US कोर्ट ने महिलाओं से छीना अबॉर्शन का अधिकार, दिव्यांका त्रिपाठी ने दिया ऐसा रिएक्शन
Divyanka Tripathi Reaction On US Court Decision: टेलिविजन की जानी-मानी मोस्ट पॉपुलर एक्ट्रेस में से एक दिव्यांका त्रिपाठी (Divyanka Tripathi) इन दिनों एक्टिंग की दुनिया से काफी दूर हैं। हालांकि वो अक्सर देश-विदेश में चल रहे चर्चित मुद्दों पर अपनी राय रखती हुई नजर आती हैं। सोशल मीडिया पर भी वो इन दिनों खासा एक्टिव रहने लगी हैं। इंस्टाग्राम पर अपनी प्यारी-प्यारी तस्वीरें शेयर करने के साथ-साथ अब एक्ट्रेस ट्विटर पर भी अपने विचार शेयर करने लगी हैं। इसी बीच आपको बता दें कि अब अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने अबॉर्शन का संवैधानिक अधिकार खत्म कर दिया है, ऐसे में ऐक्ट्रेस ने ट्वीट करके एक दमदार पोस्ट लिखा है। जिसे पढ़ने के बाद फैंस के अलग-अलग रिएक्शन देखने को मिल रहे हैं।
दिव्यांका त्रिपाठी (Divyanka Tripathi) ने जो ट्वीट किया है उसमें एक्ट्रेस ने लिखा कि, 'महिलाओं को फैसला लेने का अधिकार होना चाहिए। महिलाओं ने इस अधिकार को पाने के लिए कई सालों तक संघर्ष किया था। महिलाएं चाहे किसी भी जाति या राष्ट्र की हों, हम एक हैं और महिलाओं को फैसला लेने का अधिकार होना चाहिए।' अब एक्ट्रेस के इस ट्वीट को देखने के बाद फैंस दिव्यांका को जमकर सपोर्ट करते दिखाई दिए हैं। कई लोगों का तो ये भी मानना है कि ये फैसला सिर्फ यूएस ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की महिलाओं के खिलाफ है।
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दरअसल, अमेरिका में अबॉर्शन केस ज्यादा तेजी से बढ़े हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने 50 साल पहले के रो वर्सेज वेड फैसले को पलट दिया है और अबॉर्शन का संवैधानिक अधिकार खत्म कर दिया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो साल 1973 में जब सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए महिलाओं को अपनी मर्जी से अबॉर्शन करने के लिए कहा था। तब एक केस ऐसा आया था जिसका नाम रो बनान वेड था। इसमें नॉर्मा मैककॉर्वी नाम की एक महिला के पहले से ही दो बच्चे थे और तीसरी बार वो गर्भवती थी। लेकिन उसे वो बच्चा अपने जिंदगी में नहीं चाहिए था।
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इसके बाद उसने अमेरिका की फेडरल कोर्ट का रुख किया। वहां उनको बच्चा गिराने की पर्मीशन नहीं दी गई। लेकिन इसके बाद जब वो निराश होकर सुप्रीम कोर्ट गईं, तो वहां पर उनको बिना किसी परेशानी के पर्मिशन दे दी गई। कोर्ट की ओर से उस वक्त ये कहा गया था कि बच्चे को लेकर क्या करना है, इसका फैसला मां खुद लेगी। इसके बाद ये अधिकार महिलाओं को मिल गया। लेकिन अब हाल ही में कोर्ट ने इस 20 साल पुराने फैसले को दोबारा बदल दिया है, जिसपर दिव्यांका ने अपना रिएक्शन दिया है।
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