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बॉलीवुड का असली हीरा है संजय लीला भंसाली,ये शानदार फिल्में देती हैं गवाही

Sanjay Leela Bhansali Birthday: संजय लीला भंसाली हैं। हीरामंडी का टीज़र आपने देखा होगा, जिसका सपना भंसाली ने 18 साल पहले से बुन रखा था....

sanjay leela bhansali birthday special Heeramandi Padmaavat saawariya
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Sanjay Leela Bhansali Birthday: इस दौर में जब राजमौली की फिल्म RRR ऑस्कर तक पहुचंकर हिंदुस्तानी फिल्मों का डंका बजाती है, एटली की जवान कमाई में रिकॉर्ड बनाती है, सिद्धार्थ आनंद की फिल्म कि पठान स्पाई यूनीवर्स का झंडा फहराती है और संदीप रेड्डी वांगा की एनिमल एल्फ़ा मेल का नारा बुलंद करती है। इन सबके बीच में एक शख़्स खामोशी से अपने महिला किरदारों के रंग भरता है, उनकी दुनिया सजाता है। उनके किरदारों की नक्काशी करता है और फिर एक ऐसे शानदार अंदाज़ से उन्हे पेश करता है कि देखने वालों की पलकें तक ना झपकें।

भंसाली की दुनिया में तवायफ़ें भी हीरा

ये संजय लीला भंसाली हैं। हीरामंडी का टीज़र आपने देखा होगा। इस ओटीटी सीरीज, जिसका सपना भंसाली ने 18 साल पहले से बुन रखा था। उसे देखकर हर कोई दंग रह गया। ये भंसाली (Sanjay Leela Bhansali Birthday) की वो दुनिया है, जहां तवायफ़ें भी हीरा है और उनकी दुनिया हीरामंडी।

कभी साड़ी में फॉल लगाते थे भंसाली

भंसाली ने लव एंड वॉर के लिए भी शतरंज बिछा दी है, जहां रणबीर कपूर, आलिया भट्ट और विक्की कौशल साथ आने को तैयार हैं। अपनी फिल्मों को उनके किरदारों को उनके कपड़ों, सेट की दीवारों, चादर की सलवटों और कांच की खिड़कियों में तक रंग भरने वाले भंसाली का बचपन एक बेरंग कमरे में बीता है। जहां अपने शराबी पिता से बचकर अपनी मां के साथ साड़ियों में फॉल लगाया करते। इन साड़ियों की रंगत और मां के प्यार का असर उनकी फिल्मों के हर महिला किरदार में नज़र आता है।

हम दिल दे चुके सनम से चमका सितारा

डीडी पर आने वाली सीरीज़ भारत एक खोज के वीडियो एडिटर के तौर पर भंसाली ने अपनी सीखने की जर्नी शुरु की। फिर सिनेमा की सीख FTTI और डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा के साथ उनकी फिल्म परिंदा में बतौर असिस्टेंट शुरु हुई। 1942 ए लव स्टोरी में भंसाली की झलक आपको नजर आएगी। भले ही इस फिल्म में भी वो AD ही थे। विधु विनोद चोपड़ा के बैनर तले ही भंसाली ने अपनी पहली फिल्म ख़ामोशी बनाई और फिर हम दिल दे चुके सनम तक भंसाली हिंदुस्तानी सिनेमा का एक ऐसा सितारा बन गए,जिनकी चमक में हर किरदार, हर कहानी खिल उठती थी।

ब्लैक से सांवरियां तक का सफर

60 साल की उम्र और 35 साल के अपने फिल्मी सफ़र मे उन्हे सात राष्ट्रीय पुरस्कार और 12 फिल्म फेयर अवॉर्ड के साथ पद्मश्री जैसा सम्मान मिल चुका है। भंसाली की संगत में आकर देवदास बहक जाता है, पारो और चंद्रमुखी की ख़ूबसूरती और प्यार दोनो अपनी मंज़िल पा लेती है। ब्लैक की ख़ामोशी भी भंसाली की इस दुनिया का हिस्सा है। सांवरियां का संगीत भी अपना असर यहां छोड़ता है।

ऋतिक की गुजारिश से दीपिका की पद्मावत

संजय लीला भंसाली के साथ काम करना इंडस्ट्री के स्टार्स की विश-लिस्ट का हिस्सा है। ऋतिक की गुजारिश का दर्द सबसे भले ही ना झेला गया हो, लेकिन ये फिल्म शानदार थी। गोलियों की रासलीला राम-लीला में दीपिका और रनवीर सिंह को अपनी उनका सजाने वाला मुर्तिकार भंसाली में ही मिला,जो बाजीराव मस्तानी और पद्मावत के साथ इन दोनो स्टार्स की फिल्मोग्राफी की सबसे सुनहरी फिल्में रचने वाले डायरेक्टर बने।

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जब गंगु को भंसाली ने दी पहचान

आलिया की गंगुबाई को देखकर सबने तालियां बजाई और इस फिल्म के लिए आलिया को अपने करियर का पहला नेशनल अवॉर्ड भी मिला। भंसाली ने अपनी कहानियों में औरतों के सबसे शानदार किरदार गढ़े हैं, आंख़ों को चौंधिया देने वाला संसार रचा है। सिनेमा के इस जादुगर को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।

First published on: Feb 24, 2024 05:11 PM

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