स का इतना अधिक सेवन किया कि उसकी मौत हो गई। एक आदमी ने एक क्लब में ग्लूमी संडे को बजाने का अनुरोध किया और गाना बचने के दौरान वो बाहर गया और खुद को गोली मार ली। बहुत बाद में 1968 में रेज्सो सेरेस में खुद खिड़की से कूदकर आत्महत्या कर ली थी।

हंगरी में होते हैं सबसे ज्यादा सुसाइड

ऐसा माना जाता है कि हंगरी में सबसे ज्यादा सुसाइड होते थे। ऐसे में हंगेरियन सुसाइडल सॉन्ग ग्लूमी संडे से जुड़ी बहुत सारी कहानियां और किस्से बाहर आने लगे। लेकिन इतना सब होने के बाद भी यह गाना आज भी बहुत लोकप्रिय है।

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First published on: May 14, 2024 07:59 PM

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