मुंबई (12 जून): स्टार अभिनेता संजय दत्त की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट ने उन्हें जल्दी रिहा किए जाने पर सवाल उठाया है। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा है कि जब संजय दत्त अपनी कैद के आधे समय तक पैरोल पर बाहर ही रहे, ऐसे में उन्हें जल्दी रिलीज कैसे किया जा सकता है। कोर्ट ने सोमवार को संजय दत्त की रिहाई के संबंध में सरकार से सवाल करते हुए कहा, ‘संजय को उनके अच्छे व्यवहार का हवाला देते हुए जल्दी रिलीज कर दिया गया था। संजय आधे समय तक पैरोल पर बाहर ही रहे, ऐसे में सरकार ने कैसे उनके अच्छे व्यवहार का आंकलन किया।’ 1993 के सीरियल ब्लास्ट के केस में संजय को 5 वर्ष कैद की सजा हुई थी। ट्रायल के समय जमानत पर चल रहे संजय दत्त ने मई 2013 में सरेंडर कर दिया था। पुणे की यरवदा जेल से उन्हें तय वक्त से आठ महीने पहले फरवरी 2016 में ही जमानत दे दी गई थी। जस्टिस आर एम सावंत और साधना जाधव की बेंच ने पुणे के रहने वाले प्रदीप भालेकर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से यह सवाल किया। कोर्ट ने राज्य से हलफनामा दायर कर उन मानदंडों का जिक्र करने को कहा, जिसको आधार मानकर संजय दत्त को रिहा करना का निर्णय लिया गया। कोर्ट अब एक हफ्ते के बाद इस मामले की सुनवाई करेगा। संजय दत्त को मुंबई की टाडा अदालत ने 31 जुलाई 2007 को 6 साल कैद की सजा सुनाई थी।
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बॉम्बे HC का महाराष्ट्र सरकार से सवाल, संजय दत्त को समय से पहले कैसे किया रिहा
मुंबई (12 जून): स्टार अभिनेता संजय दत्त की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट ने उन्हें जल्दी रिहा किए जाने पर सवाल उठाया है। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा है कि जब संजय दत्त अपनी कैद के आधे समय तक पैरोल पर बाहर ही रहे, ऐसे में उन्हें जल्दी रिलीज कैसे किया जा सकता […]
First published on: Jun 12, 2017 09:52 AM