Mammootty On Hema Committee Report: मलयालम फिल्म इंडस्ट्री इन दिनों चर्चा में बनी हुई है, आए दिन किसी न किसी बड़े एक्टर और फिल्म मेकर पर यौन शोषण के आरोप लग रहे हैं, जिसने सिनेमा की दुनिया में तहलका मचा दिया है। जब से जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सामने आई है, तभी से फिल्म इंडस्ट्री में भूचाल आ गया है। अब तक न जाने कितने स्टार्स पर यौन उत्पीड़न को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो चुके हैं और कई दिग्गज अभिनेत्रियों ने भी इसे लेकर आवाज उठाई है। लंबे वक्त चुप्पी साधने के बाद बीते दिन सुपरस्टार मोहनलाल ने इस मुद्दे पर खुलकर बात की। अब अगले ही दिन इस मामले पर दिग्गज एक्टर ममूटी ने भी चुप्पी तोड़ी है।
मोहनलाल के बाद बोले ममूटी
बीते दिन मलयालम फिल्मों के सुपरस्टार मोहनलाल ने जस्टिस हेमा कमेटी रिपोर्ट पर पहली बार पर अपनी राय रखी। एक्टर ने इस दौरान कहा, न तो वह मॉलीवुड में किसी पावर ग्रुप का पार्ट हैं और न ही उन्हें इस तरह के किसी ग्रुप की कोई जानकारी है। मोहनलाल के बाद दिग्गज एक्टर ममूटी (Mammootty On Hema Committee Report) फेसबुक पोस्ट पर एक लंबा चौड़ा नोट शेयर किया है, जिसमें बोल रहे हैं कि मलयालम सिनेमा में कोई ‘पावर सेंटर’ नहीं है।
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हेमा कमेटी रिपोर्ट पर ममूटी ने तोड़ी चुप्पी
ममूटी साउथ सिनेमा के मशहूर एक्टर हैं और उनकी तगड़ी फैन फॉलोइंग भी है। ऐसे में लगातार टॉप स्टार्स और फिल्म निर्माताओं पर लग रहे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर एक्टर की चुप्पी पर भी लोगों ने सवाल उठाए थे। अब इन सभी सवालों पर ताला लगाते हुए एक्टर ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने लिखा, ‘इस नोट का आधार मलयालम सिनेमा जगत के सामने आने वाली घटनाएं और विकास हैं। संगठन की पद्धति यह है कि अभिनेताओं का संगठन और नेतृत्व पहले उस पर प्रतिक्रिया करता है। इतना इंतजार इसलिए किया क्योंकि हमारा मानना है कि हमें इस तरह की ऑडियो प्रतिक्रियाओं के बाद एक सदस्य के रूप में टिप्पणी करनी चाहिए।’
फिल्ममेकर्स को दी खास सलाह
इसके साथ ही एक्टर ने आगे लिखा, ‘सिनेमा ही समाज की परिधि है। समाज की सभी अच्छाइयां और गुण भी फिल्मों में होते हैं। यह कुछ ऐसा है जिस पर फिल्म उद्योग समुदाय पूरा ध्यान देता है। इसलिए वहाँ होने वाली सभी छोटी-बड़ी बातों पर बड़ी चर्चा होगी। इस परिदृश्य में कुछ भी अप्रिय होने से रोकने के लिए, फिल्म निर्माताओं को सावधान और सावधान रहना चाहिए। फिल्म उद्योग के बारे में अध्ययन करने, एक रिपोर्ट तैयार करने, समाधान सुझाने और ऐसी किसी घटना के बाद कार्रवाई की सिफारिश करने के लिए सरकार ने न्यायमूर्ति हेमा समिति का गठन किया था जो कभी नहीं होनी चाहिए थी। उस रिपोर्ट में उल्लिखित सुझावों और समाधानों का सार्वभौमिक रूप से स्वागत और समर्थन है।’
पुलिस से की ईमानदारी से जांच की गुजारिश
ममूटी ने इसके साथ लिखा, ‘फिल्म उद्योग के सभी संघों को उन्हें लागू करने के लिए बिना किसी अलगाव के एक साथ खड़े होने का समय है। अभी जो शिकायतें सामने आई हैं, उनकी पुलिस जांच मजबूती से जारी है। न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट अदालत के सामने है। पुलिस को ईमानदारी से जांच करने दें। कोर्ट को सजा तय करने दें। फिल्म में कोई ‘पावर सेंटर’ नहीं है। रामगवुमल्ला फिल्म में ऐसी बात कैसे टिक सकती है। अपील है कि जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट में व्यावहारिक सिफारिशों को लागू किया जाए और अगर कानूनी बाधाएं हैं, तो जरुरी कानून बनाया जाए। आखिरकार मूवी बचनी ही चाहिए।’
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