International Yoga Day 2023: योग (Yoga Day 2023) हमारे लाइफस्टाइल का एक अहम हिस्सा होता है। इससे शरीर को कई फायदे मिलते हैं और योग की मदद से कई गंभीर और खतरनाक बीमारियों से दूर रहा जा सकता है।
भारत को योग गुरु कहा जाता है। भारत में ऋषि मुनियों के दौर से योगाभ्यास होता आ रहा है। योग का अभ्यास शरीर को रोगमुक्त रखता है और मन को शांति देने में मदद करता है।
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हर साल 21 जून को मनाया जाता है ‘इंटरनेशनल योग दिवस’
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग बेहद लाभकारी माना जाता है। हर साल 21 जून को ‘इंटरनेशनल योग दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन आम लोगों से लेकर सेलेब्स तक योग को लेकर अपनी दिलचस्पी दिखाते है। चलिए जानते हैं योग दिवस का इतिहास, महत्व और इस वर्ष की थीम।
योग दिवस का इतिहास क्या है?
दरअसल, साल 2014 में 27 सितंबर को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त महासभा में दुनिया के तमाम देशों से योग दिवस को मनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार करते हुए महज तीन माह के अंदर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का ऐलान कर दिया, जिसके बाद अगले वर्ष साल 2015 में पहली बार विश्व ने योग दिवस मनाया।
कब मनाया गया था पहला योग दिवस?
दरअसल, कोरोना महामारी के बाद योग पर लोगों ने ज्यादा ध्यान देना शुरु कर दिया। संक्रमण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से लोग योग अभ्यास करने लगे। साल 2015 से योग दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की शुरुआत हुई और इस वर्ष ही पहली बार पूरे विश्व में योग दिवस मनाया गया।
21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस?
दरअसल, इस तारीख को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहा जाता है। योग दिवस को मनाने के लिए इसे सुनिश्चित किया गया, जो 21 जून है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 की थीम क्या है?
इस बार यानी योग दिवस 2023 की थीम ‘वसुधैव कुटुंबकम के लिए योग’ (Yoga for Vasudhaiva Kutumbakam) है। वसुधैव कुटुंबकम का अर्थ है- धरती ही परिवार है। इस थीम से तात्पर्य धरती पर सभी लोगों के स्वास्थ्य के लिए योग की उपयोगिता से है।