Mahalakshmi Menon: साउथ फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर एक्ट्रेस महालक्ष्मी मेनन, जिन्हें उनके स्टेज नाम शोबा से जाना जाता है, बीते जमाने की एक जानी-मानी अभिनेत्री थीं। (Mahalakshmi Menon) उन्होंने बचपन से ही एक्टिंग में कई अवॉर्ड जीते थे, लेकिन शादी के बाद उनके करियर पर मानो ग्रहण लग गया। इस आर्टिकल में हम आपको उनकी कहानी बताएंगे।
चाइल्ड आर्टिस्ट के रुप में किया काम (Mahalakshmi Menon)
मद्रास में मलयाली माता-पिता के घर जन्मी शोबा ने तमिल फिल्म उद्योग में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की, उन्होंने ‘थट्टुंगल थिराक्कप्पाडुम’ (1966) में एक बाल कलाकार के रूप में शुरुआत की। मुख्य अभिनेत्री के रूप में उनकी पहली फिल्म 1978 की मलयालम फिल्म ‘उथरादा रात्रि’ थी।
पत्नी की हत्या का लगा आरोप
आपने 1983 में रिलीज हुई श्रीदेवी और कमल हासन की फिल्म ‘सदमा’ के बारे में तो सुना ही होगा। इस दुखद प्रेम कहानी का निर्देशन साउथ के मशहूर फिल्म निर्माता बालू महेंद्र ने किया था। आपको बता दें कि ये वही डायरेक्टर बालू महेंद्र हैं, जो एक्ट्रेस शोबा के पति थे और उन पर अपनी पत्नी की ‘हत्या’ का आरोप भी लगा था।
मिला सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का खिताब
शोबा की गिनती भारतीय इतिहास की सबसे सफल अभिनेत्रियों में की जाती है और उन्होंने कम उम्र में ही स्टारडम हासिल कर लिया था। 17 साल की उम्र में, उन्होंने 1979 की तमिल फिल्म ‘पासी’ में अपनी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। उन्हें तीन केरल राज्य फ़िल्म पुरस्कार भी मिले: सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (1978), सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री (1977) और सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार (1971); और कन्नड़ (1978) और तमिल (1979) फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए दो दक्षिण फिल्मफेयर पुरस्कार।
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इस वजह से खत्म हुआ करियर
भारतीय फिल्म उद्योग में उभरने वाली सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं में से एक मानी जाने वाली शोबा का करियर काफी अच्छा रहा, लेकिन दुख की बात है कि 1980 में अज्ञात कारणों से आत्महत्या करने के कारण उनका करियर खत्म हो गया।
शादीशुदा बालू से हुआ प्यार
आपको बता दें कि शोबा को शादीशुदा फिल्ममेकर बालू महेंद्र से प्यार हो गया था, जो उनसे 26 साल बड़े थे। वह उसकी प्रतिभा की दीवानी थी और उससे बहुत प्यार करती थी। शोबा ने अपने परिवार के खिलाफ जाकर उनसे शादी भी की, लेकिन बाद में उनकी जिंदगी में ऐसा तूफान आया कि उनकी मौत की खबर आई।
फांसी लगाकर की आत्महत्या
शोबा की मौत का रहस्य तो कभी नहीं सुलझ सका लेकिन उसके पति पर उसकी हत्या का आरोप लगा। शोबा की मौत आत्महत्या थी या साजिश, यह उनकी मौत के 44 साल बाद भी रहस्य बना हुआ है। शोबा ने 17 साल की उम्र में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। के.जी. जॉर्ज द्वारा निर्देशित 1983 की मलयालम फिल्म ‘लेखायुदे मरनम ओरु फ्लैशबैक’ उनके जीवन और मृत्यु पर आधारित है।