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Maamla Legal Hai Review: नेटफ्लिक्स सीरीज ‘मामला लीगल है’ में कॉमेडी के तड़के साथ दिखी कोर्ट रूम की सच्चाई

Maamla Legal Hai Review: नेटफ्लिक्स की 'मामला लीगल है' 1 मार्च से स्ट्रीम हो गई है और इसकी कहानी वकीलों के चारों तरफ घूमती है।

Mamla Legal Hain 3.5 Stars
IMAGE CREDIT: E24 EDIT

Maamla Legal Hai Review/Ashwani Kumar: कानून के फेर में पड़ने के बाद अच्छे-अच्छों का दिमाग घूम जाता है, उससे पहले भी कहा जाता है कि वकीलों के चक्कर में पड़ गए, तो ज़िंदगी का दही बन जाएगा। मगर इन वकीलों की भी तो कोई ज़िंदगी होती है ना साहब। नेटफ्लिक्स की ‘मामला लीगल है’ दिल्ली के पड़पड़गंज के ज़रिए वकालत से ज़िंदगी चलाते और तारीख़ों से फीस जुगाड़ते एडवोकेट्स की परेशानियों को भी दिखाता है, उनके सपनों, उनके तिकड़मों का ताना-बाना भी बुनता है।

8 एपिसोड में कॉमेडी का फुल डोज (Maamla Legal Hai Review)

8 एपिसोड का मामला लीगल है कुछ मायनों में इंडिया में बन रही लीगल सीरीज़ का वो ट्रेंड तोड़ता है, जिसमें इन्वेस्टिगेशन और बड़े-बड़े केस में थ्रिलर का एलीमेंट ज़्यादा होता है। ये कहानी थोड़ा जॉली एलएलबी के फॉर्मेट पर चलती है, जहां का फॉर्मेट कॉमिक टोन पर चलता है।

सीरीज की कहानी (Maamla Legal Hai Review)

मामला लीगल है कि कहानी शुरु होती है पड़पड़गंज बार एसोसिएशन के प्रेसीडेंट वी.डी त्यागी के साथ, जिनका सपना है कि वो देश के सॉलिसिटर जनरल बने, लेकिन फिलहाल लड़ाई चल रही है दिल्ली बार एसोसिएशन का प्रेसीडेंट बनने की। इसके लिए जुगाड़ू वी. डी. त्यागी हर मोहरा इस्तेमाल करते हैं.. हर चाल चलते हैं.. कभी दिल जीतते हैं, तो कभी वार करते हैं। 8 एपिसोड तक दिल्ली बार एसोसिएशन के चुनाव की तैयारी, हर एपिसोड की एडिशनल कहानी के साथ चलती है। साथ ही विदेश से लॉ की डिग्री लेकर पड़पड़गंज कोर्ट में आई अन्नया की भी कहानी है, जो यहां आकर ज़मीन पर देसी वकालत का हुनर सीखती है।

बोर नहीं होने देगी सीरीज

राइटर्स की टीम कुणाल और सौरभ ने बड़े ही करीने से एग्रैजियस, दरवाजा, डिग्निटी, औकात, टच, बिरादरी, कुटाई, और आख़िर में लॉ एंड जस्टिस वाले एपिसोड तक हर बार कुछ कमाल का कर जाती है। नोटरी से लेकर, कमीशन के बाद केस ट्रांसफर करवाने वाले एडवोकेट्स, सालों से चैंबर पाने को तरस रहे सीनियर एडवोकेट्स का दर्द तो दिखता है। साथ ही दलीलों और जुगाड़ से केस की राह बदलने वाला फॉर्मूला भी उन्होंने अच्छे से अपनाया है।

शानदार है फिनाले एपिसोड 

ये सीरीज़ सेंशस कोर्ट के जज की सुप्रीम कोर्ट पहुंचने की राह में – फर्स्ट जेनेरेशन वाला तंज तो मारती है, तो जेल में बंद अपराधियों को सुधरने के एवज में संभोग की सुविधा जैसे मुद्दे उठाती है। बाल विवाह के कानून के पीछे का कमाल दिखाता एपिसोड शानदार है, तो तोते के गाली देने वाला एपिसोड – कानून की सीमाएं बताता है। फिनाले एपिसोड लॉ एंड जस्टिस.. कानून की किक़ को जब समझाता है, तो लगता है कि मामला लीगल है अपनी ही नई लकीर खींच रहा है।

रवि किशन की एक्टिंग  

डायरेक्टर राहुल पांडे ने बहुत संभल-संभल कर इस लीगल मामले को बनाया है, लेकिन इस बात का ख़्याल बखुबी रखा है कि एंटरेटनेंट और स्टोरी का असर कहीं हल्का ना पड़े। मामला लीगल है एक तरह से रवि किशन की काबिलियत का शो-रील है। इस शो में वी.डी त्यागी बनकर वो अदाकारी का हर रंग दिखाते हैं, जैसे ये वन मैन शो हो। हांलाकि इसमें उन्हें निधि बिष्ट, नैना ग्रेवाल, यशपाल शर्मा, अनंत जोशी जैसे एक्टर्स का अच्छा साथ मिला है। मामला लीगल है इस हफ्ते परफेक्ट बिंज वाच मैटेरियल है.. देख डालिए।

 

इमोशन, कॉमेडी मे डूबे इस लीगल मामले को 3.5 स्टार।

First published on: Mar 01, 2024 03:43 PM

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