Monday, 8 September, 2025
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बेटे की मौत के बाद पूरी तरह टूट गए थे एक्टर, खत्म हो गई थी जीना की इच्छा, सालों बाद खोला राज

Shekhar Suman: बॉलीवुड एक्टर शेखर सुमन ने आज सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए अपनी जिंदगी का बड़ा राज खोला है। उन्होंने अपने डिप्रेशन पीरियड के बारे में बताया है। चलिए जानते हैं कि उन्होंने पोस्ट में क्या कुछ लिखा?

Shekhar Suman

Shekhar Suman: बॉलीवुड एक्टर शेखर सुमन एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। इस बार एक्टर शेखर सुमन अपनी किसी फिल्म या विवाद को लेकर नहीं बल्कि एक सीक्रेट की वजह से चर्चा में आए हैं। शेखर सुमन ने हाल ही में अपने जीवन का बड़ा राज सभी के सामने खोला है। जिसमें उन्होंने बेटे आयुष की मौत के बाद शुरू हुए अपने डिप्रेशन पीरियड के बारे में बताया है, जब उनमें जीने तक की इच्छा बाकी नहीं रह गई थी। ये सारी बातें शेखर सुमन ने अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखी हैं। चलिए जानते हैं कि आखिर शेखर ने अपनी पोस्ट में क्या कुछ लिखा है और वो डिप्रेशन में क्यों चले गए थे।

पोस्ट की पुरानी तस्वीर…

शेखर सुमन ने अपने एक इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें वह अपने बेटे अध्ययन सुमन और पत्नी अलका के साथ नजर आ रहे हैं। ये एक पुरानी तस्वीर है, जिसमें अध्ययन 10-11 साल के बीच दिखाई दे रहे हैं। तस्वीर में शेखर और अध्ययन ने एक-दूसरे की मैचिंग करते हुए ब्लैक सूट पहना हुआ है। इस तस्वीर के साथ शेखर ने अपने दिवंगत बेटे आयुष सुमन को याद करते हुए एक लंबा इमोशनल नोट भी लिखा है, जिसमें उन्होंने बताया कि आयुष की मौत के बाद वो और उनकी पत्नी अलका सालों तक डिप्रेशन में थे, उनके अंदर जीने की इच्छा ही खत्म हो गई थी।

बेटे की मौत के बाद टूट गए थे शेखर

शेखर सुमन ने दिवंगत बेटे आयुष सुमन को याद करते हुए बताया कि उनका बेटा अध्ययन सुमन उनकी ताकत है। उनके जिंदा रहने और जीवन जीने की खास वजह है। शेखर ने अपने नोट में लिखा कि हम अभी-अभी अपने जीवन की सबसे बड़ी ट्रैजिटी से बाहर आए हैं। हमने अपने बड़े बेटे आयुष को दिल की एक दुर्लभ बीमारी के कारण खो दिया। उस समय हमारे लिए हालात बहुत मुश्किल थे। आयुष के जाने के बाद अलका और मैं सालों तक डिप्रेशन में रहे। अध्ययन ही हमारी ताकत का सबसे बड़ा सोर्स था और है। वह हमारे जीने की वजह बन गया।

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जीने के लिए सिर्फ 8 महीने बचे

बता दें कि पिछले साल एक इंटरव्यू में भी शेखर ने अपने दिवंगत बेटे आयुष के बारे में बात की थी। उस समय शेखर ने बताया कि आयुष को एंडोमायोकार्डियल फाइब्रोसिस (EMF) नाम की दुर्लभ बीमारी हुई थी। उसके पास जीने के लिए सिर्फ 8 महीने ही बचे थे। शेखर ने बताया कि उस समय उन्होंने लगभग सभी धार्मिक स्थलों का दौरा किया और हर एक तरह की ट्रीटमेंट ट्राई की, लेकिन उनके बेटे को बचाया नहीं जा सका। इसी की वजह से आयुष ने 3 अप्रैल 1995 को 11 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया।

First published on: Sep 08, 2025 11:07 AM

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