72 Hoorain Movie Review: लाख विवादों के बावजूद भी संजय पूरन सिंह की फिल्म 72 हूरें आखिरकार थिएटर में रिलीज कर दी गई। प्रोड्यूसर के दावों के बीच फिल्म रिलीज की जा चुकी है। आइए डालते हैं फिल्म के रिव्यू पर एक नजर-
घिनौने सच का खुलासा (72 Hoorain Movie Review)
फिल्म के प्रोड्यूसर अशोक पंडित ने दावा किया था कि ’72 हूरें’ किसी भी धर्म को टारगेट नहीं करती बल्कि यह आतंकवाद के घिनौने चेहरे का खुलासा करती है। साथ ही यह आतंक के आकांओं के उन षड्यंत्र का भी खुलासा करती है, जिसके कारण मासूम लोग भी गुनाह के रास्ते पर चलने के लिए तैयार हो जाते हैं।
मौलाना ने दिखाया आतंकवाद का रास्ता
अब ये सब जानने के बाद फिल्म रिलीज हो गई है। तो चलिए बात कर लेते हैं फिल्म के बारे में। ’72 हूरें’ दो पाकिस्तानी लड़कों की जिंदगी पर आधारित है जो मौलाना की बात से प्रभावित होकर जेहाद के नाम पर आतंकवाद का रास्ता अपनाते हैं। हाकिम (पवन मल्होत्रा) और बिलाल (आमिर बशीर) ये दोनों आतंकवादी जन्नत में 72 हूरें मिलने की चाह में मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर आत्मघाती हमला करने के लिए भारत आते हैं।
शहादत पाने की जल्दी में आतंकवादी
इन दोनों लड़कों को मरने की जल्दी है क्योंकि इन्हें आतंकी आकाओं ने बताया है कि जेहाद के रास्ते पर चलकर शहादत पाने वालों का जन्नत में 72 हूरें धूमधाम से स्वागत करती हैं। फिल्म की कहानी इन दोनों आतंकियों के मरने के बाद शुरू होती है। मरने के बाद जब जन्नत की जगह जहन्नुम में इन दोनों आतंकियों का स्वागत होता है तब इनका सच्चाई से सामना होता है। इसके बाद उन्हें अपने कर्म याद आते हैं।
आतंकवाद को उजागर करती फिल्म
अनिल पांडे की शानदार कहानी और संजय पूरन सिंह का दमदार निर्देशन फिल्म का मुख्य आकर्षण है। धार्मिक कट्टरता और आतंकवाद की काली हकीकतों को बयां करती इस फिल्म की कहानी इतनी दिलचस्प है कि दर्शक अंत तक स्क्रीन से बंधे रहेंगे।