Taha Shah Badussha in Heeramandi: संजय लीला भंसाली की हीरामंडी वेब सीरीज 1 मई को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है। इस वेब सीरीज में कई दिग्गज सितारों के साथ ही और कुछ नए चेहरे भी नजर आएं हैं। इन्हीं में से एक हैं ताहा शाह बदुशा। ताहा आजकल युवाओं के बीच क्रश बने हुए हैं। दरअसल, वे हीरामंडी में आलमजेब के साथ इश्क लड़ाते हुए, एक स्वतंत्रता सेनानी और एक नवाब की भूमिका में दिखाई दिए। इन्होंने हीरामंडी में ताजदार बलोच का किरदार निभाया है। ताहा ने हाल ही में हीरामंडी में ना सिर्फ अपने अनुभवों के बारे में बताया बल्कि उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह से इस किरदार को करने के बाद उनके पास खूब कॉल्स और मैसेज आ रहे हैं। चलिए जानते हैं कौन है ताहा शाह बदुशा और क्यों संजय लीला भंसाली नहीं करते थे इनसे सीधे मुंह बात।
कौन है ताहा शाह बदुशा
ताहा शाह बदुशा वह शख्सियत हैं जिन्होंने अपना फिल्मी करियर बनाने के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ दी और वे श्रद्धा कपूर के साथ ‘लव का दी एंड’ फिल्म में नजर आए थे। यहीं से उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की।
क्या कहना है किरदार के बारे में
ताहा ने हाल ही में बताया कि संजय लीला भंसाली के साथ काम करना उनके लिए वाकई किसी सपने से कम नहीं था। उन्होंने कहा कि ना सिर्फ मेरे फैंस के कॉमेंट्स आ रहे हैं बल्कि नील नितेश मुकेश और बाबिल खान जैसे सितारे भी डीएम करके मुझे इंस्टाग्राम पर बधाइयां दे रहे हैं और उन्होंने मेरा नंबर भी मांगा। साथ ही मुझसे खूब खुलकर बात की। 36 वर्षीय अभिनेता ने बताया कि पहले मेरे पास किसी का कॉल नहीं आता था लेकिन हीरामंडी के बाद से मेरे पास खूब लोगों के कॉल आ रहे हैं। मुझे इसके लिए खूब प्रशंसा मिल रही है। मेरा परिवार इससे बहुत खुश है।
कैसे मिली ताजदार की भूमिका
ताहा ने बताया कि जब उन्हें हीरामंडी का हिस्सा बनने का मौका मिला तब तक उन्हें नहीं पता था कि उन्हें ताजदार की भूमिका दी जा रही है, जो न सिर्फ प्यार में है बल्कि आजादी की लड़ाई भी लड़ रहा है। यह एक शानदार किरदार है। हालांकि इस ताजदार की भूमिका से पहले ताहा को उनके दोस्त बजराज की छोटी भूमिका पेश की गई थी, जिसके लिए उन्होंने 110 दिनों तक शूटिंग की, तभी वे संजय लीला भंसाली को इंप्रेस करने में कामयाब रहे।
मुख्य भूमिका निभाने से पहले क्यों टूटा था का दिल
ताहा को जब बताया गया कि वह बजराज की भूमिका नहीं करेंगे, जिसके लिए उन्होंने लुक टेस्ट दिया है तो उन्हें लगा कि उन्हें प्रोजेक्ट से निकाल दिया जाएगा। संजय लीला भंसाली ने ताहा से कहा कि तुम यह भूमिका नहीं कर रहे हो, ताहा का दिल टूट गया। उन्हें निराशा हुई। दरअसल, उन्हें प्रोजेक्ट से निकाले जाने और रिजेक्शन की आदत हो गई थी, क्योंकि पहले भी उनके साथ ऐसा हुआ है।
जीवन बदलने वाला क्षण था ये किरदार
जब संजय लीला भंसाली ने ताहा को बोला कि उन्हें ताजदार की भूमिका निभानी है तो उन्हें इस बात पर यकीन नहीं हुआ। उन्हें एक झटका लगा क्योंकि उन्हें लीड किरदार निभाने के लिए कहा जा रहा था और ताहा के साथ ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था।
चुनौती पूर्ण है संजय लीला भंसाली के साथ काम करना
ताहा ने बताया कि संजय लीला भंसाली के साथ काम करना वाकई बहुत चुनौतीपूर्ण है। पहले दो दिनों के दौरान उन्होंने सीधे तरीके से ताहा से बात तक नहीं की थी। अगर ताहा को कुछ भी निर्देश देना होता था तो वह अपने सहायक अमरिंदर से ही कहलवाते थे, जबकि संजय के ताहा हर एक्शन पर गौर कर रहे थे। ताहा ने बताया कि भंसाली को लोगों को टेस्ट करना और विभिन्न परिस्थितियों में उनके रिएक्शन देखना और उनके व्यवहार का मूल्यांकन करना पसंद है। तीन दिन बाद उन्हें संजय लीला भंसाली एक तरफ लेकर गए और उनसे पूछा गया, तू बात क्यों नहीं करता, तू मेरे पास आकर बैठ, मॉनिटर में देख, मुझे निरीक्षण करते देख। ताहा ने कहा कि मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मुझे संजय लीला भंसाली ने इस तरह डांट खाने का मौका मिला।
बहरहाल, ताहा शाह बदुशा ने ताजदार का किरदार वाकई शानदार तरीके से निभाया है जिसकी चर्चाएं हर ओर हो रही हैं।
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