Heeramandi Analysis: रॉयल अंदाज, नक्काशी वाली दीवारें, शीशे के फव्वारे… लग्जरी लाइफ ऐसा कुछ संजय लीला भंसाली की फिल्म में ही होता है। अब हाल ही में बड़े-बड़े सितारों से सजी Heeramandi The Diamond Bazaar ने ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर एंट्री की है। वेब सीरीज को लेकर लोगों में बहुत उत्साह था, लेकिन जब हमने खुद इस सीरीज तो देखा तो कहीं न कहीं भंसाली की चूक नजर आई। जबरदस्त डायलॉग्स और भव्य सेट और शान-ओ-शौकत को इस वेब सीरीज की यूएसपी कहा जा सकता है, लेकिन वेब सीरीज में कुछ ऐसे सीन हैं, जो सच में हजम ही नहीं हो पाते। आप सोच रहे होंगे कि वो कौन से हैं, तो हम आपको बता देते हैं, हां हम ये भी कहना चाहेंगे कि जरूरी नहीं कि जो हमें चूक लगी वो आपको लगे।
फरीदन
सीरीज में सोनाक्षी सिन्हा फरीदन के किरदार में नजर आई हैं। सोनाक्षी का रोल महाभारत की द्रौपदी से कम नहीं है। जी हां जैसे उसमें उनके चीरहरण को मुख्य घटना बताया गया था। वहीं हीरामंडी में फरीदन यानी सोनाक्षी सिन्हा का किरदार भी ऐसा ही दिखाया है। 15 साल बाद अचानक प्रकट होकर सोनाक्षी हर मामले में मनीषा से भारी पड़ती दिखाई दी। क्लाइमेक्स तब आता है, तब जब फरीदन के चुगली करने से पुलिस अफसर आलमबेग को गिरफ्तार करता है।
एक सीन में दिखाया है कि जब फरीदन अमरूद कोठी में आलमबेग से मिलने जाती है तो उसे सारे अहम कागजात खुले में पड़े मिलते हैं, अरे ऐसे कागजात खुले में कौन रखता है, जो आपको मौत की सजा दिलवा सकते हैं और जब फरीदन उन्हें देखती है तो आलमबेग कहां होती है। यह बिल्कुल समझ से बाहर है।
मनीषा कोइराला हीरो या विलेन
Heeramandi The Diamond Bazaar की मुख्य किरदार मल्लिकाजान यानि मनीषा कोइराला का रोल बड़ा ही कंफ्यूजन वाला है। पूरी वेब सीरीज में पता ही नहीं चला कि मनीषा विलेन हैं या हीरो, अब रोल ही कुछ ऐसा अदा किया है। एक तरफ तो वो मां के मरने के बाद 9 साल की फरीदन को बेच देती है। फिर आलमजेब की नथ उतारने के लिए उसके शायर बनने के सपने को रौंद देती हैं।
वहीं दूसरी तरफ वो ख्वाबगाह को असली मालकिन को सौंप देना, आलमजेब को जेल से छुड़ाने के लिए पुलिस कर्मचारियों से खुद का रेप करवाना, तवायफ बेटी की शादी तय करना और देश की आजादी के लिए हीरामंडी से शुरू हुई बगावत को लीड करना उसके पॉजिटिव काम हैं। अब समझ ही नहीं आया कि वो किस किरदार में फिट बैठती हैं।
उस्ताद जी
पूरी वेब सीरीज में नारद मुनि का किरदार निभाने वाले उस्ताद जी का रोल भी सबसे अलग है। जहां पहले वो मल्लिका जान के हक में होता है, लेकिन फरीदन के आने के बाद वो उसी के पक्ष में आ जाता है।
वहीं वो पुलिस वाले के साथ भी बड़े ही अजीब अंदाज में नजर आता है। उस्ताद जी ने एक दूसरे की चुगली कर पूरी सीरीज का रुख ही बदल दिया।
शमां
एक नौकरानी शमां है जो आलमजेब की दोस्त भी है। लेकिन वो इकबाल के प्यार में पागल हो जाती है। वहीं मनीषा कोइराला उनके प्यार के खिलाफ होती है। ऐसे में इकबाल उसकी रखी शर्त पर पैसे कमाने के लिए गलत राह पर निकल पड़ता है और फिर जेल की सलाखों के पीछे पहुंच जाता है।
वहीं शमां को जब मल्लिका जान 10 हजार में बेच देती है तो वो थोड़ा अटपटा सा लगा, क्योंकि ये सिर्फ भंसाली का ही अंदाज हो सकता है जो एक नौकरानी को भी बेच दे।
इकबाल
शमां के प्यार में पागल मल्लिकाजान की बग्गी का ड्राइवर इकबाल का रोल भी कुछ खास हजम नहीं हो पाया। भई रोल ही कुछ ऐसा है एक तरफ वो अपनी मालकिन के लिए ईमानदार है तो वहीं दूसरी तरफ मना करने प्रेमिका को बेचे जाने पर वो गुस्से में पागल हो जाता है, फिर अचानक से गायब भी हो जाता है।
पुलिस अफसर
मुख्य विलेन किरदार एक पुलिस अफसर का दिखाया गया है, जो मल्लिकाजान से बेइज्जती का बदला लेने के लिए उसे थप्पड़ मारता है, रेप करवाता है। सोनाक्षी सिन्हा के साथ हमबिस्तर होता है। आलमजेब के होने वाले पति को मार डालता है। हजम वो सीन नहीं होता कि वो गर्भवती आलमजेब, जोकि पहले भी उसकी जेल में बंद रही है, को हमबिस्तर होने के लिए बुलाता है, वह उसे गोली मार देती है।
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