Govinda Talk About Politics Comeback: गोविंदा (Govinda) बॉलीवुड के वो सुपरस्टार हैं जिनके नाम से ही फिल्में हिट हो जाया करती थीं। उनकी एक्टिंग में कोई बनावटीपन नहीं दिखाई देता था। फिल्म इंडस्ट्री मे हीरो नं वन रह चुके अभिनेता ने दूसरी बार नेता बनने के लिए कदम आगे बढ़ा लिए हैं। एक्टिंग की पारी में सफल रहे एक्टर का राजनीतिक पारी में भी अच्छा दबदबा रहा है। अब एक बार फिर से इस मैदान में वापसी करने वाले गोविंदा शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। ऐसे में एक्टर ने News24 से खास बातचीत की और अपनी वापसी के बारे में भी बात की। आइए जानते हैं कि अभिनेता से नेता बने एक्टर ने क्या कहा?
क्यों की वापसी?
गोविंदा फिल्म इंडस्ट्री का वो नाम हैं जो किसी पहचान का मोहताज नहीं है। एक पारी में सफल रहने वाले एक्टर ने दूसरी पारी की शुरुआत एक बार फिर से कर दी है। जब News24 से खास बातचीत में उनसे पूछा गया कि उन्होंने फिर से राजनीति में वापसी क्यों की? इस सवाल का जवाब देते हुए वो बोले- हम रुक से गए हैं तो चलना जरूरी है और साथ चलने के लिए साथी चाहिए और वो भी क्लीन भूमिका वाले। मैं एकनाथ शिंदे जी का धन्यवाद देता हूं की उन्होंने मुझे इसका अवसर दिया। साथ ही ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि मैं इसमें ईमानदारी से कामयाब हो जाऊं।
उम्मीद पर खरे उतरने की करेंगे कोशिश
जब उनसे पूछा गया कि एकनाथ शिंदे जी ने कहा कि गोविंदा के चेहरे के लिहाज से पार्टी को बल मिलेगा, और लोगों की भीड़ इकट्ठी होगी, इसमें आप अपने आपको किस लिहाज से देख रहे हैं? गोविंदा ने उत्तर दिया कि सबसे पहले तो मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि मैं ये प्रार्थना करता हूं कि वो जो उम्मीद करते हैं वो सच हो। जहां पर हम मौजूद रहे, अच्छा माहौल तैयार हो और इस माहौल के जरिए और नजरिए ये आगे निकलेंगे।
मुझे ऐसा लगता था कि आंवले का खाया और बुजुर्ग का कहा, कभी जाया नहीं जाता। भगवान का मुझ पर बहुत आशीर्वाद रहा है, जब मैं एक्टर था, सुपरस्टार था तब भी और अब भी। गोविंदा ने कहा कि आप कितना भी कमाल कर लो, लेकिन उसमें दाग लगाने वाले हर जगह मिलेंगे, लेकिन जो आंखों से नजर आता है, जो सच है, उसमें आप कैसे किसी की खिलाफत कर सकेंगे। मुंबई का सौंदर्यीकरण हुआ है, जो बहुत अच्छा लग रहा है।
आर्टिस्ट हैं आर्टिस्ट का काम करें
जब एक्टर से विचारधाराओं के बारे में पूछा गया कि पहले आप कांग्रेस में थे, और अब शिवसेना ज्वाइन कर ली है तो दोनों की विचारधाराओं में क्या अंतर है। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि जिस वक्त विचारधाराओं का युद्ध चल रहा था, जिस वक्त मैं ज्वाइन किया था।
जब पॉलिटिक्स ज्वाइन हुआ था, तो लोगों ने विचारधाराओं को लेकर बहुत सारे सवाल पूछे थे, तो मैंने कहा कि जो पक्षपात करते हैं और जो सवाल पूछते हैं, उन सबसे बाहर निकल के जो आर्टिस्ट है वो आर्टिस्ट का काम करें और हम अपने काम को और बेहतर करें। हम लोगों का काम आर्ट एंड कल्चर से है, तो हम वह काम करें।
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