Gullak Season 4 Review/Ashwani Kumar: जून का महीना ओटीटी पर सुपरहिट सीरीज के नए सीजन लेकर आया है। पंचायत सीजन 3 के बाद जल्द ही कोटा फैक्ट्री रिलीज होने वाली है। मगर इससे पहले ही सोनी लिव पर मचअवेटेड वेब सीरीज गुल्लक सीजन 4 आ गया है, जिसके तीनों सीजन ने दर्शकों को खूब एंटरटेन किया है। यादों की गुल्लक, जिसमें बचत के सिक्के ही नहीं… मिडिल क्लास के उम्मीदों की कहानियां भी बसती है। वायरल फीवर का गुल्लक का सीज़न 4 आ गया है। साल 2019 में जब ओटीटी की बस शुरुआत हुई थी और कोरोना की आहट भी सुनाई नहीं थी, तब सोनी लिव पर गुल्लक के कहानियों की ख़नक पहली बार गूंजी।
मिश्रा जी के परिवार की कहानी
मिडिल क्लास मिश्रा फैमिली के घर, विद्युत विभाग में काम करने वाले सन्तोष मिश्रा जी, अपनी पत्नी शांति, बड़े बेटे अन्नू और छोटे बेटे अमन के साथ छोटी-छोटी बातों में, छोटी-छोटी खुशियों में ज़िंदगी का सुर तलाशते हैं। इन किरदारों से पिछले तीन सीज़न में हम रूबरू हो चुके हैं। सन्तोष मिश्रा जी के मिजाज़, शांति मिश्रा की ज़ुबान और प्यार, अन्नू की ज़िम्मेदारियां, अमन की बेकरारी और पड़ोस वाली – बिट्टू की मम्मी की छत टापकर, सीढ़ियों से एंट्री से हम सब वाकिफ़ हैं। इस चौथे सीज़न में बड़े भाई अन्नू – मेडिकल रिप्रेंजेंटेटिव की नौकरी करने लगे हैं और बॉस शशिरंजन के तेवरों से आहत हैं। वहीं छोटे वाले अमन, जो पंडित जी कहे अनुसार बहुत क्रिएटिव हैं, उपन्यासकार बनना चाहता है, एडल्ट हो रहे हैं… लेकिन चेहरे पर दाढ़ी और महिला मित्र से यारी पाने को बेचैन हैं।
गुल्लक सीजन 4 की थीम
वैसे इस बार पांच एपिसोड वाले गुल्लक के सीज़न 4 का थीम – एडल्टिंग और पैरेटिंग है। मगर शुरुआत विद्युत विभाग वाले सन्तोष मिश्रा जी को नगर निगम के उस नोटिस से होती है, जहां उन्होने अपने घर का निर्माण नक्शे के अनुसार नहीं करवाया है। इसके लिए उन्हे नोटिस का जवाब खत में और समस्या का समाधान लिफाफे में करना हैं। घूस लेने और देने के खिलाफ रहने वाले मिश्रा जी, सुविधा शुक्ल देकर समस्या निपटाना तो चाहते हैं, साथ ही लिफाफे के ज़रिए मिडिल क्लास के आत्म-सम्मान का पाठ भी पढ़ाते हैं।
मिडिल क्लास फैमिली की कहानी
दूसरे एपिसोड में पूजा के बाद मंदिर से लौट रही शांति मिश्रा के गले से सोने की चेन छिन जाती है, तो समझ आता है मिडिल क्लास बड़ी से बड़ी मुश्किलों और नुकसान से भी कैसे उबरना सीख जाता है। तीसरे एपिसोड में घर का कबाड़ और छोटे अमन के जुगाड़ के जरिए पता चलता है कि मिडिल क्लास के लिए कबाड़, समस्या नहीं सुनहरी यादें हैं। चौथा एपिसोड अन्नू भैया की अन्नु भैया का नौकरी के लिए जुगाड़ और अमन का पहली बार किसी लड़की के साथ साक्षात्कार का उदाहरण है और एपिसोड खत्म होते-होते भाईयों के बीच की भिड़ंत का चैप्टर भी यही लिखा जाता है।
आखिर एपिसोड से करेंगे रिलेट
पांचवे एपिसोड एडल्टिंग और पैरेटिंग की जो कहानी लिखी गई है, उससे हिंदुस्तान की हर मिडिल क्लास फैमिली रिलेट करती है। इमोशन का झरना फूट पड़ता है और पापा का हाथ अमन पर छूट पड़ता है। लेकिन क्लाइमेक्स में टूटी हुई, गुल्लक को देखकर दिल टूटता है कि क्या गुल्लक के किस्सों का सफर बस यहीं तक था? 5 एपिसोड वाले चौथे सीज़न के इस गुल्लक की खनक, आपके कानों और दिल दोनो में गूंजेगी। नए राइटर विदित ने भी गुल्लक के पैटर्न को बिखरने नहीं दिया है। डायरेक्टर श्रेयांष पांडे ने मिश्रा फैमिली की स्टोरी को, जैसी यूनीवर्सल अपील दी है, वो लाजवाब है।
स्टारकास्ट की एक्टिंग
गुल्लक में हर बार की तरह, इस बार की विनर भी मां हैं, यानि शांति देवी बनी गीतांजली कुलकर्णी। उन्हे देखकर आपको अहसास होगा, कि छोटे-छोटे घरों में मां, कैसे बड़ी-बड़ी खुशियां समेट लेती है। सन्तोष मिश्रा बने जमील खान को देखना, तो जैसे एक अहसास है। अन्नू भैया के किरदार में वैभव राज गुप्ता – बड़े भाईयों की सख़्ती और प्यार के गवाह हैं। और छोटे अमन के किरदार में नेशनल अवॉर्ड विनर एक्टर हर्ष मायर, लड़कपन में एडल्टिंग वाली फीलिंग से हमारा साक्षात्कार हैं। बिट्टू की मम्मी बनी सुनीता राजवर को देखकर, आपके चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है। और हेली शाह का कैमियो अपीयरेंस, गुल्लक की चमक को बढ़ा देता है।
5 एपिसोड वाले इस चौथे सीजन की गुल्लक फूटी हैं, तो उसमें से इंडिया की पैरेटिंग वाली ऐसी सीरीज बाहर निकली है, जिसमें एंटरटेनमेंट भी है, इमोशन भी। मस्ट वॉच वाली रिकमेंडेशन के साथ गुल्लक के सीज़न 4 को चार स्टार।