War 2 Review: (Navin Singh Bhardwaj) भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में कुछ साल के अंतराल पर एक दौर आता है, जब ऑडियंस के टेस्ट्स-ऑफ-फिल्म्स के हिसाब से फिल्में बनती हैं। फिलहाल इस बात पर कोई दो राय नहीं की ऑडियंस या तो देशभक्ति फिल्म या हॉरर फिल्मों को ज्यादातर कंज्यूम कर रही है। ऋतिक रोशन का फिल्म जॉनर फिलहाल उनके सिलेक्शन ऑफ फिल्म्स से ही पता चल रहा है। वॉर (2019) के बाद ऋतिक विक्रम-वेदा में नजर आए। बीते साल ऋतिक एरियल एक्शन करते भी फाइटर में दिखे और इस साल यशराज के स्पाई यूनिवर्स की फिल्म वॉर के दूसरे इंस्टॉलमेंट ‘वॉर 2’ में बतौर मेजर कबीर दालियाल के किरदार से बड़े पर्दे पर वापसी कर रहे हैं। पिछली फिल्म को जहां सिद्धार्थ आनंद ने डायरेक्ट किया था वहीं इस फिल्म का दारोमदार आदित्य चोपड़ा ने अयान मुखर्जी को दिया है। आखिर कैसी है कियारा आडवाणी, ऋतिक रोशन और एनटीआर जूनियर की ये ‘वॉर 2’? इसके लिए पढ़िए E24 का रिव्यू…
कहानी:
‘वॉर 2’ में कई साल पहले गायब हुए मेजर कबीर धालीवाल (ऋतिक रोशन) की वापसी एक बार फिर होती है। कबीर कभी भारतीय खुफिया एजेंसी का एक बेहतरीन एजेंट था, लेकिन अब कबीर देश के सबसे खतरनाक दुश्मनों के साथ मिलकर सामने आया है। कबीर की बेरहम चालें और पकड़ में न आने वाली आदत ने सरकार को चौकन्ना कर दिया है। उसे रोकने के लिए सरकार स्पेशल यूनिट ऑफिसर विक्रम (जूनियर एनटीआर) को भेजती है। विक्रम एक ऐसा जांबाज जवान है, जो अपनी रणनीतिक सोच और अटूट हौसले के लिए जाना जाता है। विक्रम का पास्ट भी उतना ही पेचीदा है जितना उसका मिशन, और यही बात उसे कबीर को पकड़ने के लिए सबसे सही इंसान बनाती है। इस मिशन पर विक्रम का साथ देती है काव्या थापर (कियारा आडवाणी) जिसका मकसद पर्सनल भी होता है। काव्या और विक्रम इस बात से अनजान होते हैं कि कबीर ये सब इंडियन नेशनल सिक्योरिटी के लिए ही कर रहा है। तो क्या विक्रम और काव्य, कबीर को रोक पाएंगे? इसके लिए आपको अपने नजदीकी सिनेमाघरों का रुख करना होगा।
डायरेक्शन, राइटिंग & म्यूजिक
आदित्य चोपड़ा ने इस बार अपने स्पाई यूनिवर्स के अगले अध्याय ‘वॉर 2’ का दारोमदार अयान मुखर्जी को दिया है। डायरेक्शन के मामले में अयान ने जी तोड़कर कर साबित करने की कोशिश की है कि अब वो एक्शन-थ्रिलर भी बेहतरी से डायरेक्ट कर सकते हैं। हालांकि डायरेक्शन के मामले में अयान ने हताश किया। फिल्म में एक्टर्स भी कहीं-कहीं ओवर-एक्सप्रेशन देते नजर आए। वहीं कहीं कहीं ओवर-एक्टिंग भी दिखी। फिल्म के कई हिस्से विसंगत लगे तो कहीं जबरन लंबा खींचा हुआ सा महसूस हुआ। हां फिल्म के फाइट और एक्शन सीक्वेंस भर-भर के रखे गए हैं, जो अच्छे हैं। इनका क्रेडिट एक्शन डायरेक्टर्स स्पायरो रजातोस, फ्रांज स्पिलहाउस, एन.एल. अरसु, ओह सी यंग, क्रेग मैक्रे, सुनील रोड्रिग्स (रॉड) को जाता है।
‘वॉर 2’ की कहानी की बात की जाए तो यह थोड़ी खिंची हुई सी है। आज के दौर में जहां वेब सीरीज के जरिए हमें भारतीय रॉ और खुफिया एजेंट्स की कहानी को रीयलिस्टिक रूप में देखने की आदत हो गई है तो ‘वॉर 2’ की कहानी फीकी लगने लगी है। फिल्म की कहानी और खुफिया एजेंट की कहानी को काफी बढ़ा-चढ़ा कर दिखाने की कोशिश की गई है। हां फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर कमाल का है, जिसका क्रेडिट संचित और अंकित बल्हारा को जाता है। प्रीतम द्वारा दिए गए फिल्म के गाने ठीक-ठाक हैं पर याद नहीं रह पाएंगे।
फाइनल वर्डिक्ट
देशभक्ति से भरपूर ‘वॉर 2’ भारतीय स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रिलीज हो रही है, जिसे देखी जा सकती है।
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