(Navin Singh Bhardwaj) नीरज पांडे अपनी वर्सेटिलिटी पहले ही साबित कर चुके हैं। डॉक्यूमेंट्रीज, फिल्में और क्राइम-एक्शन थ्रिलर वेब सीरीज के लिए मशहूर नीरज पांडे एक बार फिर खाकी फ्रेंचाइजी के साथ लौट आए हैं। साल 2022 में आई खाकी: द बिहार चैप्टर के बाद अब वह खाकी: द बंगाल चैप्टर लेकर आए हैं। आखिर कैसी है नेटफ्लिक्स पर आई यह वेब सीरीज? आइए पढ़ते हैं E24 का रिव्यू।
कहानी: अंडरवर्ल्ड, पॉलिटिक्स और पुलिस की टक्कर
खाकी: द बंगाल चैप्टर की कहानी कोलकाता से शुरू होती है, जहां ऑफिसर अरात्रिका (आकांक्षा सिंह) इसकी सूत्रधार हैं। कोलकाता और हावड़ा में सक्रिय अंडरवर्ल्ड गिरोह का सरगना शंकर उर्फ बाघा (शाश्वत चटर्जी) है। इस गैंग का सफाया करने के लिए बंगाल सरकार एस.आई.टी. टीम गठित करती है, जिसकी बागडोर पॉलिटिशियन बरुन रॉय (प्रसेनजीत चटर्जी) के हाथों में होती है।
बरुन रॉय, एस.आई.टी. के ईमानदार अफसरों को अपने हिसाब से चलाने की कोशिश करता है, लेकिन जब हालात काबू से बाहर होने लगते हैं, तो आई.पी.एस. सप्तऋषि सिन्हा (परमबत्र चटर्जी) कमान अपने हाथ में लेते हैं। बाघा के दो खास गुर्गे सागर तालुकदार(ऋत्विक भौमिक) और रणजीत ठाकुर (आदिल जफर खान) को यह रास नहीं आता और वे बीच चौराहे पर सप्तऋषि का मर्डर कर देते हैं।
इसके बाद आई.पी.एस. अर्जुन मैत्रा (जीत aka जितेंद्र मदनानी) को एस.आई.टी. का नया चीफ बनाया जाता है। अर्जुन की एंट्री के साथ ही कहानी में नया मोड़ आता है। आगे के सात एपिसोड्स में खाकी: द बंगाल चैप्टर पॉलिटिक्स और अंडरवर्ल्ड के गठजोड़, रियलिटी और फिक्शन के मिश्रण के साथ रोमांचक सफर पर ले जाती है।
डायरेक्शन, राइटिंग और म्यूजिक
खाकी: द बिहार चैप्टर में जहां नीरज पांडे ने भाव धूलिया को डायरेक्शन की जिम्मेदारी दी थी। वहीं इस बार खाकी: द बंगाल चैप्टर का निर्देशन देबात्मा मंडल और तुषार कांति रे ने किया है। देबात्मा ने कहानी में नीरज पांडे और समर्थ चक्रवर्ती का साथ भी दिया है। सीरीज का स्क्रीनप्ले बेहद प्रभावशाली है, जो इसकी इंटेंसिटी और स्पीड बनाए रखता है। देबात्मा और तुषार का निर्देशन शानदार है, और डायलॉग्स भी दमदार हैं। हालांकि, कुछ जगहों पर सीरीज थोड़ी धीमी जरूर लगती है, लेकिन यह बोर नहीं करती है। म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर जीत गांगुली ने तैयार किया है, जो कहानी को और असरदार बनाता है।
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एक्टिंग: दमदार परफॉर्मेंस से भरी सीरीज
नीरज पांडे ने एक बार फिर कई वर्सेटाइल एक्टर्स को एक फ्रेम में बखूबी समायोजित किया है। प्रसेनजीत चटर्जी, जीत और परमबत्र चटर्जी जैसे बंगाली सुपरस्टार्स का हिंदी में काम करना बंगाली दर्शकों के लिए एक ट्रीट है। मिमोह aka महाअक्षय चक्रवर्ती, शाश्वत चटर्जी, ऋत्विक भौमिक, आदिल जफर खान और आकांक्षा सिंह ने भी अपने-अपने किरदारों में शानदार अभिनय किया है। चित्रांगदा सिंह (निबेदिता बसक) की स्क्रीन प्रेजेंस थोड़ी कम लगती है, लेकिन उनका काम भी बेहतरीन है।
फाइनल वर्डिक्ट: देखनी चाहिए या नहीं?
खाकी: द बंगाल चैप्टर इस हफ्ते नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है। सिकंदर का मुकद्दर के बाद नीरज पांडे एक बार फिर अपनी मच अवेटेड सीरीज के साथ लौटे हैं। अगर आप क्राइम-एक्शन थ्रिलर के शौकीन हैं, तो यह वेब सीरीज जरूर देखें। यह पॉलिटिक्स, पुलिस और अंडरवर्ल्ड के गठजोड़ को बेहतरीन तरीके से पेश करती है और आपको अंत तक बांधे रखती है।
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