Mehmood Ali: कॉमेडियन का नाम आता है तो जेहन में महमूद (Mehmood) का नाम सबसे पहले आता है। उनकी एक्टिंग का कोई जवाब नहीं था, हर कोई उनकी बेमिसाल अदाकारी का दीवाना था। एक कॉमेडियन का किरदार निभाने वाले एक्टर के नाम से ही फिल्में हिट हो जाया करती थीं। यही वो वजह थी जिसकी वजह से वो हीरो से भी ज्यादा फीस वसूलते थे। कहा जाता है कि सदी के महानायक अमिताभ बच्चन उन्हें अपना गॉडफादर मानते थे, क्योंकि उन्होंने अभिनेता की उनके करियर में काफी मदद की थी।
40 साल के करियर में की 300 से अधिक फिल्में
महमूद का पूरा नाम महमूद अली था, जिनका जन्म सितंबर 1932 में हुआ था। एक्टर ने मीना कुमारी की छोटी बहन से शादी की थी, हालांकि उन्होंने दो शादी की थी, दूसरी बीवी का नाम ट्रेसी अली था। अभिनेता के टोटल 8 बच्चे थे। अपने 40 साल के फिल्मी करियर में उन्होंने 300 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया। अपने फिल्मी करियर की शुरुआत उन्होंने साल 1943 में आई फिल्म बॉम्बे टॉकीज़ से की थी, जिसमें वो बच्चे ही थे। भारत के राष्ट्रीय हास्य अभिनेता के रूप में इस महान अभिनेता को जाना जाता था।
एक कॉमेडियन जो देता था सुपरस्टार्स को टक्कर
जब भी हम फिल्म देखने का मन बनाते हैं तो सबसे पहले ये देखते हैं कि मूवी का हीरो कौन है। लेकिन जरा सोचिए 60 से 80 के दशक में फिल्में देखने से पहले ये देखा जाता था कि महमूद मूवी में है या नहीं। उनके नाम से ही मूवी हिट हो जाती थी। फिल्मों के पोस्टर में अभिनेता के होने से उसकी वैल्यू और भी ज्यादा बढ़ जाती थी। अभिनेता हीरो से ज्यादा फीस वसूलते थे।
कभी बने ड्राइवर तो कभी बेचे अंडे
रिपोर्ट्स के अनुसार, फिल्म ‘किस्मत’ के बाद महमूद ने एक्टिंग छोड़ दी थी। अपने परिवार की आर्थिक तंगी को देखते हुए एक्टर ने कई छोटे-मोटे काम करने शुरू कर दिए। दो वक्त की रोटी खाने के लिए उन्होंने निर्देशक राजकुमार संतोषी के पिता पीएल संतोषी के गाड़ी चलाई और एक ड्राइवर बन गए। यही नहीं घर चलाने के लिए उन्होंने अंडे भी बेचे और टैक्सी भी चलाई।
पोलियो ग्रस्त बेटे का था गम
कम ही लोगों को पता होगा कि महमूद के 8 बच्चों में से एक को पोलियो था। फिल्म कुंवारा बाप में अभिनेता ने एक गरीब रिक्शेवाले का किरदार अदा किया था, जिसके बेटे को पोलियो होता है। इसमें उनके बेटे का किरदार उनके असली बेटे ने निभाया था। अपने बेटे के इलाज के लिए एक पिता सब कुछ करता है लेकिन अंत में हार ही हाथ लगती है और वो अपना बेटा खो देता है। ये फिल्म देखने वालों की आंखों में आंसू आ गए थे, और मूवी ब्लॉकबस्टर हिट साबित हुई जिसने कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।
ऐसे हुई मौत
ऐसे दिग्गज अभिनेता महमूद की मौत साल 2004 में हुई थी। वो उस वक्त अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में थे, और सोते-सोते नींद में ही उनका निधन हो गया। जब उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा उस वक्त उनकी उम्र 71 साल थी। लोगों को यकीन भी नहीं हो रहा था कि कल तक ठीक-ठाक दिखने वाले एक्टर का अचानक निधन कैसे हो गया। बात उनकी आखिरी फिल्म की करें तो वो राजकुमार संतोषी की ‘अंदाज़ अपना अपना’ थी जो साल 1994 में आई थी।
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