Allegations Against Netflix: ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। नेटफ्लिक्स भारत सरकार की जांच के दायरे में आ गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार ओटी प्लेटफॉर्म पर वीजा उल्लंघन, नस्लीय भेदभाव और कई गंभीर आरोप लगे हैं। अब देखना ये है कि क्या इसका असर नेटफ्लिक्स की ऑडियंस पर भी दिखेगा, क्या नेटफ्लिक्स के यूजर्स कम हो जाएंगे। इस पर जल्द ही भारत सरकार अपनी जांच शुरू करने जा रही है। अब सवाल ये उठता है कि अगर आरोप साबित हो गए तो क्या भारत में यह ओटीटी बंद हो जाएगा? आइए आपको बताते हैं आखिर क्यों नेटफ्लिक्स पर ये आरोप लगे हैं।
FRRO ने भेजा ईमेल
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने नेटफ्लिक्स की भारत की पूर्व निदेशक नंदिनी मेहता को ईमेल भेजा गया था। हालांकि नंदिनी 2020 में कंपनी छोड़ चुकी हैं। फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) के अधिकारी दीपक यादव ने लिखा था कि हमें नेटफ्लिक्स के खिलाफ कुछ सबूत मिले हैं। भारत में यह वीजा कर उल्लंघन से संबंधित है। साथ ही कंपनी भारत में अपने कारोबार का संचालन करने में शामिल पाई गई है।
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कंपनी ने आरोपों को बताया झूठा
नंदिनी मेहता ने ईमेल के जवाब में कहा कि वह कंपनी के खिलाफ अमेरिका में नस्लीय और लैंगिक भेदभाव का मुकदमा चला रही हैं। वहीं दूसरी ओर कंपनी ने इन आरोपों का खंडन कर दिया है। इसके साथ ही मेहता ने भारत सरकार से भी कहा है कि उम्मीद है इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नंदिनी भी कर चुकी हैं मुकदमा दर्ज
वहीं नंदिनी मेहता ने 2020 में कंपनी छोड़ दी थी। इसके ठीक एक साल बाद नंदिनी ने लॉस एंजेलिस काउंटी सुपीरियर कोर्ट में कंपनी के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनको गलत ढंग से कंपनी से निकाला गया। साथ ही नस्लीय और लिंग भेदभाव के आरोप भी नंदिनी मेहता ने कंपनी पर लगाए। भारत में नेटफ्लिक्स के 1 करोड़ यूजर्स हैं।
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