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Bhool Chuk Maaf Review: Maddock ने कराई टाइम लूप की सैर, इमोशन और ह्यूमर से भरी है ये फैमिली एंटरटेनर

Bhool Chuk Maaf Review: मैडॉक फिल्म्स के निर्माता दिनेश विजान एक बार फिर अपना एक नया एक्सपेरिमेंट लेकर आ गए हैं, टाइम लूप पर बनी फिल्म 'भूल चूक माफ' रिलीज हो गई है। फिल्म कैसी है, ये जानने के लिए पढ़ें E24 का रिव्यू।

Bhool Chuk Maaf
Bhool Chuk Maaf
Movie name:Bhool Chuk Maaf
Director:Karan Sharma
Movie Casts:Rajkummar Rao and Wamiqa Gabbi

Bhool Chuk Maaf Review: (By- Navin Singh Bhardwaj) आज थियेटर पर एक साथ 7 फिल्में रिलीज हुई हैं, जिनमें सबसे ज्यादा चर्चा बॉलीवुड फिल्म ‘भूल चूक माफ’ की है। राजकुमार राव और वामिका गब्बी स्टारर ‘भूल चूक माफ’ का निर्देशन करण शर्मा ने किया है और इसके निर्माता दिनेश विजान हैं। टाइम लूप में फंसकर रंजन की जिंदगी में क्या बवाल होता है और तितली और रंजन की ये प्रेम कहानी कितनी हंसाती है और कितना एंटरटेन करती है, ये तो आपको फिल्म का रिव्यू पढ़कर समझ आ जाएगा। मैडॉक फिल्म्स के तले बनी राजकुमार और वामिका की ‘भूल चूक माफ’ कैसी है, ये जानने के लिए पढ़ें E24 का रिव्यू।

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‘भूल चूक माफ’ की कहानी

ये कहानी शिव की नगरी बनारस की है, जहां रंजन नाम के लड़का अपनी गर्लफ्रेंड तितली से शादी करना चाहता है। मगर आमतौर पर जैसे लड़की के पिता का सपना होता है कि उनका दामाद सरकारी नौकरी वाला हो, उसी तरह बृजमोहन भी रंजन के सामने शर्त रख देते हैं कि सरकारी नौकरी पाओ और उनकी बेटी से ब्याह रचा लो। इस शर्त को सुनकर रंजन सीधे मंदिर की चौखट पर, भगवान से मन्नतें करता है, लेकिन प्रार्थना में भी रंजन से भूल हो जाती है। खैर, रंजन यानी राजकुमार राव को फाइनली सरकारी नौकरी मिल जाती है और सब लोग शादी की तैयारियों में जुट जाते हैं। हालांकि कहानी में ट्विस्ट तब आता है, जब 29 की हल्दी और 30 शादी तय हो जाती है, लेकिन हल्दी वाले दिन के बाद जब अगली सुबह रंजन उठता है, तो फिर से उसकी हल्दी का ही दिन वापस आ जाता है। 29 के फेर से निकलने के लिए गाय को रोटी खिलाने, पक्षियों को दाना देने, मछलियों को खाना देने से लेकर गरीबों को खाना खिलाने तक रंजन सब करता है,लेकिन उसके बाद भी वो इस टाइम लूप के फेर से निकल नहीं पाता है। इस कहानी में सबसे दिचलस्प बात ये है कि चाहे बार-बार हल्दी वाला दिन लौट कर आए, लेकिन हर दिन की कहानी बदल जाती है। स्क्रीन पर रंजन की बेचैनी, और थियेटर में आपका इंट्रेस्ट दोनो को बनाए रखने का काम कहानी ने अच्छे से किया है।

कैसा है फिल्म का डायरेक्शन

अब बात करते हैं करण शर्मा की निर्देशन की, तो उन्होंने अच्छा काम किया है और कहानी लिखने के मामले में भी हर कैरेक्टर के लिए सीन रखने की कोशिश साफ दिखी है। हां मूवी में कहीं कहीं पर डायलॉग्स थोड़ा ज्यादा ही फोर्स्ड लगने लगे, स्टोरी थोड़ी क्रिस्प हो सकती थी। केतन सोधा और टैनिस बागची ने म्यूजिक में शानदार काम किया है। फिल्म निर्माता दिनेश विजान ने ‘भूल चूक माफ’ में टाइम लूप का एक शानदार एक्सपेरिमेंट किया था, जो शायद लोगों को पसंद भी आ रहा है। कॉमेडी और रोमांस के साथ टाइम लूप का चक्कर दर्शकों को थियेटर तक खींच लाने में कामयाब होगा।

स्टारकास्ट की एक्टिंग

राजकुमार राव की एक्टिंग हर बार थियेटर में लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर देती है और इस बार भी उन्होंने बेहतरीन काम किया है और उनका देसी अंदाज फिर से लोगों को इंप्रेस कर देगा। वामिका गब्बी ने भी फिल्म में अपना रोल को बखूबी निभाया है। रघुबीर यादव, सीमा पाहवा, ज़ाकिर हुसैन, संजय मिश्रा ने भी अच्छा काम किया है।

फाइनल वर्डिक्ट

आज के दौर में देसी कॉमेडी लोगों की पहली पसंद बनी हुई है और इसी वजह से इन फिल्मों की भरमार ओटीटी पर भी देखने को मिल रही है। सह-निर्माता शारदा कार्की जलोटा, निर्माता दिनेश विजान, लेखक और निर्देशक करण शर्मा की फिल्म ‘भूल चूक माफ’ साबित करती है कि फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि हमें जीवन के मायने भी सिखाती हैं।

‘भूल चूक माफ’ को मिलते हैं : 3 स्टार

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First published on: May 23, 2025 02:00 PM

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