Vitamin D sources: विटामिन-डी हमारी हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों की सेहत के लिए बेहद जरूरी पोषक तत्व होता है। साथ ही ये शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट के स्तर को मैनेज भी करता है, जो हमारी हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। विटामिन-डी का स्तर कम होने से हड्डियां कमजोर पड़ने लगती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ता है। विटामिन-डी का सबसे बड़ा स्त्रोत सूरज की किरणें हैं, इसलिए इसे सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है। जब किसी के शरीर में बहुत ज्यादा विटामिन-डी की कमी हो जाये तो उन्हें डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट का इस्तेमाल करना चाहिए। आइये जानते हैं कि विटामिन-डी की कमी के क्या लक्षण होते हैं और हम विटामिन- डी किन सोर्स से ले सकते हैं।
विटामिन-डी की कमी के लक्षण
– कमजोरी महसूस होना
– रात भर की नींद के बाद भी थकावट महसूस करना
– हड्डियों और जोड़ों में दर्द
– मांसपेशियों का कमजोर होना, दर्द या फिर मांसपेशियों में ऐंठन आना
– मूड में बदलाव आना
विटामिन-डी के सोर्स
1 सूरज की धूप से
सबसे पहले तो हम आपको बता दें कि धूप विटामिन-डी का सबसे अच्छा सोर्स होता है, इससे मिलने वाला विटामिन-डी नेचुरल होता है। इसलिए रोजाना सुबह के समय सूरज कि धूप जरूर लें। ऐसा नहीं है कि आपको धूप सिर्फ सर्दियों में ही लेनी है आप गर्मियों में भी सुबह-सुबह की धूप ले सकते है।
2 विटामिन-डी युक्त आहार
ऐसा नहीं है कि धूप लेने मात्र से शरीर में विटामिन-डी की कमी पूरी हो जाती है। इसके लिए आप सिर्फ सूरज की धूप पर ही निर्भर न रहे इसके अलावा अपनी डाइट पर भी ध्यान दें। कोशिश करें कि आपकी डाइट में विटामिन-डी युक्त आहार शामिल हो। इसके लिए आप अपनी डाइट में संतरे, अंडे, मशरूम, टूना फिश, पाश्चराइज्ड दूध व साबुत अनाज को शामिल कर सकते हैं।
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3 विटामिन-डी के सप्लीमेंट
जब आपको लगे कि अब शरीर में विटामिन-डी की कमी बहुत ज्यादा हो गई है तो आप डॉक्टर की सलाह से विटामिन-डी के सप्लीमेंट का भी सेवन कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे की किसी भी प्रकार के सप्लीमेंट का इस्तेमाल अपनी मर्जी से नहीं करना चाहिए। इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए।
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