Surjit Patar Passes Away: पंजाब के प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार सुरजीत पातर (Surjit Patar) का निधन हो गया है। लुधियाना स्थित घर में उन्होंने अंतिम सांस ली। रात को ठीक ठाक सोए थे, सुबह उठे ही नहीं। पूरे जीवन साहित्य को समर्पित रहे सुरजीत पातर का जन्म 14 जनवरी 1941 को जालंधर जिले के गांव पत्तड़ कलां में हुआ। खबरों के अनुसार वो रात को ठीक सोए थे, लेकिन सुबह उठे ही नहीं। इस खबर से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
It is immensely sad and shocking to learn that Dr Surjit Patar, distinguished Punjabi poet, translator and scholar, has passed away. His poems enriched Punjabi literature and influenced successive generations of poets. May he RIP 🙏 pic.twitter.com/SyuJbiuGMQ
— K. Sreenivasarao (@ksraosahitya) May 11, 2024
कौन थे सुरजीत पातर
साहित्यकार सुरजीत पातर का नाम न सिर्फ पंजाब में ही फेमस है, बल्कि उन्हें कविताओं का शौक रखने वाले लोग भी अच्छे से जानते हैं। पातर का जन्म साल 1945 में जिला जालंधर के गांव पतड़ कलां में हुआ था। पातर PAU में पंजाबी के प्रोफेसर के पद पर भी रह चुके हैं। उन्हें उनके क्षेत्र में पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।
कैसे हुई मौत
मिली जानकारी के अनुसार सुरजीत शुक्रवार की रात को एकदम ठीक थे। वो अच्छे से सोने के लिए गए लेकिन अगले दिन यानी शनिवार की सुबह उठे ही नहीं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिस वजह से उनकी मौत हो गई है। हालांकि अभी तक मौत की सही पुष्टि नहीं हुई है कि वो कैसे मरे।
Woke up to sad news of passing away of great poet from Punjab; Surjit Patar… had pleasure of working with him as a thespian, later when I picked up journalism he used to freely share his views on Punjab, Punjabi, Punjabiyat… chalo alvida Patar sahib.. fir milange. pic.twitter.com/qS9LgXMOoc
— Anilesh Mahajan 🇮🇳 (@anileshmahajan) May 11, 2024
चाहने वाले दे रहे भावभीनी श्रद्धांजलि
कवि सुरजीत के निधन से उनके चाहने वाले गमगीन हो गए हैं। जैसे ही उनके मरने की खबर सामने आई सोशल मीडिया पर लोग उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देने लगे। एक यूजर ने लिखा- सुरजीतपतर पंजाबी मातृभाषा की सेवा करने वाले एक महान साहित्यकार थे जिनककी क्षति कभी पूरी नहीं हो सकती।
@SurjitPatar #surjitpatar ਪੰਜਾਬੀ ਮਾਂ ਬੋਲੀ ਦੀ ਸੇਵਾ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਮਹਾਨ ਸਾਹਿਤਕਾਰ ਦਾ ਘਾਟਾ ਕਦੀ ਪੂਰਾ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦਾ #harmeetbpsingh #Punjab pic.twitter.com/oRYH9Efqrb
— Harmeet BP Singh (@harmeetbpsingh) May 11, 2024
तुम हमेशा अपने शानदार काम के लिए याद रहोगे।
RIP, Surjit Patar ji, you will always be remembered for your excellent literary works pic.twitter.com/SQBu86iDaG
— Neel Kamal (@NeelkamalTOI) May 11, 2024
R.I.P#surjitpatar pic.twitter.com/3c5J8dd10b
— ਮਨਦੀਪ ਕੌਰ ਸੰਧੂ (@Mannsandhu25) May 11, 2024
एक अन्य ने लिखा-मशहूर पंजाबी लेखक और कवि सुरजीत पातर ‘नए रास्तों’ की तलाश में निकल गए हैं।ताउम्र साहित्य को समर्पित रहे सुरजीत पातर का जन्म 14 जनवरी 1941 को जालंधर जिले के गांव पत्तड़ कलां में हुआ।
मशहूर पंजाबी लेखक और कवि सुरजीत पातर ‘नए रास्तों’ की तलाश में निकल गए हैं।
ताउम्र साहित्य को समर्पित रहे सुरजीत पातर का जन्म 14 जनवरी 1941 को जालंधर जिले के गांव पत्तड़ कलां में हुआ।
Renowned Punjabi writer Surjit Patar passes away#RIP #SurjitPatar pic.twitter.com/zwpkv11xfg
— Dinesh Sharma (@sdineshaa) May 11, 2024
इन पुरस्कारों से किया गया था सम्मानित
सुरजीत पातर एक अच्छे कवि होने के साथ एक बेहतरीन साहित्यकार भी थे। उन्हें उनके कार्य के लिए कई सारे पुरस्कारों से नवाजा गया। सुरजीत को साल 2012 में पद्मश्री मिला। इसके अलावा उन्हें 1993 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 2009 में सरस्वती सम्मान और गंगाधर राष्ट्रीय कविता पुरस्कार, 1979 में पंजाब साहित्य अकादमी पुरस्कार के साथ ही कई अन्य सम्मान से सम्मानित किया गया।