आज भले ही बॉलीवुड सुपरस्टार धर्मेंद्र हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनकी यादें और ब्लॉकबस्टर फिल्मों हमेशा के लिए अमर हैं. 6 दशक से ज्यादा समय से ज्यादा इंडस्ट्री में छाए धर्मेंद्र ने अपनी फिल्मों से हर किसी का दिल जीता. आज हम आपको धर्मेंद्र की एक ऐसी फिल्म के बारे में बता रहे हैं, जिसने उनकी किस्मत बदल दी और उन्हें रातोंरात सुपरस्टार बना दिया. ये फिल्म धर्मेंद्र के करियर की पहली हिट फिल्म भी मानी जाती है. वहीं इस फिल्म की हीरोइन संग धर्मेंद्र का नाम भी जुड़ा था. दोनों के अफेयर के चर्चे भी खूब हुए.
हम जिस फिल्म की बात कर रहे हैं वो है फूल और पत्थर, जो साल 1966 में रिलीज हुई थी. ये धर्मेंद्र के करियर की पहली हिट फिल्म भी मानी जाती है. बड़े पर्दे पर उतरते ही इस फिल्म ने तहलका मचा दिया था. फिल्म पूरे 50 हफ्तों तक सिनेमाघरों में चली थी. दर्शकों ने इसे भरपूर प्यार दिया जिसके बाद धर्मेंद्र रातोंरात सुपरस्टार बन गए. इस फिल्म में उनके साथ हिंदी सिनेमा दिग्गज एक्ट्रेस मीना कुमारी शामिल थी.
धर्मेंद्र ने निभाया गैंगस्टर का किरदार
फिल्म फूल और पत्थर में धर्मेंद्र लीड रोल में थे. इस फिल्म की कहानी एक खतरनाक गैंगस्टर के इर्द-गिर्द घूमती है. गैंगस्टर का नाम शाका होता है, जिसकी मुलाकात एक शांति देवी नाम की विधवा से होती है और उसका जीवन बदल जाता है. इस फिल्म के लिए मेकर्स ने पहले सुनील दत्त को चुना था, लेकिन उन्होंने इस फिल्म को करने से मना कर दिया था. इसके बाद धर्मेंद्र को मौका मिला और मीना कुमारी ने शांति का किरदार निभाया.
धर्मेंद्र और मीना कुमारी की जोड़ी
फिल्म में शामिल धर्मेंद्र और मीना कुमारी की जोड़ी ने दर्शकों को खूब आकर्षित किया. रिलीज होते ही ये फिल्म छा गई थी. इसके साथ ही धर्मेंद्र-मीना की जोड़ी हिट जोड़ी मानी जाने लगी. दोनों ने कई फिल्मों में साथ काम किया, जिसके बाद दोनों के अफेयर के चर्चे भी खूब होने लगा. कहा जाता है कि शादीशुदा मीना कुमारी और धर्मेंद्र एक दूसरे को चाहने लगे थे. लेकिन बाद में ऐसा कुछ सामने नहीं आया और दोनों के रास्ते अलग हो गए.
मिले कई अवॉर्ड
धर्मेंद्र की हिट फिल्म फूल और पत्थर ने जबरदस्त कमाई के साथ ही कई अवॉर्ड भी अपने नाम किए. फिल्म को दो फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिले. वसंत बोरकर को बेस्ट एडिटिंग और शांति दास को बेस्ट आर्ट डायरेक्शन के लिए सम्मान दिया गया. इस फिल्म में धर्मेंद्र और मीना कुमारी के अलावा शशिकला, जीवन, ललिता पवार, मदन पुरी, टुनटुन, लीला चिटनिस, सुंदर और इफ्तिखार जैसे शानदार कलाकार थे.