Bollywood Veteran Actress Fashionista: बॉलीवुड में कई एक्ट्रेसेस ऐसी रही हैं जिन्होंने अपना करियर बेशक छोटे किरदारों से शुरू किया हो लेकिन बाद में वह सुपरस्टार बनीं। लेकिन उनकी जिंदगी में कुछ ऐसे गम थे जिसकी वजह से उनकी जान चली गई। आज हम आपको एक ऐसी ही मिस्ट्री गर्ल के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपने करियर की शुरुआत में यानी अपनी डेब्यू फिल्म में मात्र एक रुपए फीस ली थी लेकिन बाद में वह इतनी बड़ी सुपरस्टार बनी की उनके चर्चे हर ओर हुए। लेकिन उनकी जिंदगी में एक गम इतना बड़ा था जो उनके लिए जानलेवा हो गया। चलिए जानते हैंं कौन है यह बॉलीवुड की सुपरस्टार।
साधना कट था बहुत फेमस
यह बॉलीवुड की वो सुपरस्टार हैं जिनकी तस्वीरें नाई की दुकानों और ब्यूटी पार्लर की दुकानों में खूब लगी हुई देखी होंगी। इनका हेयर स्टाइल ऐसा था कि हर कोई कहता था कि चाहिए तो सिर्फ साधना कट। इतना ही नहीं, महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी इनके हेयर स्टाइल के दीवाने थे। उनकी फिल्मी बायोग्राफी भी कुछ कम दिलचस्प नहीं रही है।
एक्स्ट्रा कलाकार के रूप में शुरू किया करियर
1960 के दशक में अपने करियर को एक्स्ट्रा कलाकार के रूप में शुरू करने वाली यह कोई और नहीं बल्कि साधना शिवदासानी थीं जिनका असल नाम अंजलि शिवदासानी था। उन्होंने एक कोरस कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू किया था।
साधना का शुरुआती जीवन
2 सितंबर 1941, कराची में जन्मी साधना का परिवार देश के विभाजन के बाद बंबई चला गया। उस समय साधना 7 साल की थीं। साधना के पिता हरि शिवदासानी, बॉलीवुड एक्ट्रेस बबीता के पिता के बड़े भाई हैं। साधना, बबीता की कजिन बहन हैं और करिश्मा और करीना की चाची थीं। कॉलेज के दिनों में साधना का परिवार काफी आर्थिक तंगियों से गुजर रहा था। अपने परिवार की मदद करने के लिए साधना ने कोलाबा में एक टाइपिस्ट की नौकरी की और अपनी पढ़ाई पूरी करके आगे काम किया।
फिल्मों में आईं साधना
साधना को हमेशा से ही सिनेमा पसंद था। नूतन उनकी प्रेरणा थीं और वह देवानंद की फैन थीं। जब साधना 13 साल की थीं उन्होंने सबसे पहले राज कपूर के साथ स्क्रीन शेयर की। उस समय साधना को टीनएज में एक एक्स्ट्रा कलाकार के रूप में काम मिला और उन्होंने श्री 420 फिल्म, जो 1955 में आई थी में, ‘मुड़ मुड़ के ना देख मुड़ मुड़ के’ गाने पर राज कपूर के साथ स्क्रीन शेयर की थी।
एक रुपए मिली फीस
साधना जब 15 साल की थी तो वह कॉलेज में स्टेज शो और ड्रामा करने लगी थीं। उस दौरान कुछ निर्माताओं ने उनसे कांटेक्ट किया और उन्हें पहली सिंधी फिल्म ‘अबाना’ मिली, जो कि 1958 में आई थी। ऐसा माना जाता है कि इस फिल्म के लिए साधना को 1 रुपए फीस दी गई थी।
कब मिला बड़ा ब्रेक
‘अबाना’ के प्रमोशन के दौरान प्रोड्यूसर शशधर मुखर्जी की नजर साधना पर पड़ी और उन्होंने अपने बेटे जॉय मुखर्जी के साथ 1960 में आई फिल्म लव इन शिमला के लिए साधना को कास्ट किया। लव इन शिमला बॉक्स ऑफिस पर हिट हुई और तभी से साधना का हेयर स्टाइल फेमस हुआ जिसे साधना कट नाम दिया गया। 1960 के दशक में साधना ने कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दी, जिनमें शामिल हैं, हम दोनों, असली नकली, मेरे महबूब, वो कौन थी, मेरा साया, वक्त और अनीता।
फिल्मों से लिया संन्यास
साधना ने 7 मार्च 1966 को लव इन शिमला के निर्देश रामकृष्ण नैय्यर से शादी कर ली। उनकी शादी लगभग 30 साल तक चली और 1995 में रामकृष्ण नैय्यर का अस्थमा के कारण निधन हो गया। साधना और राम कृष्ण नैय्यर के कोई संतान नहीं थी। 60 के दशक के आखिर में साधना को थॉयराइड के कारण कई सेहत संबंधी समस्याएं हुईं जिसका उन्होंने बोस्टन में इलाज करवाया। अमेरिका से लौटने के बाद साधना ने इंतेकाम, राजकुमार और एक फूल दो माली जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया। 1974 में साधना ने ‘गीता मेरा नाम’ से डायरेक्शन के क्षेत्र में कदम रखा। इस फिल्म के बाद उन्होंने अभिनय से संन्यास ले लिया और सहायक भूमिकाएं करने से मना कर दिया। हाइपोथायरायडिज्म के कारण साधना को आंखों की समस्या हो गई थीं तो उन्होंने रिटायरमेंट के बाद फोटो खिंचवाने से भी मना कर दिया।
साधना के आखिरी दिन
साधना बीमारी से पीड़ित थी, मुंह से ब्लीडिंग होने के कारण उन्हें सर्जरी भी करवानी पड़ी थी। तेज बुखार के कारण वह अस्पताल में भी भर्ती हुई और 15 दिसंबर 2015 को साधना ने हिंदुजा अस्पताल में अंतिम सांस ली। ऐसा माना जाता है मिस्ट्री गर्ल साधना ने अपने अंतिम दिनों में तन्हाई और बीमारियों के बीच अकेले ही दम तोड़ दिया।
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