Hema Malini: बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री और बेहतरीन क्लासिकल डांसर हेमा मालिनी आजकल लोकसभा इलेक्शन में जोर-शोर से प्रचार करती नजर आ रही हैं। हेमा मालिनी बॉलीवुड के उन सितारों में से हैं जिनका पॉलिटिकल करियर भी उतना ही सक्सेसफुल रहा जितना कि बॉलीवुड करियर। अमिताभ बच्चन से लेकर कई दिग्गज पॉपुलर सितारों ने बॉलीवुड के अलावा पॉलिटिक्स में भी अपनी किस्मत आजमाई लेकिन उन्हें वह सफलता नहीं मिल पाई। लेकिन क्या आप जानते हैं हेमा मालिनी के पॉलिटिक्स ज्वॉइन करने के निर्णय से धर्मेंद्र खुश नहीं थे। जानें क्यों?
मथुरा निर्वाचन क्षेत्र से खड़ी हैं हेमा मालिनी
हेमा मालिनी इस साल मथुरा निर्वाचन क्षेत्र से तीसरी बार संसद के लिए खड़ी हुई हैं। वह लोकसभा चुनावों के प्रचाक में भी जोर-शोर से लगी हुई हैं। यहां तक कि उनकी बेटी ईशा देओल भी प्रचार में उनकी मदद करती दिखाई दे रही हैं।
क्यों खुश नहीं थे धर्मेंद्र
एक इंटरव्यू में खुद हेमा मालिनी ने कहा था कि धर्मेंद्र जी को मेरा पॉलिटिक्स में आने का निर्णय सही नहीं लगा था। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ना बहुत डिफिकल्ट टास्क है। लेकिन हेमा मालिनी ने इसे एक चुनौती की तरह लिया और राजनीति में कूद गईं। हेमा मालिनी ने यह भी बताया कि धर्मेंद्र को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा क्योंकि ट्रैवल करके बहुत दूर आना पड़ता था और उनका साथ में काम भी करना होता था।
हेमा मालिनी ने कहा कि उन्होंने भी कुछ ऐसी प्रॉब्लम्स को फेस किया जो धर्मेंद्र जी को भी पसंद नहीं थी लेकिन वह एक महिला है और महिला के तौर पर आराम से चीजों को मैनेज कर पाईं। उनका कहना था कि फिल्म स्टार पॉलिटिक्स में उतरने से लोग क्रेजी हो गए थे और हेमा जी से मिलना चाहते थे, तो शुरू में हेमा जी को भी इस वजह से थोड़ी मुश्किलें हुईं। लेकिन धीरे-धीरे चीजें स्मूथ हो गईं।
विनोद खन्ना का क्या था रोल
हेमा मालिनी ने यह भी बताया कि कैसे विनोद खन्ना ने उनके पॉलिटिकल करियर में मदद की। भाषण देने से लेकर कई और राजनीति से जुड़े गुर हेमा ने विनोद खन्ना से सीखें। बता दे, हेमा मालिनी 2014 में पॉलिटिक्स में आई थी और पिछले 10 साल से उनका पॉलीटिकल करियर सफल है।
इतना ही नहीं, देओल फैमिली का एक और चिराग भी पॉलीटिकल राजनीति में है। वह सनी देओल हैं जो गुरदासपुर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं।
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