Lata Mangeshkar Birthday: स्वर कोकिला का नाम से मशहूर दिग्गज गायिका लता मंगेशकर की आज बर्थ एनिवर्सरी है। भारत रत्न से सम्मानित और लता जी का जन्म इंदौर में हुआ था, उन्होंने अपने गाने की शुरुआत 1940 में कर दी थी। उस वक्स वह सिर्फ 11 साल की थीं। 1943 में मराठी फिल्म ‘गजाभाऊ’ में उन्होंने हिंदी गाना ‘माता एक सपूत की दुनिया बदल दे’ को आवाज दी थी। यह उनका पहला गाना था। 2001 में उन्हें भारत रत्न और 1989 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया। लता जी का स्वभाव इतना सरल था कि सब उनको दीदी कहकर पुकारते थे।
लता दीदी बनी पहली भारतीय… (Lata Mangeshkar Birthday)
बता दें 36 भारतीय भाषाओं में गाने रिकॉर्ड करने से लेकर1989 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने तक, लता दीदी रॉयल अल्बर्ट हॉल, लंदन में प्रदर्शन करने वाली पहली भारतीय हैं। उनके एक से एक गाने आज भी लोगों की जुबान पर छाए रहते हैं।
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क्यों नहीं की थी शादी ? (Lata Mangeshkar Birthday)
30 हजार से अधिक गाने गा चुकी लता मंगेशकर तकरीबन 7 दशकों तक संगीत और बॅालीवुड के साथ हर सिनेमा के संगीत में एकल राज किया है। लता जी मानती थीं वह अपने पिता की वजह से सिंगर हैं, क्योंकि उन्होंने जो भी सीखा है, वह अपने पिता से ही सीखा था। वहीं बात करें लता मंगेशकर की पर्सनल लाइफ की तो उन्होंने कभी शादी नहीं की थी। इसके पीछे के दी कारण बताए जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो काफी छोटी उम्र से ही उन्होंने अपने छोटे बही बहनों की देखभाल की थी। अपने भाई-बहनों की देखभाल करने से लेकर उन्हें उनके करियर स्थापति करने में वो काफी बिजी हो गईं इसलिए उन्होंने कभी शादी के बारे में सोचा ही नहीं।
एक-दूसरे से करते थे बहुत प्यार
वहीं रिपोर्ट्स में इसका दूसरा कारण ये बताया जाता है कि, लता मंगेशकर और डूंगरपुर राजघराने के महाराजा राज सिंह एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे। लता और राज एक-दूसरे से उनके छोटे भाई हृदयनाथ मंगेशकर के जरिए एक दूसरे से मिलते थे। खबरों की माने तो हृदयनाथ और राज सिंह एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त थे। राज अक्सर हृदयनाथ से मिलने उनके घर जाया करते थे। जहां उनकी दोस्ती लता जी से हुई और ये दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई।
घरवालों ने किया साफ मना
वहीं ऐसा कहा जाता है कि, राज सिंह, लता मंगेशकर से शादी करना चाहते थे लेकिन जब उन्होंने अपने परिवार को बताया कि वो लता से शादी करना चाहते हैं तो उनका परिवार नहीं छठा था कि राज किसी आम लड़की से शादी करें। राज सिंह के परिवार वाले चाहते थे कि राज की पत्नी किसी शाही परिवार से हो। इसके बाद राज ने अपने परिवार की बात मान ली और दोनों की बात आगे नहीं बढ़ पाई।