Wednesday, 16 October, 2024

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शाहरुख जैसी ‘देवदास’ में एक्टिंग करना आजकल के एक्टर्स से बस की बात नहीं: संजय लीला भंसाली

Sanjay Leela Bhansali Talk About Devdas: संजय लीला भंसाली ने हाल ही में देवदास फिल्म के कलाकारों शाहरुख, ऐश्वर्या, माधुरी और किरण खेर की जमकर तारीफ की। जानें, क्या कहना है संजय लीला भंसाली का।

Sanjay Leela Bhansali Talk About Devdas
Sanjay Leela Bhansali Talk About Devdas

Sanjay Leela Bhansali Talk About Devdas: संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी देवदास तो हर किसी को याद होगी। देवदास में शाहरुख खान के अभिनय को खूब सराहा गया था। इतना ही नहीं, देवदास फिल्म संजय लीला भंसाली की अब तक की सबसे बेहतरीन फाइनेस्ट वर्क में से एक मानी जाती है। हाल ही में संजय लीला भंसाली ने देवदास के एक्टर्स की शानदार एक्टिंग पर खुलकर बात की। चलिए जानें, क्या कहना है संजय लीला भंसाली का।

Sanjay Leela Bhansali Talk About Devdas

Sanjay Leela Bhansali Talk About Devdas

क्या कहना है संजय लीला भंसाली का

संजय लीला भंसाली से हाल ही में एक इंटरव्यू में आजकल के कलाकारों के ओपेरा प्रदर्शन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस पर खुलकर जवाब दिया। संजय लीला भंसाली का कहना है कि मुझे लगता है सिनेमा बदल गया है। तकनीक बदल गई हैं। अब निर्देशक सिनेमा को अलग नजरिए से देखते हैं। स्क्रिप्ट राइटर अलग तरीके से लिख रहे हैं। बहुत ही अलग-अलग और असामान्य भूमिकाएं बन रही हैं। यह भारतीय सिनेमा के लिए बहुत ही अच्छा समय है। आज बेहतरीन फिल्में बन रही है और बेहद अद्भुत काम किया जा रहा है।

शाहरुख जैसा अभिनय करना कठिन

संजय लीला भंसाली ने आगे कहा कि लेकिन जैसा देवदास में प्रदर्शन किया गया वह बहुत हाई पिच और ऑपरेटिव था, ऐसी परफॉर्मेंस दोबारा होना मुश्किल है। उन्होंने कहा, उन दिनों निर्देशक अभिनेताओं से वैसा ही बनने की मांग करते थे लेकिन आज के अभिनेता अभिनय कम करते हैं और अभिनय की डिमांड ही कम है। हालांकि यह भी अच्छा है। उन्होंने यह भी कहा कि शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय, माधुरी दीक्षित और किरण खेर ने देवदास में जो किया, ये वो नोट्स और सुर हैं, जिन्हें आज के अभिनेता शायद ही कर पाएं। दरअसल, वे थोड़े अवास्तविक थे। उन्होंने कहा, अभिनय तकनीक की गहरी समझ रखने वाले शाहरुख ने अपनी प्रतिभा से इस फिल्म में अपने अभिनय का लोहा मनवाया।

बता दें, देवदास 1917 में शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास पर आधारित थी, इसे खूब प्रशंसा मिली थी। वहीं आपको बता दें, संजय लीला भंसाली की हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई हीरामंडी को भी खूब प्रशंसा मिल रही है जो कि आजादी से पहले 1940 के दौर की है और लाहौर में हीरामंडी नामक रेड लाइट एरिया पर आधारित है। इसमें नवाबों और वेश्याओं के बीच के संबंध और आजादी के समय के संघर्ष को दिखाया गया है। यह हीरामंडी 1 मई को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी।

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First published on: May 19, 2024 08:26 PM

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