Rupali ganguly shared struggle story: रुपाली गांगुली आज भले ही अनुपमा के किरदार से घर-घर में मशहूर हैं। आज भले ही वो टीवी की हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस में से एक हैं, लेकिन एक समय में रुपाली को अपने पिता के इलाज का खर्च उठाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा था। उस समय उन्हें जो भी काम मिल रहे थे, वो उसे हां कह देती थीं। उन्होंने आज तक किसी काम को ना नहीं कहा। एक्ट्रेस ने कहा कि उस समय उन्हें जो भी काम मिला वो करती गईं। उन्होंने एक बार भी ये नहीं सोचा कि उनके लिए कौन सा काम बड़ा है कौन सा छोटा। इसी दौरान उन्हें ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ में मोनिशा का किरदार निभाया था। 90 के दशक में उनका ये किरदार काफी फेमस हुआ था।
लोग रुपाली पर खाते थे तरस
रुपाली ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने स्ट्रगल के दिनों को याद किया। उन्होंने बताया कि जब वो टीवी के लिए स्ट्रगल कर रही थीं तो लोग उनके साथ हमदर्दी जताते थे, उनपर तरस खाते थे क्योंकि वो फिल्मों को छोड़कर टीवी रोल्स के लिए ट्राय कर रही थीं। एक्ट्रेस ने बताया कि उन्हें इन सब चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता था, क्योंकि उस समय उनके लिए उनका घर चलाना ज्यादा जरूरी था। हालांकि, बंगाली समाज से नाता रखने के कारण लोग उन्हें ताने मारते थे, उनका मानना था कि टीवी उनके लिए छोटी जगह है।
पिता के इलाज के खर्च के लिए किया टीवी
एक्ट्रेस का कहना है कि उनके लिए उनके पिता से बढ़कर ना कोई सपना था और ना ही कोई चाह। उन्होंने टीवी से मिले काम को सिर्फ इसलिए हां कहा क्योंकि वो चाहती थी कि उनके पिता का इलाज सरकारी अस्पताल में नहीं बल्कि लीलावती अस्पताल में हो। यही वजह थी कि उस समय उन्हें और उनके भाई को जो भी काम मिलता था वो हां कह देते थे। बता दें कि रुपाली के पिता भी फेमस डायरेक्टर और स्क्रीनराइटर थे।
किस्मत से मिले अच्छे किरदार
रुपाली ने पहले भी एक इंटरव्यू में कहा था कि ये उनके ऊपर भगवान की कृपा ही थी, कि उन्हें अच्छे किरदार मिले। उन्होंने कहा कि उनके लिए ये बड़ी बात है कि टीवी की दुनिया में उन्हें जब भी मौका मिला उन्होंने कुछ ऐसे किरदार निभाए, जिसके लिए आज भी उन्हें सराहा जाता है। लोग उन्हें देखते ही उस किरदार के नाम से बुलाते हैं। रुपाली का मानना है कि ये उनके लिए एक अचीवमेंट से कम नहीं। बता दें कि रुपाली मे सीरियल सुकन्या से अपने टीवी के सफर की शुरुआत की थी।