Mohammed Rafi 100th Birthday: मोहम्मद रफी बॉलीवुड के दिग्गजों कलाकारों में से एक हैं। 24 दिसंबर को उनकी 100वीं जयंती मनाई जाएगी। आज भले ही वो हमारे साथ न हों लेकिन उनकी आवाज आज भी हमारे दिलों में जिंदा है। करोड़ों फैंस के दिल पर राज करने वाले मोहम्मद रफी ने अपने निजी जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। वहीं करोड़ों फैंस में से जवाहर लाल नेहरू भी थें। पूर्व प्रधानमंत्री उनकी आवाज के कायल थे। आइए आपको मोहम्मद रफी की लाइफ से जुड़ी कुछ खास बातें शेयर करते हैं।
छोटी उम्र में शुरू किया गाना
मोहम्मद रफी ने बहुत छोटी उम्र में ही गाना शुरू कर दिया था। पढ़ाई-लिखाई में उनका मन नहीं लगता था। बचपन से ही उनके मन में सिंगर बनने का ख्याल आने लगा था। अक्सर उनके घर की गलियों में एक सूफी फकीर गाया करता था और रफी उस फकीर को घंटों तक सुनते रहते थे। वहीं सूफी फकीर से प्रेरित हो उन्होंने सिंगर बनने का मन बनाया था।
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हिंदी के अलावा इन भाषाओं में भी गाया
मोहम्मद रफी ने हिंदी सिनेमा में तो अपनी पहचान बनाई ही लेकिन बाकी भाषाओं में भी अपनी आवाज से लोगों का दिल जीता। अपनी कला के आगे सिंगर ने कभी भाषा नहीं आने दी। हिंदी के साथ-साथ उन्होंने असामी, कोंकणी, भोजपुरी, ओड़िया, पंजाबी, बंगाली, मराठी, सिंधी, कन्नड़, गुजराती, तेलुगू, माघी, मैथिली, उर्दू, के साथ साथ इंग्लिश, फारसी, और अरबी भाषा में भी गाने गाए। आज भी मोहम्मद रफी के गाने लोगों के कानों को सुकून देते हैं।
जवाहर लाल नेहरू थे दीवाने
दिग्गज सिंगर ने महज 13 साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था। साल 1948 में सिंगर का ‘सुनो ए दुनिया वालों बापूजी की अमर कहानी’ गाना इतना ज्यादा फेमस हुआ था कि बच्चे-बच्चे की जुबान पर इसके बोल सुनाई देते थे। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू भी उनके इस गाने को सुन सिंगर के फैन बन गए थे। वहीं नेहरू ने मोहम्मद रफी को अपने आवास पर गाना गाने के लिए आमंत्रित किया था।
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