Taruni Sachdev Death Anniversary: ‘आई लव यू रसना…’ ये लाइन पढ़ कुछ याद आया, अरे हां हम उस प्यारी सी बच्ची की बात कर रहे हैं, जिसने अपनी मुस्कान से लोगों का दिल जीत लिया था। अक्सर कुछ ऐसे चेहरे होते हैं जो जेहन में बस जाते हैं। उन्ही में से एक है तरुणी सचदेव का। आप सोच रहे होंगे कि आज अचानक से हमें वो क्यों याद आ गईं, दरअसल आज ही के दिन इस छोटी सी अभिनेत्री ने बड़ा नाम कमा दुनिया को अलविदा कह दिया। जब उनके मरने की खबर आई तो बच्चे से लेकर बड़े तक की आंखें आंसुओं से भर गई। वो थी ही इतनी प्यारी।
आज उनकी डेथ एनिवर्सरी है, तो इस दिन उन्हें याद करते हुए कुछ बातें ही कर लेते हैं। हां ये भी हो सकता है कि जब आप उनके बारे में पढ़ें तो कुछ इमोशनल हो जाएं, क्योंकि मैं तो लिखते हुए भावुक हो गई थी। वो जितनी प्यारी थी उनकी मौत उतनी ही दर्दनाक हुई।
5 साल की उम्र में किया करियर शुरू
तरुणी सचदेव का जन्म 14 मई 1998 को मुंबई में हुआ था। जब बच्चे खेलते कूदते हैं वो एक्टिंग की दुनिया में छा गई थीं। जी हां, महज 5 साल की उम्र में उन्होंने करियर की शुरुआत की। छोटी सी आंखों में बड़े-बड़े सपने लिए इस बच्ची ने छोटी सी उम्र में बड़ा नाम कमा लिया। उनकी मां का नाम गीता सचदेव था, जो मुंबई के इस्कॉन के राधा गोपीनाथ मंदिर में कार्यरत थीं।
जन्मदिन बन गया आखिरी दिन
जरा इस बात की कल्पना ही करके देखो की एक छोटी सी बच्ची जिसने अभी दुनिया को ठीक से देखा भी नहीं और दुनिया से रुखसत हो गई। उसके परिवार वालों पर क्या बीती होगी। ऐसा ही कुछ तरुणी के साथ भी हुआ जो अपने जन्मदिन के ही दिन दुनिया को अलविदा कह गईं। वो अपनी मां के साथ नेपाल जा रही थीं, कि रास्ते में प्लेन क्रैश हो गया और वो अपनी मां गीता के साथ काल के गाल में समा गईं।
तरुणी के प्रोजेक्ट
बात तरुणी के कार्यों की करें तो वो ‘आईसीआईसीआई बैंक’, ‘रसना’, ‘रिलायंस मोबाइल’, ‘कोलगेट’, ‘गोल्ड विनर’, और ‘शक्ति मसाला’ जैसे विज्ञापनों में नजर आईं थीं। इसके अलावा वो अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म ‘पा’ में भी दिखाई दी थीं। इसके अलावा वो शाहरुख के शो ‘क्या आप पांचवी पास से तेज हैं’? का भी हिस्सा बनीं। उन्होंने मलायलम इंडस्ट्री में भी काम किया। तरुणी इतनी फेमस हो गईं थी कि वो अपने समय की सबसे महंगी चाइल्ड आर्टिस्ट बन गई थीं।
पहले ही हो गया था मौत का एहसास
वो कहते हैं न कि कई लोगों को पहले ही अपनी मौत का एहसास हो जाता है। कुछ ऐसा ही तरुणी के साथ भी हुआ था। जब वो नेपाल जा रही थीं, तो अपने दोस्तों के गले लगीं और बोलीं कि ये मैं आखिरी बार तुम लोगों से मिल रही हूं। हालांकि वो मजाक था, लेकिन अंतरआत्मा को तो पहले ही पता चल गया था। उनके दोस्तों ने कहा कि वो कभी भी कहीं जाते हुए गले लग अलविदा नहीं कहती थीं, लेकिन ये पहली और आखिरी बार था।